बुधवार, 22 अप्रैल 2020

राजस्व मंत्री हरीश चौधरी के प्रयासों से बायतू व धोरीमन्ना में चिकित्सकिय सेवाओं का होगा विस्तार

बायतू मे 30 बेड से 75 की स्वीकृति, धोरीमन्ना को भी 50 बेड

बाड़मेर, 22 अप्रैल। लम्बे समय से चिकित्सकीय सुविधाओं के आभाव से जूंझ रहे बायतू क्षेत्रवासियो के लिए अब खुश खबरी आई है।
राज्य सरकार ने आदेश जारी कर राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बायतू मे वर्तमान मे 30 बेड से बढ़ाकर 75 बेड करने की प्रशासनिक स्वीकृति जारी की है। बायतू उपखण्ड क्षेत्र का  भू-भाग भी क्षेत्रफल के लिहाज से विस्तृत होने के कारण मुख्यालय पर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर प्रतिदिन मरीजों की संख्या ज्यादा रहती है। राष्ट्रीय राजमार्ग भी कस्बे के बीच मे से गुजरने के कारण आये दिन सड़क दुर्घटनाऐ भी घटित होने के कारण आपातकालीन मामले भी बढ़ जाते है मगर उसके अनुरूप मे उपखण्ड मुख्यालय पर स्थित इस अस्पताल मे सुविधाऐ नहीं है। ओपीडी के हिसाब से स्टॉफ की भी भारी कमी होने के कारण यहाँ आने वाले मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
अब राजस्व मंत्री हरीश चौधरी की अनुशंषा पर राज्य सरकार ने राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बायतू को 30 बेड से बढ़ा कर 75 बेड करने की प्रशासनिक स्वीकृति भी जारी कर दी है। इस अस्पताल मे बेड की संख्या बढ़ने के साथ ही यहाँ कार्यरत चिकित्सको समेत अन्य सभी कार्मिको के पद भी बढ़ जायेंगे।
34 से बढ़कर 65 होंगे पद - राजकीय सामुदायिक चिकित्सा केंद्र बायतू मे राज्य सरकार के आदेशानुसार 75 बेड का अस्पताल हो जाने के बाद यहाँ चिकित्सकीय सुविधाओ का भी विस्तार हो जायेगा जिसमे मुख्य रूप से कार्मिको की संख्या बढ़ जायेगी। वर्तमान मे इस अस्पताल मे कुल 34 पद स्वीकृत है जो बढ़कर अब 65 हो जायेंगे।
धोरीमन्ना मे पचास बेड का होगा अस्पताल - राजस्थान  सरकार के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग (ग्रुप2) द्वारा आदेश जारी कर बाड़मेर जिले मे बायतू सीएचसी को 75 बेड करने के साथ ही धोरीमन्ना सीएचसी मे भी बेड की संख्या बढ़ाते हुऐ 50 कर दी है। वर्तमान मे वहाँ पर भी 30 बेड का अस्पताल है।
बाड़मेर जिले मे भी चिकित्सा सेवाओं का विस्तार बहुत ही आवश्यक है इसके लिए बायतू व धोरीमन्ना अस्पतालो मे बेडो की संख्या बढ़ाई गईं है।
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टिड्डी नियंत्रण संगठन ने सीमावर्ती क्षेत्रों में किया सर्वे,कही नही मिली टिड्डी

बाड़मेर, 22 अप्रैल। जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में बुधवार को टिड्डी नियंत्रण संगठन ने सर्वे कर टिडडी का जायजा लिया।
         कृषि उपनिदेशक जे आर भाखर ने बताया कि केंद्रीय टिडडी नियंत्रण संगठन द्वारा बी.ओ.पी सुंदरा, पांचला, रोहिली, बारमेरवाला, मुनाबा तथा गडरा क्षेत्रो का सर्वे किया गया। इस दौरान इन क्षेत्रों में टिडडी नही पाई गई।
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कितनोरिया में कर्फ्यू आंशिक रूप से प्रत्याहरित


