बुधवार, 4 मार्च 2020

सरसों एवं चने की समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए 18 मार्च से होगा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन

आधार से बायोमैट्रिक सत्यापन होने पर ही होगा पंजीयन

बाड़मेर, 4 मार्च। राज्य में सरसों एवं चने की समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए 18 मार्च से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू किया जाएगा। यह जानकारी सहकारिता मंत्री श्री उदय लाल आंजना ने बुधवार को दी।
पंजीयन के समय किसान लेकर आये ये दस्तावेज
 श्री आंजना ने बताया कि किसान के उपज के सही मूल्य मिलने के हक को कोई छीन न सके इसे सुनिश्चित करने के लिये ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में पुख्ता व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि किसान ई-मित्र केन्द्र या संबंधित खरीद केन्द्र पर रजिस्ट्रेशन करवा सकता है। इसके लिए किसान को अपनी पहचान के रूप में आधार कार्ड,जनआधार/भामाशाह कार्ड, फसल संबंधी दस्तावेज के लिए गिरदावरी तथा बैंक खाते की पासबुक की फोटोप्रति लेकर जानी होगी तथा गिरदावरी के पी-35 का क्रमांक एवं दिनांक भी अपलोड करवाना होगा। उन्होंने बताया कि जो किसान अपना रजिस्ट्रेशन करवा रहा है उसे स्वयं ई-मित्र केन्द्र पर जाना होगा और अपना बायोमैट्रिक अभिप्रमाणन करवाना होगा। उसके पश्चात् ही किसान का रजिस्ट्रेशन संभव होगा।
एक मोबाइल नम्बर पर एक किसान का ही होगा रजिस्ट्रेशन
 रजिस्ट्रार सहकारिता श्री नरेश पाल गंगवार ने बताया कि एक मोबाइल नम्बर पर एक ही किसान का पंजीयन किया जायेगा तथा पंजीयन का कार्य प्रातः 9 बजे से सायं 7 बजे तक होगा। उन्होंने बताया कि किसान की कृषि भूमि जिस तहसील में होगी उसी तहसील के कार्यक्षेत्र में आने वाले खरीद केन्द्र का चयन रजिस्ट्रेशन के दौरान कर सकेगा। उन्होंने बताया कि किसान को उसकी पंजीकरण दिनांक के आधार पर सॉफ्टवेयर द्वारा वरीयता के अनुसार तुलाई हेतु दिनांक एवं जिन्स की मात्रा का आवंटन किया जायेगा तथा इसकी सूचना किसान के पंजीकृत मोबाइल पर एसएमएस द्वारा दी जायेगी।
किसान रजिस्ट्रेशन से पूर्व बैंक खाता विवरण कर लें जांच
 प्रबंध निदेशक, राजफैड श्रीमती सुषमा अरोडा ने बताया कि किसान को पंजीयन करवाने के लिए 31 रुपये का भुगतान करना होगा। उन्होंने बताया कि किसान को भामाशाह कार्ड से संबद्ध बैंक खाता का विवरण की जांच कर लेनी चाहिये। यदि कार्ड में बैंक खाता विवरण गलत दर्ज है तो रजिस्ट्रेशन से पूर्व उसे दुरस्त करवा लें। रजिस्ट्रेशन के समय बैंक खाता संख्या का विवरण को सही ढंग से अपलोड करवाए ताकि भुगतान प्राप्त करने में किसान को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
 श्रीमती अरोडा ने बताया कि निर्धारित केन्द्रों पर सरसों 4425रुपये तथा चना 4875रुपये के समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीदा जाएगा। उन्होंने कहा कि तुलाई के समय किसी प्रकार की असुविधा से बचने के लिए उपज को तय एफएक्यू मापदण्डों के अनुसार तैयार कर लाएं। उन्होंने कहा कि किसानों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, उपज के बेचान व भुगतान आदि के संबंध किसी प्रकार की समस्या न हो, इसके लिए वे टोल फ्री नम्बर 18001806001पर फोन कर समस्या का समाधान कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री सम्बल योजना

पात्र युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने के लिए लगातार नये नाम जोड़े जा रहे हैं चालू वितीय वर्ष में 325 करोड़ रुपए का भत्ता वितरित

