रविवार, 13 अगस्त 2017

विद्यालयों में प्रत्येक शनिवार स्वच्छता के लिए चलेगा विशेष अभियान

विद्यालयों में डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया से बचाव के लिए विशेष सतर्कता रखने के निर्देश
                बाड़मेर, 13 अगस्त। राज्य सरकार ने वातावरण एवं तापक्रम में बदलाव को देखते हुए राज्य के सभी राजकीय एवं निजी विद्यालयों को प्रत्येक शनिवार अपने यहां साफ-सफाई के लिए विशेष अभियान चलाए जाने के निर्देश दिए हैं।

                शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने बताया कि वातावरण में बदलाव के साथ ही तापक्रम में हो रहे बदलाव के कारण संक्रमण और बीमार पड़ने की आशंका बढ़ जाती है। इसे देखते हुए सभी स्कूलों में बच्चों के स्वास्थ्य संरक्षण के लिए विशेष सावधानी रखे जाने तथा इस संबंध में प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि मौसमी बीमारियों यथा डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया आदि से बचाव के लिए विद्यालयों के संस्था प्रधानों को यह निर्देश दिए गए हैं कि वे प्रत्येक शनिवार को अपने यहां विशेष स्वच्छता अभियान चलाना सुनिश्चित करें।  इसके तहत संस्था प्रधानों को यह निर्देश दिए गए हैं कि हर सप्ताह कुलर्स को खाली करवा उनमें साफ पानी भरने की कार्यवाही की जाए। विद्यालयों की ओर से यह भी सुनिश्चित किया जाए कि पानी की टंकियों की नियमित साफ-सफाई हो तथा टायर्स, कन्टेनर्स आदि में किसी भी स्तर पर पानी जमा नहीं होने पाए। देवनानी ने बताया कि इस मौसम में सबसे अधिक बीमारियों के कारक मच्छर बनते हैं। इनसे बचाव के लिए विद्यालयों के संस्था प्रधान बच्चों को और अभिभावकों को जागरूक भी करें। संस्था प्रधान यह सुनिश्चित करे कि स्कूल परिसर में जलजमाव से लेकर खेल के मैदान में कीचड़ और गंदगी का जमावड़ा किसी स्तर पर नहीं हो। स्कूल में मौजूद शौचालयों की सफाई भी नियमित रूप से हो। साफ सफाई और स्वच्छता के लिए प्रत्येक शनिवार विशेष रूप से कार्यवाही की जाए। विद्यालयों के संस्था प्रधानों को यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि स्कूल की छत पर पानी जमा नहीं हो, मैदान में भी पानी भरा नहीं हो और स्कूल परिसर में कहीं भी कोई टूटा-फूटा फर्नीचर या सामान या अन्य किसी तरह की गंदगी न हो।

मंडी श्रमिक करा सकेंगे सरकारी कर्मचारियों के लिए अधिकृत निजी अस्पतालों में इलाज

                बाड़मेर, 13 अगस्त। मंडियों में पंजीकृत अनुज्ञापत्रधारी हमाल, पल्लेदार, तुलाईकादारों का अब गंभीर बीमारी होने पर सरकारी कर्मचारियों की भांति कर्मचारियों के लिए अधिकृत निजी अस्पतालों में इलाज करवाए जाने पर चिकित्सा पुनर्भरण हो सकेगा।
                कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने बताया कि मंडी में काम करने वाले अनुज्ञापत्रधारी हमाल, पल्लेदार व तुलाईकारों को महात्मा ज्योतिबा फुले मंडी श्रमिक कल्याण योजना 2015 के अन्तर्गत गंभीर बीमारी होने पर 20 हजार रुपये की सीमा तक राशि का पुनर्भरण का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि पहले यह पुनर्भरण केवल सरकारी अस्पतालों में इलाज करवाए जाने पर ही होता था, लेकिन अब सरकारी अस्पताल के साथ-साथ सरकारी कर्मचारी की तरह उनके लिए अधिकृत निजी अस्पतालों में इजाज करवाए जाने पर भी पुनर्भरण हो सकेगा। उन्होंने बताया कि इस पीड़ित को राहत देने के लिए इस योजना के प्रावधानों में बदलाव किया गया और नीतिगत निर्णय लेते हुए इस पीड़ित की राशि का पुनर्भरण करने का निर्णय लिया गया। इसके साथ यह भी निर्णय लिया गया कि अब कोई भी अनुज्ञप्तापत्रधारी श्रमिक सरकारी कर्मचारियों के लिए अधिकृत अस्पतालों में अगर इलाज कराता है, तो उसका भी पुनर्भरण कृषि विपणन विभाग की ओर से किया जाएगा।

