बाल आयोग का अध्यक्ष औचक निरीक्षण
बाडमेर,
26 फरवरी। राजस्थान राज्य बाल अधिकार
संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती संगीता बेनीवाल ने बुधवार को जिले के विभिन्न
विद्यालयों, आंगनवाडी केन्द्रों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य
केन्द्रों का औचक निरीक्षण किया गया तथा बाल अधिकारों के संरक्षण की सुनिश्चितता
की जांच की।
इस मौके पर बेनीवाल ने कहा कि राज्य सरकार
महिला एवं बाल कल्याण के लिए कृत संकल्पित है एवं बाल अधिकारों का संरक्षण उसकी
सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होने बताया कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने बजट में
महिला एवं बाल कल्याण को एक संकल्प के रूप मंें प्रस्तुत करते हुए इसके लिए
पर्याप्त राशि उपलब्ध कराई है। उन्होने कहा कि बालकों कों बुनियादी प्राथमिक
शिक्षा घर के समीप ही मुहैया कराने के लिए मुख्यमंत्री गहलोत ने पिछली सरकार के
कार्य काल में बन्द किए गये स्कुलों को पुनः वापस खोलने का फैसला किया है। इसके
तहत बाड़मेर जिले मेे भी 75 बन्द विद्यालयों को वापस आरम्भ किया
जाएगा।
इससे पूर्व राज्य बाल आयोग की अध्यक्ष बेनीवाल
ने राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय पचपदरा का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान
उन्होने छात्राओं से शिक्षण व्यवस्था एवं विद्यालय में दी जा रही शैक्षिक सुविधाओं
के बारे में जानकारी ली। साथ ही पोक्सो एक्ट गुड टच बैड टच तथा चाइल्ड हेल्प लाईन
आदि के बारे में बताया। उन्होने विद्यालय में शिकायत पेटिका नहीं पाए जाने पर
प्रधानाचार्य को विद्यालय में पेटिका लगवाने लगाने के निर्देश दिए।
इसके पश्चात् उन्होने आंगनवाड़ी केन्द्र पचपदरा का भी औचक निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान आंगनवाडी केन्द्र खुला पाया गया। उन्होने बच्चों को स्थानीय
भाषा के साथ साथ हिन्दी एवं इंग्लिश दोनों भाषाओं में पाठशाला पूर्व शिक्षण एवं
स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था हेतु सीडीपीओ एवं आंगनवाड़ी कार्मिकों को निर्देशित किया।
इसके पश्चात् उन्होने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पचपदरा का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान चिकित्सा अधिकारी अनुपस्थित पाए गए। उन्होने यहां मरीजों से
बातचीत कर स्वास्थ्य केन्द्र में निःशुल्क दवाईयों की उपलब्धता आदि की जानकारी ली।
निरीक्षण के दौरान सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक
मुखराम चौधरी, सामाजिक सुरक्षा अधिकारी बालोतरा गंगा चौधरी, सीडीपीओ
पचपदरा शेरखान सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहें।
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