बाड़मेर, 4 मार्च। कौशल, नियोजन एवं उद्यमिता राज्य मंत्री श्री अशोक ने बुधवार को विधान सभा में कहा कि मुख्यमंत्री सम्बल योजना के अन्तर्गत पात्र युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने के लिए नये नाम जोड़ने की प्रक्रिया लगातार जारी है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष 287 करोड़ रुपये की राशि बेरोजगारी भत्ते के रूप में दी गई है, जो वित्तीय वर्ष केे अन्त तक 325 करोड़ रुपये हो जाएगी। उन्होंने बताया कि अगले वित्तीय वर्ष में इस राशि को बढ़ाकर 550 करोड़ रुपये करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि सभी पात्र बेरोजगार युवाओं को बेराजगारी भत्ता देने का काम किया जायेगा।
     श्री अशोक ने बताया कि बजट घोषणा के अनुरूप एक बार में कुल एक लाख 60 हजार शिक्षित बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता दिये जाने का निर्णय लिया गया था। वर्तमान में एक लाख 59 हजार 728 को यह भत्ता दिया जा रहा है।  उन्होंने बताया कि जिन युवाओं को भत्ता दिया जा रहा है, उनकी आयु तय सीमा से अधिक होने पर, 2 साल पूरे होने पर, आय प्रमाण-पत्र सही समय पर ना देने पर अथवा किसी शिक्षण संस्थान में प्रवेश लेने पर उनके नाम को हटाकर नये पात्र बेरोजगारों के नाम जोड़े जाते हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया लगातार चलती रहती है।
कौशल, नियोजन एवं उद्यमिता राज्य मंत्री ने बताया कि पिछली सरकार द्वारा 5 साल के दौरान एक लाख 56 हजार 791 बेरोजगारों को भत्ता दिया गया था तथा 121 करोड़ 60 लाख की राशि खर्च की गयी थी। जबकि वर्तमान सरकार द्वारा लगभग एक लाख 42 हजार 300 युवाओं को मात्र एक ही वर्ष में लाभान्वित किया जा चुका है तथा लगभग 287 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया गया है। 
इससे पहले कौशल, नियोजन एवं उद्यमिता राज्य मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री युवा सम्बल योजना के तहत प्रदेश के रोजगार कार्यालयों में पंजीकृत कुल 3 लाख 17 हजार 293 स्नातक बेरोजगारों के पूर्ण रूप से भरे हुए आवेदन प्राप्त हुए हैं। उन्होंने जिलेवार विवरण सदन के पटल पर रखा।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में मुख्यमंत्री युवा सम्बल योजना 2019 के तहत प्राप्त आवेदनों की योजनान्तर्गत निर्धारित पात्रता के आधार पर जांच करने के उपरान्त 31 दिसम्बर, 2019 तक 2 लाख 10 हजार 321 बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता हेतु पात्र माना गया।
श्री अशोक ने बताया कि ऎसे बेरोजगार युवा जो स्नातक नहीं हैं, को बेरोजगारी भत्ता दिये जाने का कोई प्रस्ताव वर्तमान में विभाग में विचाराधीन नहीं है। राज्य सरकार गुणावगुण व बजट की उपलब्धता के आधार पर निर्णय करती है। 

