बुधवार, 17 जुलाई 2019

आमजन से जल शक्ति अभियान मंे सकारात्मक भूमिका निभाने का आहवान


केन्द्रीय दल ने बुधवार को परंपरागत जल स्त्रोतांे, वृक्षारोपण, अनार की खेती का अवलोकन किया

                बाड़मेर, 17 जुलाई। जल शक्ति अभियान के केन्द्रीय नोडल अधिकारी एवं संयुक्त सचिव भानुप्रताप यादव की अगुवाई मंे केन्द्रीय दल ने तीसरे दिन बुधवार को बाड़मेर जिले मंे विभिन्न इलाकांे मंे परंपरागत जल स्त्रोतांे, जल संरक्षण कार्याें एवं अनार की खेती का अवलोकन किया। उन्हांेने ग्रामीणांे, जन प्रतिनिधियांे एवं विद्यार्थियांे से रूबरू होकर जल शक्ति अभियान मंे सकारात्मक भूमिका निभाने का आहवान किया।
                धोरीमन्ना पंचायत समिति मुख्यालय पर आयोजित समारोह के दौरान संयुक्त सचिव भानुप्रताप यादव ने कहा कि जल शक्ति अभियान जन प्रतिनिधियों एवं आमजन के सहयोग से सफल होगा। उन्हांेने कहा कि सभी लोगांे को इस अभियान से जोड़े, ताकि अधिकाधिक जल संरक्षण हो सके। उन्हांेने जल शक्ति अभियान मंे सकारात्मक भूमिका निभाने का आहवान करते हुए कहा कि जन प्रतिनिधि अपने-अपने गांव में जल संरक्षण की दिशा में कार्य करें। इसके तहत सितंबर माह तक विशेष प्लान बनाकर जल संरक्षण की दिशा में कार्य किए जाएं। ताकि आने वाली पीढ़ी के लिए जल का संरक्षण हो सके। उन्हांेने कहा कि पौधारोपण करने के साथ जन प्रतिनिधि अपनी नैतिक जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए जल शक्ति अभियान को घर-घर तक पहुंचाने का कार्य करें। मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहनदान रतनू ने जल शक्ति अभियान के बारे मंे विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि जल संरक्षण मौजूदा समय की महत्ती जरूरत है। इस दौरान धोरीमन्ना प्रधान ताजाराम, अधीक्षण अभियंता बलवीरसिंह चौधरी, विकास अधिकारी नरेन्द्र सोउ, समेत विभिन्न विभागीय अधिकारी, जन प्रतिनिधिगण एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। केन्द्रीय दल मंे शामिल सदस्यांे ने बालोतरा,शिव एवं धनाउ समेत विभिन्न स्थानांे पर ग्रामीणांे एवं विद्यार्थियांे से रूबरू होकर जल शक्ति अभियान मंे सक्रिय भागीदारी निभाने का आहवान किया। केन्द्रीय दल मंे गृह विभाग के सहायक सचिव देवेन्द्र कुमार, एस.के.मीणा, निदेशक निरंजनलाल, उदयन वरूण समेत विभिन्न अधिकारी शामिल है। इन्हांेने विभिन्न इलाकांे मंे परंपरागत जल स्त्रोतांे, जल संरक्षण एवं वृक्षारोपण कार्याें, अनार की खेती का अवलोकन किया। केन्द्रीय दल के सदस्यांे ने पौधारोपण करते हुए आमजन को अधिकाधिक पौधारोपण करने का संदेश दिया।