दुर्घटना में फ्रेक्चर होने पर अब 10 हजार रुपए की सहायता: मंडी प्रांगण में कार्य करते समय अनुज्ञापत्रधारी पल्लेदार के फ्रेक्चर होने पर 10 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि पहले यह राशि 5 हजार रुपए थी।

कचरा समस्या नहीं,इसका सही इस्तेमाल जरूरी : श्रीनिवासन

                बाड़मेर, 13 अगस्त। कचरा मात्र समस्या नहीं, बल्कि सोना है। बस जरूरत इस बात कि है कि इसका सही इस्तेमाल किया जाए। इसके जरिए बड़ी समस्या का समाधान हो सकता है, वहीं शहर की तस्वीर बदल सकती है। होगा। इंडियन ग्रीन सर्विस के परियोजना निदेशक सी.श्रीनिवासन ने रविवार को बालोतरा उपखंड मुख्यालय पर जिला प्रशासन एवं नगर परिषद की ओर से आयोजित ठोस एवं तरल संसाधन प्रबंधन कार्यशाला के दौरान कही।

                इंडियन ग्रीन सर्विस के परियोजना निदेशक सी.श्रीनिवासन ने लूनी नदी मंे डाले जा रहे वेस्ट मेटेरियल का जिक्र करते हुए कहा कि सबको मिलकर इसको रोकना होगा। उन्हांेने पशुआंे के प्लास्टिक खाने से होने वाली मौतांे एवं लूनी नदी मंे फैल रहे प्रदूषण संबंधित वीडियो भी प्रदर्शित किया। उन्हांेने महिला स्वयं सहायता समूहांे से वेस्ट मेटेरियल मैनेजमंेट के लिए आगे आने का अनुरोध किया। उन्हांेने जन प्रतिनिधियांे से जैविक खाद के जरिए अपने घरांे की छत पर सब्जी उत्पादन के लिए रूफ गार्डन स्थापित करने का अनुरोध किया। इस पर नगर परिषद के सभापति एवं अन्य जन प्रतिनिधियांे ने इसके लिए स्वीकृति जताई। इस दौरान सी.श्रीनिवासन ने कहा कि जिसे लोग कूड़ा समझ कर अपने घरों से फेंक देते हैं। दरअसल वह हमारे आय का बेहतरीन स्त्रोत है। अगर उसे बेहतर तरीके से साफ सुथरा कर कबाड़ी को बेचें तो उससे अच्छी खासी आय हो सकती है।घर से सब्जी के छिलके, बीज वगैरह फेंकने के बजाय उसे गाय-भैंस का चारा बनाएं तो उससे निकलने वाले गोबर से प्लांट के जरिए ईंधन प्राप्त कर सकते हैं जिसका उपयोग भोजन बनाने में किया जा सकता है और इससे काफी आर्थिक बचत की जा सकती है। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में उनकी ऐसी टीम काम कर रही जो शहर के कचरा को इकट्ठा कर उसे साफ सुथरा कर कबाड़ वाले को बेच कर अच्छी आमदनी करती है। इसकी तर्ज पर बालोतरा की तस्वीर भी बदली जा सकती है। इस दौरान राजस्व राज्य मंत्री अमराराम चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे के सपनांे को साकार करने के लिए आमजन से स्वच्छ भारत मिशन अभियान मंे सहयोग की अपील की। इस अवसर पर जिला कलक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते, नगर परिषद के सभापति रतन खत्री, उप सभापति राधेश्याम माली, प्रतिपक्ष नेता मदन चौपड़ा, प्रधान ओमप्रकाश भील, कल्याणसिंह, लक्ष्मणराम समेत विभिन्न जन प्रतिनिधि एवं अधिकारीगण तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डा.सुरेन्द्रसिंह चौधरी ने किया। अंत मंे आयुक्त शिवपालसिंह राजपुरोहित ने आभार जताया।

बाड़मेर मंे 16 करोड़ के राहत प्रबंधन के प्रस्ताव स्वीकृत : कटारिया

अतिवृष्टि के दौरान गिरे मकानांे की फोटोग्राफी के साथ मिलेगी 95 हजार की सहायता
                बाड़मेर, 13 अगस्त। बाड़मेर जिला प्रशासन की ओर से राहत प्रबंधन के लिए 21 करोड़ के प्रस्ताव प्राप्त हुए थे, इसमंे से 16 करोड़ के प्रस्तावांे को स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। प्रदेश मंे पहली बार 48 घंटे तक मकान पानी मंे रहने पर प्रभावित परिवारांे को 3800 रूपए की सहायता दी जा रही है। इसके अलावा जिनके मकान गिर गए है उनकी फोटोग्राफी करवाने के साथ 95 हजार रूपए की सहायता प्रदान की जा रही है। आपदा प्रबंधन एवं सहायता मंत्री गुलाबचंद कटारिया ने रविवार को बालोतरा मंे पत्रकारांे से बातचीत के दौरान यह बात कही।

