गुरुवार, 22 अक्तूबर 2020

त्योहारों के सीजन में एमआरपी से अधिक पर वसूली न हों: मीणा

 जिला उपभोक्ता संरक्षण की बैठक आयोजित

बाड़मेर, 22 अक्टूबर। त्योहारों के सीजन में उपभोक्ताओं से एमआरपी से अधिक की वसूली करने वालों पर सख्त कार्यवाही की जाए तथा उपभोक्ताआंे को उनके अधिकारांे की जानकारी देकर जागरूक किया जाए। ताकि उनके अधिकारांे का हनन नहीं हो। जिला कलक्टर विश्राम मीणा ने गुरूवार को आयोजित जिला उपभोक्ता संरक्षण परिषद की बैठक के दौरान यह बात कही।
इस अवसर पर जिला कलक्टर विश्राम मीणा ने कहा कि उपभोक्ताआंेेे को उनके अधिकारांे के प्रति जागरूक करने मंे विभागांे की महत्वपूर्ण भूमिका है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत उपभोक्ताआंे के कई अधिकार है। लेकिन इसकी जानकारी के अभाव मंे उपभोक्ताआंे को उनके अधिकार नहीं मिल पाते है। उन्हांेने कहा कि समय-समय पर विभिन्न गतिविधियांे के जरिए बाजार मंे उपभोक्ताआंे के साथ होने वाली धोखाधड़ी, मिलावटी सामान, कम नाप-तौल, गारंटी के बाद सेवाएं नहीं मिलने के बारे मंे उपभोक्ताआंे को जागरूक करने का प्रयास किया जाए। उन्हांेने विभागीय अधिकारियांे को खाने-पीने की वस्तुआंे, पेट्रोल मंे मिलावट के बारे मंे आमजन को सहज एवं सरल तरीके अवगत कराने के निर्देश दिए। ताकि आम आदमी आसानी से गलत एवं सही की पहचान कर सके।
उन्होनें कहा कि मेडिकल स्टोरों पर दवाईयों की रेट सूची का प्रदर्शन एवं निःशुल्क दवाईयों की उपभोक्ताओं तक पहुंच सुनिश्चित की जाए। उन्होनें त्योहारों एवं समय-समय पर मिलावटी खाद्य एवं पेय पदार्थों की सैम्पलिंग एवं मिलावट पाए जाने पर सख्त कार्यवाही अमल में लाने के निर्देश दिए। उन्होनें उपभोक्ताओं के हितों में झोलोझाप डॉक्टरों के विरूद्ध कार्यवाही के निर्देश दिए। उन्हांेने कहा कि उपभोक्ताआंे को जागरूक किया जाए कि वे उपभोक्ता खरीदे गए माल अथवा सेवा का बिल आवश्यक रूप से लें। बिल मंे माल की प्रकृति, मात्रा, दर, गुणवत्ता का स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए। बिल लेते समय यह ध्यान रखें कि बिल मंे व्यापारी का नाम, जीएसटी एवं बिल नंबर, दिनांक, माल का विवरण सही-सही लिखा हो।
इस अवसर पर जिला रसद अधिकारी अश्विनी गुर्जर सहित विभिन्न विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
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शुद्ध के लिये युद्ध अभियान अभियान की क्रियान्विति को बैठक शुक्रवार 23 अक्टूबर को

 बाडमेर, 22 अक्टूबर। जिले में शुद्ध के लिये युद्ध अभियान आयोजित किये जाने के संबंध में जिला कलक्टर विश्राम मीणा की अध्यक्षता में शुक्रवार 23 अक्टूबर को प्रातः 11.30 बजे जिला कलक्टर कार्यालय में बैठक का आयोजन किया जाएगा।

संबंधित अधिकारियों को आवश्यक सूचनाओं के साथ निर्धारित समय पर बैठक में उपस्थित होने के निर्देश दिए गए है।
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बैंको से सामाजिक क्षेत्र को प्राथमिकता के निर्देश

 बाडमेर, 22 अक्टूबर। बैंकों से कोविड से प्रभावित अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए वाणिज्यिक दृष्टिकोण अपनाकर व्यवसाय करने की बजाय सामाजिक क्षेत्र में भी अपने दायित्वों के पालन पर जोर देते हुए जिला कलेक्टर विश्राम मीणा ने उन्हें समाज के विभिन्न वर्गो के कल्याण के लिए कार्य करने के निर्देश दिए है। वे गुरुवार सायं कलेक्टर सभागार में जिला स्तरीय बैंकिग समीक्षा समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे।

इस मौके पर जिला कलेक्टर मीणा ने कहा कि अधिकांश बैंकों की सरकार द्वारा प्रेरित योजनाओं में उपलब्धि असन्तोष जनक है तथा वे आवंटित लक्ष्यों को हासिल करने में बहुत पीछे रह गये है। उन्होने कहा कि विभिन्न बैकों को सरकार प्रेरित योजनाओं में ऋण या अनुदान वितरण के लक्ष्य वितीय वर्ष के प्रारम्भ मे ही आवंटित कर दिये जाते है तथा समय समय पर उन्हें विभिन्न योजनाओं के आवेदन प्रेषित किये जाते है लेकिन बैंके उन्हें निर्धारित समय पर ऋण वितरण की बजाय वितीय वर्ष की समाप्ति पर उपलब्धि अर्जित करने का बहाना बताती है जो कि अपने आप में गम्भीर है। उन्होने जिले की स्थानीय जमाओं के अनुरूप साठ प्रतिशत ऋण स्थानीय क्षेत्र में ही वितरित करने को बैंकों को प्राथमिकता देने को कहा।
प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र
मीणा ने बैकों को भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशानुसार अपनी कुल ऋणओं का 40 फीसदी हिस्सा प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्रों को देने को कहा। उन्होनेें बैंको की उदासीनता पर चिन्ता जताते हुए इसमें तत्परता लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कोविड की परीस्थित में प्रधानमन्त्री रोजगार सृजन एवं मुख्यमंत्री लघु प्रोतसाहन  योजना के लक्ष्यों तथा अर्जित उपलब्धियों की प्रगति की समीक्षा करते हुए धीमी प्रगति वाले बैको को अगले माह तक उन्हें आवटित लक्ष्य हर हाल में पूरा करने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर जिला कलक्टर ने बैंकों की ऋण वितरण नीति में खामी बताते हुए इसे स्वयं सहायता समूहों एवं कृषक समूहों के प्रति संवेदनशीलता बरतते हुए उन्हें प्राथमिकता देने को कहा। उन्होने कहा कि इससे जिले की ग्रामीण अर्थ व्यवस्था के सुदृढीकरण में मदद मिलेगी जिससे बैंकों की सूक्ष्य ऋण की नीति भी कारगर होगी। साथ ही बैंकों को कृषि क्षेत्र, लघुउद्योग, जाति व जनजाति, महिलाओं एवं अल्पसंख्यक समुदाय को ऋण विवरण में वरीयता देनी चाहिए। इससे पूर्व अग्रणी बैंक अधिकारी राजकुमार ने बैठक का एजेन्डा प्रस्तुत किया।
बैठक में नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधंक, कृषि उपनिदेशक जे आर भाखर समेंत जिले की सभी वाणिज्यिक तथा ग्रामीण बैंकों के नोडल अधिकारी मौजूद थें। इससे पूर्व जिला कलेक्टर ने किसान संघ के साथ बैंक के विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की।
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लोकसभा आम चुनाव को लेकर 24 से 26 अप्रैल तक सूखा दिवस घोषित

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