बाड़मेर, 19 जून। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों के लिए आवासीय विद्यालय एवं छात्रावास योजना संचालित की जा रही है। प्रदेश में बालक-बालिकाओं के लिए 24 आवासीय विद्यालयों तथा 802 छात्रावासों का संचालन किया जा रहा है। इसमंे प्रवेश के लिए विभिन्न वर्गाें के विद्यार्थी आवेदन कर सकते है।
निदेशक एवं संयुक्त शासन सचिव सांवरमल वर्मा ने बताया कि अनुुसूचित जाति क्षेत्रों में स्थापित आवासीय विद्यालयों में 60 प्रतिशत स्थान अनुसूचित जाति के लिए 15 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति वर्ग, 15 प्रतिशत स्थान अन्य पिछडा वर्ग, विशेष पिछडा वर्ग सहित तथा 10 प्रतिशत आर्थिक पिछडा वर्ग के लिए निर्धारित है। इसके अलावा अनुसूचित जनजाति क्षेत्रो में स्थापित आवासीय विद्यालयों में 60 प्रतिशत स्थान अनुसूचित जनजाति, 15 प्रतिशत अनु.जाति वर्ग, 15 प्रतिशत स्थान अन्य पिछडा वर्ग, विशेष पिछडा वर्ग सहित तथा 10 प्रतिशत आर्थिक पिछडा वर्ग के लिए आरक्षित है। उन्हांेने बताया कि विशेष पिछडा वर्ग के क्षेत्र में स्थापित आवासीय विद्यालयों देवनारायण आवासीय विद्यालय में 60 प्रतिशत स्थान विशेष पिछडा वर्ग के लिए, अनु.जाति वर्ग, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछडा वर्ग तथा आर्थिक पिछडा वर्ग के लिए 10-1010 फीसदी स्थान आरक्षित है। उनके मुताबिक निष्क्रमणीय पशुपालकों के बच्चों के लिए संचालित आवासीय विद्यालयों में 100 प्रतिशत स्थान उनके लिए आरक्षित है। इसी तरह भिक्षावृृति एवं अन्य अवांछित वृृतियों में लिप्त परिवारों के बच्चों के लिए संचालित आवासीय विद्यालयों में 100 प्रतिशत स्थान भिक्षावृृति एवं अन्य वृृतियों में लिप्त परिवारों के बच्चों के लिए आरक्षित है। वर्मा ने बताया कि छात्रावासों में भी विभिन्न वर्गो के विद्यार्थी प्रवेश के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस संबध में आवेदन पत्र एवं अन्य जानकारी विभागीय वेबसाईट www.sje.rajasthan. gov.in से प्राप्त की जा सकती है।
निदेशक एवं संयुक्त शासन सचिव सांवरमल वर्मा ने बताया कि अनुुसूचित जाति क्षेत्रों में स्थापित आवासीय विद्यालयों में 60 प्रतिशत स्थान अनुसूचित जाति के लिए 15 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति वर्ग, 15 प्रतिशत स्थान अन्य पिछडा वर्ग, विशेष पिछडा वर्ग सहित तथा 10 प्रतिशत आर्थिक पिछडा वर्ग के लिए निर्धारित है। इसके अलावा अनुसूचित जनजाति क्षेत्रो में स्थापित आवासीय विद्यालयों में 60 प्रतिशत स्थान अनुसूचित जनजाति, 15 प्रतिशत अनु.जाति वर्ग, 15 प्रतिशत स्थान अन्य पिछडा वर्ग, विशेष पिछडा वर्ग सहित तथा 10 प्रतिशत आर्थिक पिछडा वर्ग के लिए आरक्षित है। उन्हांेने बताया कि विशेष पिछडा वर्ग के क्षेत्र में स्थापित आवासीय विद्यालयों देवनारायण आवासीय विद्यालय में 60 प्रतिशत स्थान विशेष पिछडा वर्ग के लिए, अनु.जाति वर्ग, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछडा वर्ग तथा आर्थिक पिछडा वर्ग के लिए 10-1010 फीसदी स्थान आरक्षित है। उनके मुताबिक निष्क्रमणीय पशुपालकों के बच्चों के लिए संचालित आवासीय विद्यालयों में 100 प्रतिशत स्थान उनके लिए आरक्षित है। इसी तरह भिक्षावृृति एवं अन्य अवांछित वृृतियों में लिप्त परिवारों के बच्चों के लिए संचालित आवासीय विद्यालयों में 100 प्रतिशत स्थान भिक्षावृृति एवं अन्य वृृतियों में लिप्त परिवारों के बच्चों के लिए आरक्षित है। वर्मा ने बताया कि छात्रावासों में भी विभिन्न वर्गो के विद्यार्थी प्रवेश के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस संबध में आवेदन पत्र एवं अन्य जानकारी विभागीय वेबसाईट www.sje.rajasthan.
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