निवेश प्रोत्साहन योजना का उद्देश्य स्थानीय बेरोजगारों को अधिक रोजगार मिलें

बाड़मेर, 4 मार्च। उद्योग मंत्री परसादी लाल मीना ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि युवाओं को रोजगार देने एवं प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना-2019 लाई गई है और राज्य सरकार की मंशा है कि निजी कंपनियों में स्थानीय बेरोजगारों को अधिक से अधिक रोजगार मिले।
मीना ने कहा कि योजना के तहत श्रमिकों के ईपीएफध्ईएसआई के नियोक्ता के अशंदान का 50 प्रतिशत पुनर्भरण सात वर्षों के लिए किए जाने का प्रावधान किया गया है। साथ ही यदि उद्यम में कार्यरत समस्त श्रमिकों में से 75 प्रतिशत या अधिक स्थानीय व्यक्ति होंगे तो पुनर्भरण 75 प्रतिशत तक देय होगा। उन्होंने बताया कि राज्य में 17 दिसम्बर, 2019 को शुरू की गई प्रोत्साहन रोजगार योजना का उद्देश्य भी अधिक से अधिक स्थानीय लोगों को रोजगार देना है।
उन्होंने कहा कि स्थानीय व्यक्तियों को उद्योगों में रोजगार देने के लिए उद्योगपतियों को बाधित करने के लिए राज्य में ऐसा कोई कानून नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि उद्योगों में स्थानीय लोगों को अधिक से अधिक रोजगार मिलें। इसके लिए उद्योगपतियों और उद्योग संघों की बैठकर बुलाकर शीघ्र बातचीत की जाएगी। यद्यपि वर्तमान में राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना-2019 में स्थानीय व्यक्तियों को उद्योगों में रोजगार दिए जाने के नियम प्रावधित नहीं है। तथापि नये स्थापित होने वाले पात्र उद्योगों को योजनान्तर्गत रोजगार को बढ़ावा दिए जाने के संबंध में क्लॉज 4.1(पप) के अन्तर्गत श्रमिकों के ईपीएफ/ईएसआई के नियोक्ता के अशंदान का 50 प्रतिशत पुनर्भरण सात वर्षों के लिए किए जाने का प्रावधान अंकित है जबकि यदि उद्यम में कार्यरत  समस्त श्रमिकों में से 75 प्रतिशत या अधिक राजस्थान राज्य के डोमिसाईल्ड व्यक्ति हैं तो पुनर्भरण 75 प्रतिशत तक देय है।
उन्होंने बताया कि अन्य राज्यों द्वारा उद्योगों में 75 प्रतिशत रोजगार स्थानीय लोगों को दिये जाने की अधिकारिक सूचना उपलब्ध नहीं है। राजस्थान में 75 प्रतिशत स्थानीय लोगों को रोजगार दिये जाने संबंधी कोई योजना अभी विचाराधीन व प्रक्रिया में नहीं हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में उद्योगों द्वारा कुशल-अकुशल श्रमिकों की आवश्यकतानुसार, स्थानीय युवाओं में आवश्यक कौशल की उपलब्धता तथा स्थानीय लोगों के रूझान के आधार पर रोजगार उपलब्ध करवाया जाता है।  राज्य में कौशल नियोजन एवं उद्यमिता विभाग द्वारा राज्य के स्थानीय लोगों को उद्योगों की मांग के आधार पर कौशल प्रशिक्षण देकर रोजगार हेतु सक्षम बनाया जाता है। स्थानीय स्तर पर रोजगार हेतु उपयुक्त व उद्योगों की आवश्यकतानुसार श्रमिक उपलब्ध होने पर वे स्वतः ही उद्योगों में रोजगार प्राप्त करने हेतु पात्र हो जाते हैं।
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अनुदान के लिए काश्तकारों से बार-बार दस्तावेज नहीं लेने की व्यवस्था होगी

बाड़मेर, 4 मार्च। आपदा प्रबंधन एवं सहायता मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल ने बुधवार को विधानसभा में आश्वस्त किया कि कृषि अनुदान के लिए काश्तकारों से बार- बार दस्तावेज नहीं लेने के बजाय एक ही बार दस्तावेज लेने के लिए विभाग द्वारा व्यवस्था सुनिश्चित करने के प्रयास किए जाएंगे।
मेघवाल ने कहा कि संबंधित जिला कलेक्टर द्वारा प्रभावित काश्तकारों की सूची विभाग को भेजी जाती है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में अब तक 34 करोड़ 14 लाख रुपये काश्तकारों को कृषि अनुदान के रुप में दिए जा चुके हैं। विधानसभा अध्यक्ष ने मास्टर मेघवाल को आई टी के जमाने में किसानों से अनुदान के लिए हर वर्ष दस्तावेज ना लेने के बजाय एक ही बार उन्हें डिजिटली सुरक्षित कर दस्तावेज लेने की व्यवस्था करने के निर्देश देने पर श्री मेघवाल ने कहा कि विभाग निश्चित तौर पर इसकी व्यवस्था करेगा।
मेघवाल ने बताया कि प्रभावित काश्तकारों द्वारा आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराते ही कृषि आदान अनुदान भुगतान की कार्यवाही बजट उपलब्धतानुसार की जाती है। विभाग द्वारा कृषकों को कृषि आदान अनुदान भुगतान डीबीटी  (डाइरेक्ट बेनीफिट ट्रान्सफर) के माध्यम से किया जा रहा है।
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सरकार द्वारा पहली बार 8 लाख नये काश्तकारों को बैंक से जोड़ा गया - सहकारिता मंत्री

