बाड़मेर,
14 मार्च। जिला निर्वाचन अधिकारी हिमांशु
गुप्ता ने लोकसभा आम चुनाव के दौरान संपत्तियों के विरूपण की रोकथाम के संबंध में
दिशा-निर्देश जारी करते हुए अधिकारियों को आदर्श आचार संहिता की पालना सुनिश्चित
करवाने के निर्देश दिए हैं।
जिला निर्वाचन अधिकारी हिमांशु गुप्ता ने बताया
कि चुनाव प्रचार के दौरान विभिन्न राजनीतिक दलों के अभ्यर्थियों-कार्यकर्ताओं की
ओर से निर्वाचन एवं प्रचार-प्रसार से संबंधित पोस्टर, कट
आउट, नारे, प्रतीक चिह्नों एवं चित्रों का अंकन कर
सार्वजनिक, सरकारी एवं गैर-सरकारी सम्पत्तियों, भवनों
को भद्दा एवं खराब करना आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की श्रेणी में माना जाएगा।
उन्हांेने बताया कि कोई भी राजनीतिक दल या प्रत्याशी ध्वज दण्ड, ध्वज
टांगने, सूचनाएं चिपकाने, नारे लिखने, टांगने
या लगाने आदि के लिए निर्धारित स्थान के अतिरिक्त सार्वजनिक, सरकारी, गैर
सरकारी, निजी भूमि-भवनों एवं सम्पत्तियों का उपयोग नहीं
कर सकेगा। उनके मुताबिक कोई भी राजनीतिक दल या अभ्यर्थी पोस्टर, बैनर, कट
आउट, नारे इत्यादि केवल स्थानीय निकाय की ओर से नियत
एवं उपलब्ध कराने गये स्थानों पर निर्धारित दर का भुगतान कर स्वीकृति प्राप्त करने
के पश्चात ही प्रदर्शित कर सकेंगे। इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को सभी
राजनीतिक दलों एवं उम्मीदवारों को बराबर अवसर देने के निर्देश दिए गए है। इसके
अलावा सरकारी भवनों पर किसी भी राजनीतिक दल एवं उम्मीदवारों को किसी भी प्रकार से
चुनाव प्रचार सामग्री का प्रदर्शन नहीं करने देने के लिए पाबंद किया गया है। जिला
निर्वाचन अधिकारी गुप्ता ने बताया कि महत्वपूर्ण चौराहों, राजकीय
वाहनांे, मील के पत्थरों, रेलवे क्रोसिंग के नोटिस बोर्ड, रेलवे
प्लेटफॉर्म के नाम पट्ट, बस टर्मिनलों पर मार्ग निर्देश दिखाने वाले
साइन बोर्ड अथवा अन्य नोटिस-साइन बोर्ड सार्वजनिक सम्पत्तियों की श्रेणी में शामिल
होंगे। इसके अतिरिक्त अन्य समस्त जन उपयोगी सुविधाएं एवं संपतियां इसमें शामिल
मानी जाएंगी। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी सार्वजनिक-राजकीय
सम्पत्तियों पर किसी भी प्रकार की चुनाव प्रचार सामग्री लगाना निषेध रहेगा।
संबंधित पंचायत समिति एवं ग्राम पंचायत की ओर से इसके लिए नियत स्थानों पर ही सक्षम
स्वीकृति लेकर सामग्री प्रदर्शित की जा सकेगी। निजी सम्पत्ति मालिक की लिखित
अनुमति लेकर ही अस्थायी एवं आसानी से उतारे जा सकने वाली प्रचार सामग्री प्रदर्शित
की जा सकेगी। लिखित स्वीकृति के लिए संबंधित रिटर्निग अधिकारी को आवेदन प्रस्तुत
करना अनिवार्य होगा। अधिकारियांे को कोई भी लिखित स्वीकृति देने से पूर्व चुनाव
आयोग के आदेश-निर्देशों की पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए है।