टिड्डी पूर्ण नियंत्रण में, 18 हजार हैक्टेयर क्षेत्र उपचारित - कटारिया


                बाड़मेर, 17 जुलाई। सीमावर्ती जिलों में टिड्डी पूरे नियंत्रण में है और फसलों में कोई नुकसान नहीं हो रहा है। विभागीय अधिकारी जिला प्रशासन और टिड्डी चेतावनी संगठन से समन्वय रखते हुए कीटनाशक छिड़काव कर टिड्डी नियंत्रण में लगे हुए हैं। अब तक प्रदेश में टिड्डी प्रभावित 18 हजार 186 हैक्टेयर क्षेत्र को उपचारित किया गया है।
                कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने बताया कि राज्य सरकार पूरी सजगता के साथ टिड्डी नियंत्रण के लिए प्रयास कर रही है। वह स्वयं नियंत्रण के लिए किए जा रहे प्रयासों की प्रतिदिन प्रगति रिपोर्ट लेकर समीक्षा करते हैं और अधिकारियों को निर्देशित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि टिड्डी चेतावनी संगठन जोधपुर के नेतृत्व में जिलों में स्थित टिड्डी नियंत्रण कार्यालयों के कार्मिकों की ओर से 413 स्थानों पर 18 हजार 186 हैक्टेयर क्षेत्र में मेलाथियॉन 96 प्रतिशत यूएलवी से नियंत्रण किया जा चुका है तथा अन्य क्षेत्रों में नियंत्रण कार्य जारी है। उन्होंने बताया कि जैसलमेर जिले में 21 मई से 16 जुलाई तक 14 हजार 204 हैक्टेयर प्रभावित क्षेत्र उपचारित किया गया है। इसी तरह बाड़मेर जिले में 1762, जालौर में 402, जोधपुर में 593 एवं बीकानेर जिले में 1225 हैक्टेयर क्षेत्र को उपचारित किया गया है। समाचार पत्रों सहित अन्य माध्यमों से टिड्डी की सूचना मिलते ही टीम पहुंचकर उपचार की कार्यवाही कर रही है।  कृषि मंत्री कटारिया ने बताया कि प्रभावित जिलों में नियंत्रण कक्ष स्थापित कर निगरानी, सर्वेक्षण एवं नियंत्रण के लिए 11 टीमों का गठन किया जा चुका है जिनके जरिए टिड्डी प्रभावित एवं संभावित जिलों में भ्रमण किया जा रहा है। अधिकारी-कार्मिकों का पदस्थापन किया गया है। कार्यव्यवस्था के लिए संबंधित संयुक्त निदेशक, कृषि विस्तार खण्ड को कार्मिकों के पदस्थापन के लिए अधिकृत किया जा चुका है। अन्य स्थानों से भी उप निदेशक एवं संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों में भेजा गया है। सर्वेक्षण एवं नियंत्रण के लिए 77 वाहनों की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि प्रभावित जिलों में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम किए जा रहे हैं तथा टिड्डी के समेकित प्रबंधन पर तकनीकी साहित्य वितरित किया जा रहा है। कटारिया ने बताया कि टिड्डी प्रबंधन एवं नियंत्रण के लिए बुधवार को भारत एवं पाकिस्तान के संबंधित अधिकारियों की खोखरापार, पाकिस्तान में बैठक आयोजित की गई ।

पश्चिमी राजस्थान में आगे बढ़ेगा तेल-गैस खोज का काम


केयर्न ऑयल एंड गैस ने खोज अभियान के लिए करार पर हस्ताक्षर किए
बाड़मेर के खोज अनुभव पर आधारित होगी ऊर्जा स्वावलंबन की नई यात्रा

                बाड़मेर, 17 जुलाई। केंद्र सरकार की देश को पेट्रोलियम के मामले में स्वावलंबी बनाने और घरेलू तेल भंडारों के समुचित दोहन के उद्देश्य से जारी नई पालिसी के तहत अब राजस्थान में तेल और गैस खोज को आगे बढ़ाया जाएगा। आगामी दिनांे मंे बाड़मेर, जैसलमेर और बीकानेर कर चुनिंदा क्षेत्रों में सर्वेक्षण और ड्रिलिंग के जरिए यह काम आगे बढ़ेगा।
                केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने मंगलवार को केयर्न ऑयल एंड गैस, वेदांता लिमिटेड को दिए गए नए एक्सप्लोरेशन ब्लॉक्स के लिए अनुबंध हस्ताक्षरण को आधिकारिक बनाया। ओपन एकरेज लाइसेंसिंग पॉलिसी ओएएलपी राउंड-2 और 3 ऑक्शन के हिस्से के तौर पर सरकार ने नीलाम हुए 32 ऑयल ब्लॉक्स में से 10 केयर्न को आवंटित किए हैं, जो राजस्थान के अलावा आंध्र प्रदेश, असम, गुजरात और ओडिसा में हैं। केयर्न को मिले 10 नए ब्लॉक्स से इसके पोर्टफोलियो में दस हज़ार वर्ग किलोमीटर का नया क्षेत्र जुड़ जाएगा। इस संकलन से केयर्न देश में सबसे बड़े निजी एकरेज धारकों में से एक बन जाएगा। इसके कुल 58 ब्लॉक्स में सी. 5,000 वर्ग किमी के मौजूदा, उत्पादन ब्लॉक्स का एकरेज दस गुणा से अधिक के उछाल के साथ सी. 65,000 वर्ग किमी पहुंच जाएगा। इस अवसर पर वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड के कार्यकारी चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा, ‘‘हम ओएएलपी के तहत नीलामी के तीसरे राउंड्स के सफलतापूर्वक पूरा होने पर सरकार को बधाई देते हैं। इस सरकार का प्रगतिवादी दृष्टिकोण भारत में हाइड्रोकार्बन उद्योग के विकास के लिए प्रमुख है और उन्होंने हम पर जो भरोसा जताया है, उसकी प्रशंसा करते हैं। ब्लॉक्स के बड़े एवं विविधीकृत पोर्टफोलियो के साथ, केयर्न भारत के घरेलू कच्चे तेल का 50 प्रतिशत उत्पादन करने के अपने प्रयासों को तेजी देगा। हमें भारत के हाइड्रोकार्बन सामथर््य में पूरा भरोसा है और यह देश को ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में बढ़ाने में मददगार साबित होगा।केयर्न ऑयल एंड गैस, वेदांता लिमिटेड के सीईओ अजय कुमार दीक्षित ने कहा, “हम नए ब्लॉक्स में अपना एक्स्प्लोरेशन प्रोग्राम शुरू करने के लिए तत्पर हैं और हमारा मकसद घरेलू उत्पादन को बढ़ाना है। अब हमें प्रोजेक्ट मैनेजमेंट पार्टनर मिल गया है और कई अन्य साझेदारियों पर बात चल रही है,ऐसे में हम इन ब्लॉक्स में नई खोजों को आक्रामकता से अंजाम देंगे। सरकार ने प्रौद्योगिकी और विनिर्माण क्षेत्रों के लिए कई प्रमुख नीतिगत सुधार किये हैं और हम नई खनिज नीति में की गई घोषणा के अनुसार साल सालों में खनिज क्षेत्र का उत्पादन तिगुना करने के सरकार के सपने में हिस्से लेने और इसे पूरा करने के लिए तैयार हैं। उल्लेखनीय है कि केयर्न ने मौजूदा उत्पादन क्षेत्रों में अगले तीन से चार वर्षों में 3.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश की योजना बनाई है, जिसमें से 2.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर के ठेके मिल चुके हैं, ताकि तेज एक्सप्लोरेशन,विस्तृत ऑयल रिकवरी और विकास परियोजनाओं के माध्यम से तेल और गैस का उत्पादन बढ़ सके। अपने नये क्षेत्रों में, केयर्न की शुरुआती कार्ययोजना के अनुसार अभी 800 मिलियन अमेरिकी डॉलर के अतिरिक्त निवेश की आवश्यकता है, जो खोज के मामले में कई गुना बढ़ जाएगा। नये फील्ड से भारत के कच्चे तेल के उत्पादन में 50 प्रतिशत योगदान करने की केयर्न की महत्वाकांक्षा मजबूत होगी। वर्तमान में भारत के कच्चे तेल के उत्पादन में केयर्न की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत है।