                आपदा प्रबंधन एवं सहायता मंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि 22 से 31 जुलाई के मध्य बाढ़ के प्रकोप के दौरान राज्य सरकार की ओर से प्रभावित इलाकांे की नियमित रूप से मोनेटरिंग की जा रही है। प्रभारी मंत्री के साथ अन्य जन प्रतिनिधि एवं प्रशासनिक अधिकारी आमजन को राहत पहुंचाने मंे जुटे हुए है। बाड़मेर जिले मंे प्रभावित लोगांे को राहत प्रदान करने के लिए 2 करोड़ 9 लाख रूपए स्वीकृत किए गए। इसमंे से अब तक 1 करोड़ 64 लाख रूपए व्यय हो चुके है। आपदा की स्थिति से निपटने के लिए संबंधित जिलांे मंे एसडीआरएफ एवं एनडीआरएफ टीमंे भेजने के साथ हेलीकाप्टर भी तैयार रखे गए। पहली बार सेना को भी अलर्ट किया गया। उन्हांेने कहा कि मौसमी बीमारियां फैलने की आशंका के मददेनजर चिकित्सा विभाग के अधिकारियांे को रोकथाम के लिए पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए गए है। बाड़मेर जिले के प्रभावित इलाकांे मंे 10 हजार मच्छरदानियां वितरण की जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार के अलावा विभिन्न स्वयंसेवी संगठनांे का सहयोग भी लिया जाएगा। इसके अलावा 19 प्रकरण दो लाख की अतिरिक्त सहायता दिलवाने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय मंे भेजे गए है। उन्हांेने कहा कि राहत प्रबंधन के लिए किसी भी प्रकार के बजट की कमी नहीं है। उन्हांेने बाढ़ की स्थिति के दौरान सहयोग करने वाले जन प्रतिनिधियांे, अधिकारियांे, कार्मिकांे एवं स्वयंसेवी संगठनांे का आभार जताया। उन्हांेने बताया कि बेहतरीन कार्य करने वाले कार्मिकांे एवं आमजन को चिन्हित करने के निर्देश दिए गए है। इनको राज्य सरकार की ओर से सम्मानित किया जाएगा।


अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों में तत्परता से आवश्यक सुविधाएं सुचारू हो : कटारिया

                बाड़मेर, 13 अगस्त। अतिवृष्टि से प्रभावित इलाकांे में तत्परता से राहत कार्याें को अंजाम देते हुए आवश्यक सुविधाएं अतिशीघ्र सुचारू की जाए। अधिकारी एवं कर्मचारी पूरी संवेदनशीलता और तत्परता के साथ अपनी जिम्मेदारियों को अंजाम दें। बाड़मेर जिले मंे जिला एवं पुलिस प्रशासन के साथ एनडीआरएफ,एसडीआरएफ एवं सेना ने त्वरित कार्रवाई करते हुए लोगांे को सुरक्षित स्थानांे पर पहुंचाने के साथ बेहतरीन राहत प्रबंधन किया। इसके लिए वे बधाई के पात्र है। आपदा प्रबंधन एवं सहायता मंत्री गुलाबचंद कटारिया ने रविवार को बाड़मेर जिले के बालोतरा उपखंड मुख्यालय पर जन प्रतिनिधियांे एवं अधिकारियांे के साथ बाढ़ प्रभावित इलाकांे में अब तक किए गए राहत कार्याें की समीक्षा करते हुए यह बात कही।
                आपदा प्रबंधन एवं सहायता मंत्री कटारिया ने कहा कि राज्य सरकार बाढ़ प्रभावित इलाकांे मंे राहत एवं सहायता गतिविधियांे को लेकर बेहद गंभीर है। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है। उन्हांेने कहा कि सभी अधिकारी-कर्मचारी जन सहयोग के साथ युद्ध स्तर से कार्य करते हुए सभी व्यवस्थाओं को अतिशीघ्र सुचारू करने के प्रयास करें। उन्होंने कहा है कि बाढ़ प्रभावित बाड़मेर समेत अन्य जिलांे में जहां अतिवृष्टि से लोगों के जान-माल की हानि एवं मकानों की क्षति हुई है, वहां राज्य सरकार ने तत्काल राहत कार्य शुरू कर प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता पहुंचाने का प्रयास किया है। साथ ही जिनका घर 48 घंटांे तक पानी मंे रहा है, ऐसे सभी परिवारांे को 3800 रुपए की सहायता दी जा रही है। उन्हांेने कहा कि जिन रपटांे पर अभी भी पानी का बहाव जारी है, वहां पर सुरक्षित आवागमन सुनिश्चित किया जाए। उन्हांेने पैदल रपट पार करने वालांे के लिए दोनांे तरफ से मजबूत रस्सी बांधने के निर्देश दिए। ताकि लोग उसको पकड़ कर आसानी से एवं सुरक्षित तरीके से रपट पार सके।

