सोमवार, 17 दिसंबर 2018

केंद्रीय अध्ययन दल ने लिया सूखे की स्थिति का जायजा

ग्रामीणों ने चारे एवं पानी की समस्या से अवगत कराया

बाड़मेर, 17 दिसंबर। केंद्रीय अध्ययन दल ने सोमवार को बाड़मेर जिले के विभिन्न गांवों का दौरा कर सूखे से उत्पन्न स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान ग्रामीणों ने चारे एवं पानी की दिक्कत के साथ रोजगार की समस्या से अवगत कराया।
केंद्रीय अध्ययन दल में शामिल कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव दिनेश कुमार, नीति आयोग के कृषि निदेशक शिवसिंह मीणा, कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण मंत्रालय के पशुपालन विभाग की अस्सिटेंट कमिश्नर श्रीमती सुलेखा एस.एल. एवं आपदा प्रबन्धन विभाग के सचिव हेमंत गेरा ने बाड़मेर जिले के सणपा फांटा, टाकू बेरी, धन्ने की ढाणी, बिलासर, गेहूं, बोथिया, निम्बला, गूंगा समेत कई गांवों का दौरा कर अकाल की स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान ग्रामीणों ने बताया कि बाड़मेर जिले में इस बार पर्याप्त बारिश नहीं होने से खरीफ की फसलों में शत- प्रतिशत खराबा हो गया है। मौजूदा समय में चारे, पानी की दिक्कत के साथ रोजगार की समस्या है। इस दौरान ग्रामीणों ने बताया कि यदि आने वाले समय में पशु शिविर एवं चारा डिपो नहीं खोले गए तो पशुधन को बचाना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने बताया कि चारे के भाव प्रति मण 500 रुपए हो गए है। ऐसे में ग्रामीणों के लिए अपने परिवार का गुजारा चलाने के साथ मवेशियों को पालना बेहद मुश्किल हो गया है। सणपा फांटा गांव में साजन की ढ़ाणी निवासी मानसिंह ने बताया कि उसने 12 बीघा भूमि में खरीफ की बुवाई की थी। लेकिन पूरा खराबा हो गया। सरपंच देवी सिंह, हनुमानराम, जेठाराम समेत कई ग्रामीणों ने चारे, पानी एवं रोजगार की समस्या से अवगत कराते हुए पशु शिविर एवं चारा डिपो खोलने तथा नरेगा में अतिरिक्त रोजगार दिलाने की मांग रखी। 
इस दौरान जिला कलक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते ने कृषि आदान से प्रभावित किसानों की सूची अटल सेवा केंद्र पर संबंधित विभागीय अधिकारियों को चस्पा करने के निर्देश दिए। राजस्व गांव टाकुबेरी में केसराराम ने बताया कि चारे की भयंकर स्थिति होने के कारण मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश एवं हरियाणा से आने वाला चारा भी गुणवत्ता वाला नहीं है। धन्ने की ढाणी में ग्रामीण अमराराम ने बताया कि एक बारिश होने से इस बार कुछ भी उत्पादन नहीं हुआ। यहां ग्रामीणों ने टैंकर से जलापूर्ति शुरू करवाने, पशु शिविर खोलने तथा रोजगार दिलवाने का अनुरोध किया। यहां ग्रामीण पोकर राम ने केंद्रीय अध्ययन दल को बताया कि केवल एक बारिश होने से टांकों में पानी नहीं आया। इसके उपरांत केंद्रीय अध्ययन दल ने गेहूं रोड़ स्थित गोपाल गौशाला का भी निरीक्षण किया। इस दौरान गोशाला के संस्थापक सदस्य रामकुमार जोशी ने गौशाला में पशुओं के रख रखाव एवं थारपारकर नस्ल के बारे में विस्तार से जानकारी दी। केंद्रीय अध्ययन दल ने गौशाला संचालन एवं मिलने वाले अनुदान के बारे में जानकारी ली। जिला कलक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते ने जिले में संचालित गौशालाओं के बारे में बताया। इस दौरान पुरुषोत्तम खत्री समेत कई गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। 
इसके बाद केंद्रीय अध्ययन दल को गेहूं गांव में ग्रामीणों ने खाद, बीज, चारा, पानी, पशुधन एवं रोजगार की समस्याओं के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि रोजाना ट्यूबवेल महज 2-3 घंटे ही चल पाता है। इसके चलते पानी की मांग पूरी नहीं हो पाती। बोथिया गांव में रामसिंह राजपुरोहित समेत अन्य ग्रामीणों ने रोजगार एवं चारे की कमी के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि खरीफ में ग्रामीणों ने बुवाई की लेकिन बरसात न होने के कारण क्षेत्र में शत प्रतिशत खराबा हो गया। केंद्रीय अध्ययन दल ने शिव तहसील मुख्यालय पर एवं गूंगा गांव के अटल सेवा केंद्र में ग्रामीणों से सूखे से उत्पन्न वस्तु स्थिति के बारे में जानकारी हासिल की।
इससे पहले बाड़मेर जिला मुख्यालय पर केंद्रीय अध्ययन दल ने कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक के दौरान सूखे से उत्पन्न स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी ली। जिला कलक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते ने केन्द्रीय दल को बाड़मेर जिले में चारे, पानी की उपलब्धता, फसलों में खराबे, प्रस्तावित कार्य योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बाड़मेर जिले में महज 131.32 मिमी बारिश हुई हैं। उन्होंने पेयजल परिवहन एवं पशु संरक्षण के लिए चारे की डिमांड के बारे में बताया। इस दौरान बाड़मेर पंचायत समिति की प्रधान श्रीमती पुष्पा चौधरी ने चारे एवं पानी की दिक्कत के बारे में बताया। गिडा पंचायत समिति के प्रधान लक्ष्मणराम ने राजस्व गांव को इकाई मानते हुए पशु शिविर खोलने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि मनरेगा में अतिरिक्त रोजगार जनवरी माह से दिलवाएं। जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता हेमंत चौधरी ने बताया कि जनवरी माह से बाड़मेर जिले में 350 स्थानों पर टैंकर्स से जलापूर्ति शुरू करनी पड़ेगी। बारिश होने तक करीब 1250 स्थानों पर टैंकर्स से जलापूर्ति करनी पड़ेगी। इस दौरान केंद्रीय अध्ययन दल ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, क्रॉप कटिंग, कृषि अनुदान के बारे में जानकारी ली। बैठक में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कालूराम समेत कई विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। इस दौरान बाड़मेर प्रधान श्रीमती पुष्पा चौधरी ने केन्द्रीय अध्ययन दल को ज्ञापन सौंपकर चारे, पानी की व्यवस्था करने की मांग की।
केंद्रीय अध्ययन दल को मनरेगा में बने टांके का निरीक्षण किया : केंद्रीय अध्ययन दल ने बीलासर में केंद्रीय अध्ययन दल ने लिखमाराम पुत्र भलाराम के मनरेगा में निर्मित टांके का निरीक्षण किया। इस दौरान भलाराम ने बताया कि बारिश नहीं होने से टांके में पानी नहीं आया। उसने कहा कि अठे जमानों कठे, बाजरी तो उगी ही कोनी।





















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