राजनीतिक दलांे
एवं मीडिया के प्रतिनिधियांे को आचार संहिता के विविध पहलूआंे से रूबरू कराया
बाड़मेर,
11 मार्च। लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ
आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है। आचार संहिता के दौरान प्रिंट एवं इलेक्ट्रोनिक
मीडिया पूर्ण सजगता से अपनी जिम्मेदारी निभाएं। बाड़मेर लोकसभा क्षेत्र के लिए 29
अप्रैल को मतदान होगा। उप जिला निर्वाचन अधिकारी राकेश कुमार शर्मा ने सोमवार को
सूचना केन्द्र मंे आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान यह बात कही।
उप जिला निर्वाचन अधिकारी राकेश कुमार शर्मा ने
कहा कि लोकसभा चुनाव के प्रदेश मंे पहले चरण की अधिसूचना 2
अप्रेल को जारी होगी। अधिसूचना जारी होने के साथ नामांकन दाखिल करने का कार्य
प्रारंभ होगा। उन्हांेने बताया कि 9 अप्रेल तक नामांकन दाखिल किए जा सकेंगे। इसके
उपरांत 10 अप्रेल को नामांकन पत्रों की जांच होगी तथा 12
अप्रेल तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। बाड़मेर जिले मंे जिले में स्वतंत्र-निष्पक्ष और
शांतिपूर्ण चुनाव के लिए सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। लोकसभा चुनाव मंे
बाड़मेर जिले मंे 2194 मतदान केन्द्रांे पर 17
लाख 26 मतदाता मतदान कर सकेंगे। उन्हांेने बताया कि
लोकसभा चुनाव में केन्द्रीय पर्यवेक्षक चुनाव प्रक्रिया तथा उम्मीदवारों के खर्चे
पर नजर रखेंगे। इसके अलावा विभिन्न उड़नदस्तांे एवं अन्य टीमांे ने मोनेटरिंग का
कार्य प्रारंभ कर दिया है। उन्होंने बताया कि चुनाव के दौरान किसी भी प्रकाशन
सामग्री यथा पोस्टर, पैंफलेट आदि पर प्रकाशक और मुद्रक का नाम
आवश्यक रूप से प्रकाशित करना अनिवार्य होगा। ऐसा नहीं करने वाले पिं्रटिंग प्रेस
स्वामियों पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127
(क) के तहत कार्यवाही की जाएगी।
उन्होंने मीडिया प्रतिनिधियों से आदर्श आचार संहिता की पालना के लिए सहयोग करने की
अपील की। उन्हांेने बताया कि निर्वाचन आयोग की ओर से पेड न्यूज की मॉनिटरिंग की
पुख्ता व्यवस्था की गई है। जिला स्तर पर राजनीतिक दलों तथा उनके प्रत्याशियों के
की ओर से समाचार पत्रों में दी जाने वाली पेड न्यूज पर गहनता से नजर रखी जाएगी।
साथ ही पेड न्यूज के मामले पाये जाने पर संबंधित प्रत्याशी के खर्चे में इसको
शामिल किया जाएगा। उप जिला निर्वाचन अधिकारी शर्मा ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग
के निर्देशानुसार पेड न्यूज की मॉनिटरिंग के संबंध में जिला निर्वाचन अधिकारी की
अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है जो निर्वाचन विभाग के निर्देशानुसार
कार्यवाही करेगी। उन्हांेने कहा कि इलेक्ट्रोनिक, बल्क एसएमएस एवं सोशियल मीडिया में
प्रसारण के लिए विज्ञापनों का अधिप्रमाणन आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सोशियल
मीडिया पर अपूर्ण एवं भ्रमित करने वाले समाचार प्रसारित नहीं करें तथा किसी भी
समाचार की सत्यता की जानकारी के लिए सक्षम अधिकारी से सम्पर्क के पश्चात् ही
समाचार प्रकाशित करें। उन्हांेने कहा कि पिं्रट मीडिया मंे प्रकाशित होने वाले
विज्ञापन के लिए अनुमति लेना आवश्यक नहीं होगा। लेकिन मतदान से 48
घंटे पूर्व प्रकाशित होने वाले विज्ञापनांे के लिए अधिप्रमाणन कमेटी से अनुमति
लेनी आवश्यक होगी। उन्हांेने बताया कि लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार के लिए चुनाव
व्यय की सीमा 70 लाख रुपए है। चुनाव व्यय के मॉनिटरिंग के लिए
निर्वाचन आयोग की ओर से पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाएंगे। जिले में चुनाव व्यय की
मॉनिटरिंग प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में उड़न दस्ते, सहायक निर्वाचन व्यय पर्यवेक्षक, वीडियो
अवलोकन टीम और वीडियो सर्विलांस टीम के माध्यम से मोनेटरिंग का कार्य प्रारंभ कर
दिया गया है। इस दौरान स्वीप के सहायक नोडल अधिकारी एवं अस्टिटेंट प्रोफेसर मुकेश
पचौरी ने पावर पाइंट प्रजेटेंशन के जरिए आदर्श आचार संहिता तथा लोक प्रतिनिधित्व
अधिनियम 1951 की धारा 127 क की विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान सूचना
एवं जनसंपर्क विभाग के सहायक निदेशक एन.सी.चन्द्रोदय उपस्थित रहे। उप जिला
निर्वाचन अधिकारी राकेश कुमार शर्मा ने राजनीतिक दलांे के प्रतिनिधियों की बैठक
लेकर आदर्श आचार संहिता के विविध पहलूआंे के बारे मंे विस्तार से जानकारी दी। इस
दौरान राजस्व अपील अधिकारी नखतदान एवं सोहनलाल चौधरी, जगदीश
चौधरी, नानकदास धारीवाल समेत विभिन्न राजनीतिक दलांे
के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
इपिक
कार्ड के साथ 11 अन्य दस्तावेजों से कर सकेंगे मतदान : लोकसभा आम चुनाव-2019
में मतदाता केवल वोटर स्लिप के आधार पर मतदान नहीं कर सकेंगे। उप जिला निर्वाचन
अधिकारी राकेश कुमार शर्मा ने बताया कि मतदान के लिए मतदाता को इपिक कार्ड दिखाना
होगा। इपिक कार्ड नहीं होने की स्थिति में 11 अन्य वैकल्पिक दस्तावेजों में से किसी एक को
दिखाने पर ही मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे। उन्हांेने बताया कि
आयोग के निर्देशानुसार इस बार के लोकसभा चुनाव में इपिक कार्ड के अलावा पासपोर्ट, ड्राइविंग
लाइसेन्स, राज्य या केन्द्र सरकार, सार्वजनिक
क्षेत्र के उपक्रमों, पब्लिक लिमिटेड कम्पनियों की ओर से अपने
कर्मचारियों को जारी किए गए फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र, बैकों
या डाकघरों की ओर से जारी की गई फोटोयुक्त पासबुक, पेन कार्ड, आरजीआई
एवं एन.पी.आर की ओर से जारी किए गए स्मार्ट कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, श्रम
मंत्रालय की योजना की ओर से जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, फोटोयुक्त
पेंशन दस्तावेज, विधायकों,
सांसदों को जारी किए सरकारी पहचान पत्र
या आधार कार्ड में से कोई एक दस्तावेज को मतदान करते समय दिखाना जरूरी होगा।
मतदाता पर्ची पहचान का आधार नहीं मानी जाएगी।