बाड़मेर, 4 मार्च। सहकारिता मंत्री अंजना उदयलाल ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा पहली बार 8 लाख नये काश्तकारों को बैंकों से जोड़ा गया है तथा ऋण का समान रूप से वितरण हो रहा है।
अंजना प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा इस संबंध में पूछे गये पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि मालपुरा विधानसभा क्षेत्र में जहां भी ग्राम सेवा सहकारी समितियों के गठन प्रक्रियाधीन है, वहां पर जल्द ही गठित कर दी जाएगी तथा अगर यह विभागीय स्तर पर लंबित है तो संबंधित जिला तथा विभाग स्तरीय अधिकारियों की बैठक लेकर निस्तारण कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा गत वर्ष काश्तकारों की ऋण माफी के बाद अब रबी की फसली ऋण राशि में 25 प्रतिशत वृद्धि करके काश्तकारों को 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 62 हजार 500 रुपये कर दी गई है।
अंजना ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा अब अगले वर्ष भी खरीफ की फसल के लिए ऋण राशि में 25 प्रतिशत की और वृद्धि करके 75 हजार रुपये का फसली ऋण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार के पास संसाधन उपलब्ध है इस आधार पर हम काश्तकारों के लिए ऋण सीमा बढ़ाते जा रहे है। उन्होंने कहा कि अब तक बैकों से नये काश्तकारों को नहीं जोड़ा गया था लेकिन अब हमारी सरकार द्वारा पहली बार 8 लाख नये काश्तकारों को बैंक से जोड़ा है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के प्रयासों से किसानों में नवाचार हुआ है तथा सबको ऋण देने की मंशा से ऋण का समान वितरण हो रहा है। उन्होंने कहा कि अब हम काश्तकारों के फसली ऋण को एक लाख से डेढ़ लाख रुपये तक पहुंचाने की भी कोशिश करेंगे।
इससे पहले विधायक कन्हैयालाल के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में अंजना ने बताया कि निर्धारित मानदण्ड पूर्ण करने तथा जिला स्तरीय कमेटी की अनुशंषा सहित प्रस्ताव प्राप्त होने पर नियमानुसार नई ग्राम सेवा सहकारी समितियों का गठन किया जाता है। उन्होंने गठन के मानदण्ड का परिशिष्ट सदन के पटल पर रखा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में केन्द्रीय सहकारी बैंकों द्वारा ग्राम सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से “सहकारी फसली ऋण ऑनलाइन पंजीयन एवं वितरण योजना, 2019“ के अंतर्गत रबी 2019-20 में बिना ब्याज का अल्पकालीन फसली ऋण वितरित किया जा रहा है। उपरोक्त योजनान्तर्गत जिन कृषकों को खरीफ 2019 में ऋण वितरित किया गया था उन्हें रबी 2019-20 में 25 प्रतिशत तक बढ़ोतरी के साथ ऋण वितरण किया जा रहा है एवं आगामी वर्ष 2020-21 में खरीफ 2020 अंतर्गत बैंकों के पास उपलब्ध वित्तीय संसाधनों के आधार पर 25 प्रतिशत तक बढ़ोतरी कर ऋण वितरण किया जाना प्रस्तावित है।
अंजना ने बताया कि भारत सरकार की बजट घोषणा 01 फरवरी 2017 के तहत राज्य की कार्यशील पैक्स का तीन वर्ष में कम्प्यूटराइजेशन किया जाना है। इस संबंध में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
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बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं

एक दिवसीय आमूखीकरण कार्यशाला 5 मार्च को


बाडमेर, 04 मार्च। बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं, महिला शक्ति केन्द्र, महिला सुरक्षा एवं सलाह केन्द्र, बाल विवाद रोकथाम, जेन्डर विषय एवं घुघट प्रथा समाप्ति पर जागरूकता कार्यक्रम पर एक दिवसीय आमूखीकरण कार्यशाला का आयोजन गुरूवार 5 मार्च को प्रातः 11 बजे जिला परिषद सभागार में किया जाएगा।
महिला अधिकारिता विभाग उप निदेशक प्रहलादसिंह राजपुरोहित ने संबंधित अधिकारियों, प्रिन्ट एवं इलक्ट्रोनिक मिडिया प्रतिनिधियों, स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों, प्रबुद्ध नागरिकों से उक्त आमूखीकरण कार्यशाला में भाग लेने का अनुरोध किया है।
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लोकसभा आम चुनाव को लेकर 24 से 26 अप्रैल तक सूखा दिवस घोषित

बाड़मेर, 26 मार्च। आबकारी विभाग के संयुक्त शासन सचिव के निर्देशानुसार लोकसभा आम चुनाव 2024 के परिपेक्ष्य में सम्पूर्ण बाड़मेर व बालोतरा जिले म...