कगाऊ में होने वाली रात्रि चौपाल स्थगित


                बाड़मेर, 17 जुलाई। सांजटा कलस्टर की ग्राम पंचायत कगाऊ में 19 जुलाई को आयोजित होने वाली जिला कलक्टर की रात्रि चौपाल अपरिहार्य कारणों से स्थगित कर दी गई है।

सुगम निर्वाचन के लिए डीएमसीएई की बैठक गुरूवार को


                बाड़मेर,17 जुलाई। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार सुगम निर्वाचन के लिए डीएमसीएई की बैठक गुरूवार को प्रातः 11.30 बजे उप जिला निर्वाचन अधिकारी के चेम्बर मंे आयोजित होगी।
                उप जिला निर्वाचन अधिकारी राकेश कुमार शर्मा ने बताया कि बैठक मंे विभागीय अधिकारियांे एवं सदस्यांे को आवश्यक सूचनाआंे के साथ उपस्थित होने के लिए कहा गया है।

राहत गतिविधियांे अवधि 31 जुलाई तक बढ़ाई


                बाड़मेर,17 जुलाई। बाड़मेर समेत अभावग्रस्त जिलांे संचालित राहत गतिविधियांे की अवधि 31 जुलाई तक बढ़ा दी गई है।
                जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता ने बताया कि आपदा प्रबंधन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग ने अभावग्रस्त जिलांे मंे लघु एवं सीमांत कृषकांे के पशुआंे के संरक्षण के लिए संचालित राहत गतिविधियांे पशु शिविर, चारा डिपो एवं जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग की ओर से अभावग्रस्त इलाकांे मंे कराए जा रहे पेयजल परिवहन की अवधि बढ़ाकर 31 जुलाई कर दी है। उन्हांेने बताया कि गोपालन विभाग की ओर से आपदा प्रबंधन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग को उपलब्ध करवाई गई राशि से अभावग्रस्त जिलों मंे लघु एवं सीमांत कृषकांे के अतिरिक्त अन्य पशुपालकांे तथा भूमिहीन किसानांे के गौवंश के संरक्षण के लिए संचालित राहत गतिविधियांे यथा पशु शिविरांे की अवधि भी तुरंत प्रभाव से 31 जुलाई तक बढ़ा दी गई है। उल्लेखनीय है कि आपदा प्रबंधन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग ने अधिसूचना जारी कर मानसून की वर्षा नहीं होने के कारण सूखे की गंभीर स्थिति को देखते हुए अभाव अवधि 31 जुलाई तक बढ़ाई थी।

जिला यातायात प्रबंधन समिति की बैठक स्थगित


                बाड़मेर,17 जुलाई। जिला यातायात प्रबंधन समिति की गुरूवार को कलेक्ट्रेट कांफ्रेस हाल मंे आयोजित होने वाली बैठक अपरिहार्य कारणांे से स्थगित कर दी गई है। यह जानकारी जिला परिवहन अधिकारी टीकूराम पूनड़ ने दी।

लोकसभा आम चुनाव को लेकर 24 से 26 अप्रैल तक सूखा दिवस घोषित

बाड़मेर, 26 मार्च। आबकारी विभाग के संयुक्त शासन सचिव के निर्देशानुसार लोकसभा आम चुनाव 2024 के परिपेक्ष्य में सम्पूर्ण बाड़मेर व बालोतरा जिले म...