शहीदांे के जीवन से प्रेरणा लेकर युवा पीढ़ी को देश सेवा के लिए प्रेरित करें।
बाड़मेर, 31 मई। देश की सरहद की रक्षा करते हुए अपनी जान न्योछावर करने वाले बाड़मेर जिले के
वीर सपूतांे के शौर्य को सलाम करने के लिए राज्य सैनिक कल्याण सलाहकार समिति के अध्यक्ष
प्रेमसिंह बाजौर की अगुवाई मंे शहीद सम्मान यात्रा बाड़मेर पहुंची। उन्हांेने शहीदांे
के परिजनांे से मुलाकात कर उनका सम्मान किया।
इस अवसर पर राज्य सैनिक कल्याण सलाहकार समिति के अध्यक्ष प्रेमसिंह बाजौर ने कहा
कि आमजन शहीदांे के जीवन से प्रेरणा लेकर युवा पीढ़ी को देश सेवा के लिए प्रेरित करें।
उन्हांेने कहा कि देश के 125 करोड़ लोगों की सुरक्षा के लिए सैनिक सीमा पर दुख-दर्द सहकर भी ईमानदारी से अपने
कर्तव्य का निर्वाह कर युद्ध एवं आतंकवाद के खिलाफ अनुशासन से जंग लड़कर अपने जीवन की
आहुति देकर मातृभूमि का ऋण चुकाकर अमर हो जाते है। उन्होंने कहा कि मनुष्य का जीवन
बचाना हर परिवार का धर्म होता है। लेकिन सैनिक देश की रक्षा करते हुए अपना जीवन मातृभूमि
के प्रति न्यौछावर कर देते है। उन्होंने कहा कि शहीद के ग्रामवासी भाग्यशाली होते है, अतः शहीदों का सम्मान
करें।
बाजौर ने उपस्थित लोगांे
से शहीदों को देवी-देवताओं का दर्जा देकर देश के सैनिकों का मनोबल बढ़ाने की बात कही।
उन्हांेने विवाह समारोह में शहीदों की प्रतिमाओं के मत्था टेकने की परंपरा शुरू करने
पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जिस तरह मुस्लिम समुदाय के लोग दिन में पांच बार नमाज
को धर्म से जोड़कर रास्ते, स्टेशन आदि में प्रार्थना कर स्वस्थ जीवन व्यतीत कर रहे हैं। उसी तरह देश की 36 कौमों के लोगों को
योगा आदि को जीवन में आत्मसात कर बच्चों को सैनिकों के प्रति संस्कार देने की पहल करनी
चाहिए। बाजौर ने कहा कि उनकी यात्रा का उद्देश्य ऐसे शहीद के परिजनों को मदद दिलाना
है जो उनको नहीं मिल सकी है।
चेयरमैन बाजौर ने मुख्यमंत्री
वसुंधरा राजे की शहीदों के प्रति भावना से अवगत कराते हुए शहीद परिवार के सदस्यों को
नौकरी देने, शहीदों के नाम विद्यालय अथवा संस्था का नाम रखने और गांव में मूर्ति अनावरण करने
के साथ जिला एवं उपखंड स्तर पर शहीद परिवार की समस्याओं को सुलझाने की भावना से अवगत
कराया। उन्हांेने कहा कि शहीद सम्मान यात्रा पिछले 14 माह मंे 1312 शहीदांे के घर पहुंचकर उनके परिजनांे का सम्मान कर चुकी है। अब तक 30 जिलांे मंे शहीदांे
के सम्मान के लिए 1 लाख 15 हजार किमी का सफर किया गया है, जो लिम्का बुक आफ रिकार्ड मंे दर्ज हुआ है। इस अवसर पर कर्नल जगदेवसिंह ने भारतीय
सेना की वीरता के विविध पहलूआंे से रूबरू कराते हुए कहा कि भारतीय सेना राष्ट्रीय एकता
की प्रतीक है। उसका एक मात्र धर्म राष्ट्र सेवा है। शहीद सम्मान यात्रा मंे शामिल शहीद
सुनील कुमार यादव के पिता सांवलराम यादव ने भारत माता की जय एवं शहीद अमर रहे के जयकारे
लगाए।
शहीदांे के परिजनांे का हुआ सम्मानः राज्य सैनिक कल्याण सलाहकार समिति के अध्यक्ष प्रेमसिंह बाजौर की अगुवाई मंे शहीद
सम्मान यात्रा ने खिपलीखेड़ा मंे शहीद लास नायक मोटाराम की वीरांगना झमकू देवी, कोरना मंे शहीद हेमसिंह
के गोद पुत्र बाबूसिंह, नेवरी मंे शहीद सिपाही धनसिंह की वीरांगना मोहर कंवर, रेवाड़ा जेतमाल मंे
शहीद मंगलसिंह के भाई जेठूसिंह, मेवानगर मंे शहीद डिप्टी कमांडेंट भंवरसिंह की वीरांगना मोहन कुमारी, भूका मंे शहीद सिपाही
बिशनसिंह के भाई अर्जुनसिंह एवं नोसर मंे शहीद सिपाही नारणाराम के भाई रामाराम को सम्मानित
किया। इस दौरान नेवरी मंे शहीद की वीरागंना मोहन कंवर ने अपने पोते रूपसिंह को सरकारी
नौकरी दिलाने, सड़क बनाने का अनुरोध किया। इस दौरान नागणेची माता मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष
उम्मेदसिंह अराबा, कोरना सरपंच गुमानसिंह, छाछरलाई कला सरपंच कन्हैयालाल, पंूजराजसिंह, जोगसिंह, सुखाराम ,बाबूराम समेत कई गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
नागणेची माता मंदिर मंे दर्शन किएः राज्य सैनिक कल्याण सलाहकार समिति के अध्यक्ष प्रेमसिंह बाजौर ने नागणेची माता
मंदिर मंे दर्शन कर प्रदेश मंे खुशहाली की कामना की। इस दौरान नागणेची माता मंदिर प्रबंध
समिति के अध्यक्ष उम्मेदसिंह अराबा ने मंदिर की ऐतिहासिक विविधता की जानकारी दी।