                कटारिया ने जनप्रतिनिधियों एवं विभागीय अधिकारियांे से अब तक हुए राहत प्रबंधांे के बारे मंे फीडबैक लिया। उन्हांेने बिजली व्यवस्था सुचारू करने, आवश्यक स्थानांे पर पेयजल के परिवहन की समुचित व्यवस्था करने तथा मेडिकल टीमें भेजकर स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों को क्षतिग्रस्त सड़कों को शीघ्र दुरूस्त कर आवागमन चालू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चिकित्सा विभाग पेयजल टांकों एवं अन्य स्रोतों में क्लोरिनेशन करे, ताकि बीमारियां फैलने का खतरा नहीं रहे। उन्होंने चिकित्सा विभाग के अधिकारियांे को प्रभावित गांवांे मंे लगातार चिकित्सा दल भेजने, एंटी लार्वा का छिड़काव एवं फोगिंग करने के निर्देश दिए। जिला कलक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते ने बाड़मेर जिले मंे राहत प्रबंधन कार्याें के बारे मंे विस्तार से जानकारी दीं उन्होंने बताया कि सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, स्थानीय प्रशासन, पुलिस एवं नागरिकों के सहयोग से 307 लोगों का रेस्क्यू किया गया। साथ ही 1500 लोगांे को राहत शिविरांे मंे रखा गया। तात्कालिक राहत के रूप में 2 हजार अन्नपूर्णा किट एवं 5 हजार भोजन के पैकेट्स वितरित किए गए। उन्होंने बताया कि आपदा में मारे लोगों के आश्रितों को एसडीआरएफ से चार लाख रूपए एवं मुख्यमंत्री राहत कोष से अतिरिक्त सहायता के रूप मंे एक लाख रूपए दिए गए है। उन्होंने आपदा की स्थिति में आपदा प्रबंधन के उत्कृष्ट कार्य के लिए जिला कलक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं जिले के जन प्रतिनिधियों को बधाई दी। इस दौरान राजस्व राज्य मंत्री अमराराम चौधरी ने कहा कि अतिवृष्टि एवं बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में आमजन को राहत देने एवं राहत कार्यों के प्रति राज्य सरकार अत्यन्त संवेदनशील है। संसदीय सचिव लादूराम ने प्रभावित इलाकांे के प्रत्येक गांव मंे एएनएम नियुक्त करने की जरूरत जताई। सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी एवं सिवाना विधायक हमीरसिंह भायल ने क्षतिग्रस्त सड़कांे की मरम्मत करवाने की बात कही।   पुलिस अधीक्षक डा.गगनदीप सिंगला ने कहा कि सबके समन्वित प्रयासांे की बदौलत किसी की अकाल मौत नहीं हुई। उन्हांेने विशाला गांव मंे पुलिस कांस्टेबल के प्रयासांे की बदौलत 20 लोगांे की जान बचाए जाने का जिक्र किया। इस दौरान जिला प्रमुख श्रीमती प्रियंका मेघवाल, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एम.एल.नेहरा, अतिरिक्त जिला कलक्टर ओ.पी.बिश्नोई समेत विभागीय अधिकारी एवं जन प्रतिनिधि उपस्थित रहे। इस दौरान जिला प्रशासन की ओर से पावर प्रजेटेंशन के जरिए राहत प्रबंधन की विस्तार से जानकारी दी गई।





लोकसभा आम चुनाव को लेकर 24 से 26 अप्रैल तक सूखा दिवस घोषित

बाड़मेर, 26 मार्च। आबकारी विभाग के संयुक्त शासन सचिव के निर्देशानुसार लोकसभा आम चुनाव 2024 के परिपेक्ष्य में सम्पूर्ण बाड़मेर व बालोतरा जिले म...