बाडमेर, 18 मई। जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत केरोसीन की वितरण व्यवस्था सुचारू
रूप से बनाये रखने हेतु माह मई, 18 के लिए नगर परिषद, पंचायत समिति, थोक विक्रेतावार केरोसीन का उप आवंटन किया गया है।जिला रसद अधिकारी जीतेन्द्रसिंह
नरूका ने बताया कि सभी थोक विक्रेता जिले की पंचायत समिति, नगर परिषद क्षेत्र
के उचित मूल्य दुकानदारांें को डोर स्टेप डिलीवरी सिद्धान्त से केरोसीन तेल की आवंटन
अनुसार आपूर्ति करेंगे।
शुक्रवार, 18 मई 2018
विकास योजनाआंे की समीक्षा बैठक 23 को
बाड़मेर, 18 मई। जिला परिषद द्वारा संचालित विभिन्न ग्रामीण विकास योजनाआंे की समीक्षात्मक
बैठक 23 मई को प्रातः 11 बजे जिला कलक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट कांफ्रेस हाल
मंे आयोजित की जाएगी।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एम.एल.नेहरा ने बताया कि उक्त बैठक में
मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान,स्वच्छ भारत मिशन,सीमांत क्षेत्र विकास कार्यक्रम, प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना समेत विभिन्न विकास योजनाआंे की समीक्षा की जाएगी।
संबंधित अधिकारियांे को आवश्यक सूचनाआंे के साथ बैठक में उपस्थित होने के निर्देश दिए
है।
रोहिडी ग्राम पंचायत मुख्यालय पर राजस्व लोक अदालत का आयोजन शनिवार को
बाड़मेर, 18 मई। राजस्व लोक अदालत अभियान के तहत शनिवार को शिव उपखण्ड में ग्राम पंचायत रोहिडी
के अटल सेवा केन्द्र में राजस्व लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा।
अतिरिक्त जिला कलक्टर ओ.पी. बिश्नोई ने बताया कि शनिवार 19 मई को शिव उपखंड मंे
ग्राम पंचायत रोहिडी के लिए अटल सेवा केन्द्र मंे राजस्व लोक अदालत शिविर का आयोजन
होगा। उन्हांेने बताया कि इस दौरान राजस्व प्रकरणांे के निस्तारण के साथ आमजन को केन्द्र
एवं राज्य सरकार की विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाआंे से लाभांवित किया जाएगा।
हाथकरधा बुनकरों से पुरस्कार के लिए आवेदन आमंत्रित
बाड़मेर, 18 मई। राज्य के हाथकरधा बुनकरांें को प्रोत्साहित करने की दृष्टि से हर वर्ष की
भांति इस वितीय वर्ष में भी राज्य सरकार द्वारा बुनकरों को नगद पुरस्कार देने का प्रावधान
किया है। इसी क्रम में जिला स्तरीय पुरस्कार के लिए जिले में कार्यरत हाथकरधा बुनकरों
30 जून, 2018 तक आवेदन पत्र आमन्त्रित
किए गए है।
जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबन्धक के. सी. सैनी ने बताया कि इसके लिए वे बुनकर
पात्र होंगे जो काथकरधा पर बुनाई कार्य में पिछले 3 वर्षो से कार्य कर रहे है तथा जिन्हें गत 3 वर्षो से इस पुरस्कार
के लिए चयनित नहीं किया गया है। उन्होने बताया कि पात्र हाथकरधा बुनकर जिला उद्योग
केन्द्र बाडमेर से आवेदन पत्र प्राप्त कर 30 जून, 2018 तक आवेदन पत्र जमा करवा सकते है।
पशुओं को लू एवं तापघात से बचाने के लिए एहतियात की सलाह
बाड़मेर, 18 मई। प्रदेश में पशुधन को भीषण गर्मी, लू एवं तापमान के दुष्प्रभावों से बचाने के लिए पशुपालन विभाग की ओर से पशुपालकों
को एहतियात बरतने की सलाह दी गई है। वर्तमान में तेज गर्म मौसम तथा तेज हवाओं का प्रभाव
पशुओं की सामान्य दिनचर्या को प्रभावित करता है।
पशुपालन विभाग की ओर से जारी की गई सलाह के मुताबिक भीषण गर्मी की स्थिति में पशुधन
को सुरक्षित रखने के लिए विशेष प्रबन्धन एवं उपायों, जिनमें ठंडा एवं छायादार पशु आवास, स्वच्छ पीने का पानी
आदि पर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। तेज गर्मी से बचाव प्रबंधन में जरा सी लापरवाही
से पशु को ‘लू‘ नामक रोग हो जाता है।
‘लू‘ से ग्रस्त पशु को तेज
बुखार हो जाता है और पशु सुस्त होकर खाना पीना बन्द कर देता है। शुरू में पशु की श्वसन
गति एवं नाडी गति तेज हो जाती है। कभी-कभी नाक से खून भी बहने लगता है। पशु पालक के
समय पर ध्यान नहीं देने से पशु की श्वसन गति धीरे-धीरे कम होने लगती है एवं पशु चक्कर
खाकर बेहोशी की दशा में ही मर जाता है। पशुपालन विभाग की ओर पशुपालकों को सलाह दी गई
है कि वे पशु आवास हेतु पक्के निर्मित मकानों की छत पर सूखी घास या कडबी रखें ताकि
छत को गर्म होने से रोका जा सके। पशु आवास के अभाव में पशुओं को छायाकार पेड़ों के नीचे
बांधे। पशु आवास में गर्म हवाओं का सीधा प्रवाह नहीं होने पावे इसके लिए लकड़ी के फंटे
या बोरी के टाट को गीला कर दें, जिससे पशु आवास में ठण्डक बनी रहे। पशु आवास गृह में आवश्यकता से अधिक पशुओं को
नहीं बांधे तथा रात्रि में पशुओं को खुले स्थान पर बांधे। गर्मी के मौसम में पशुओं
को हरा चारा अधिक खिलाएं, पशु इसे चाव से खाता है तथा हरे चारे में 70-90 प्रतिशत जल की मात्रा होती है, जो समय-समय पर पशु शरीर को जल की आपूर्ति भी करता है। इस मौसम में पशुओं को भूख
कम व प्यास अधिक लगती है। इसके लिए गर्मी में पशुओं को स्वच्छ पानी आवश्यकतानुसार अथवा
दिन में कम से कम तीन बार अवश्य पिलावें इससे पशु शरीर के तापमान को नियन्त्रित बनाये
रखने में मदद मिलती है। इसके अलावा पानी में थोड़ी मात्रा में नमक व आटा मिलाकर पिलाना
भी अधिक उपयुक्त है इससे अधिक समय तक पशु के शरीर में पानी की आपूर्ति बनी रहती है, जो शुष्क मौसम में
लाभकारी भी हैं। पशु को प्रतिदिन ठण्डे पानी से भी नहलाने की सलाह दी गई है। पशुपालकों
को सलाह दी गई कि पशुओं को ‘लू‘ लगने पर प्याज का रस
एवं पानी में ग्लूकोज अथवा नमक व शक्कर घोलकर पिलाएं। ‘लू‘ लगने पर पशु को ठण्डे
स्थान पर बांधे तथा माथे पर बर्फ या ठण्डे पानी की पट्टियां बांधे जिससे पशु को तुरन्त
आराम मिले। पशु में बीमारी के लक्षण दिखाई देने पर तुरन्त नजदीकी पशु चिकित्सक से सम्पर्क
कर पशु का उपचार कराए, ताकि पशुधन तथा उसके उत्पादन में होने वाली हानि से बचा जा सके।
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