बाड़मेर, 22 अप्रैल। सेडवा तहसील क्षेत्र की कितनोरिया ग्राम पंचायत में 8 अपै्रल को जीरो मोबेलिटी क्षेत्र घोषित कर धारा 144 के तहत कर्फ्यू लगाया गया था। जिला कलक्टर विश्राम मीणा ने आदेश जारी कर उक्त कर्फ्यू को आंशिक रूप से हटाया है।
जिला कलक्टर विश्राम मीणा द्वारा जारी आदेशानुसार जिले में एकमात्र कोरोना पॉजिटव कितनोरिया ग्राम पंचायत से प्राप्त होने के पश्चात वहां दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत जीरो मोबेलिटी क्षेत्र घोषित कर कर्फ्यू लगाया गया था। आदेशानुसार उपखण्ड अधिकारी चौहटन एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बाड़मेर से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर 22 अप्रैल की मध्यरात्री के पश्चात उक्त कर्फ्यू आंशिक रूप से प्रत्याहरित (विड्रो) किया गया है। उन्होने बताया कि जिले में 5 मई तक पूर्ववत अनुसार निषेधाज्ञा जारी रहेगी।  
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बालोतरा में कोरोना फाइटर्स एवं कर्मवीरों का किया सम्मान


बाड़मेर, 22 मार्च। स्थानीय नाहटा चिकित्सालय बालोतरा में कोरोना फाइटर्स, कर्मवीर चिकित्सकों एवं नर्सिंग कर्मियों की हौसला हफजाई के लिए कोविड-19 वॉलिंटियर्स टीम बालोतरा द्वारा साफा एवं माला पहनाकर सम्मान किया गया।
इस अवसर पर पीएमओ बलराज सिंह पवार ने कहा कि इस समय स्वास्थ्य कर्मियों एवं प्रशासनका शुक्रिया अदा करने का सबसे सही तरीका घर पर रह कर साथ देना है। उन्होने मास्क एवं सेनेटाइजर का उपयोग करने तथा घर पर एयर कंडीशनर का उपयोग नहीं करते हुए सामाजिक दूरी एवम् सरकार के निर्देशों की पालना करने का आह्वान किया।
इससे पूर्व कोविड-19 वॉलिंटियर्स टीम बालोतरा के सुनील डीरा चौहान ने बताया कि देश एवं प्रदेश में करोना वायरस के खिलाफ जंग में सबसे आगे की पंक्ति में खड़े चिकित्सक एवं नर्सिंग कर्मियों का हौसला हफजाई करते हुए उनका माला एवं साफा पहनाकर सम्मान किया गया है।
ओम बांटिया एवम् रूप चन्द सालेचा ने स्वास्थ्य कर्मियों के लिए कहा कि गर्व होता है जिस तरह सेना सीमा पर देश की रक्षा करती है, उसी तरह आज स्वास्थ्य सेवाओं से जुडें चिकित्सक एवं नर्सिंग कर्मी देश के योद्धा की तरह दिन रात सेवा कर रहे है। वहीं अनिल जैन ने बालोतरा के स्वस्थ योद्धाओं में डॉ. आर.एल. खत्री, डॉ कमल मूंदड़ा, डॉ गणपत कछवाहा एवं नर्सिंग कर्मियों में मुकेश चौहान, कांतिलाल, सुखदेव पटेल, गौरव, दिनेश, नरेश चितारा, मीरा, रामू लेगा, ममता आदि का सेवा के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर कोविड-19 वॉलिंटियर्स टीम के जेठाराम माली, किशोर महाराज, भमसा पालीवाल, महेंद्र बॉस, जीतू, प्रकाश सोलंकी, शाहरुख सोनारा आदि उपस्थित थे।
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कोरोना को मात देगा राजस्थान, कोरोना रोकथाम के लिए गत दो माह में 312.17 करोड़ रुपये जारी


बाड़मेर, 22 अप्रैल। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत एवं आपदा प्रबंधन विभाग मंत्री मा. भंवरलाल मेघवाल के नेतृत्व एवं निर्देशानुसार कॉविड-19 जैसी भीषण आपदा की रोकथाम एवं बचाव के लिए जनहित में प्रदेश के आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा प्रतिबद्धता दिखाते हुए गत दो माह में 312.17 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं ।
मा. भंवरलाल मेघवाल ने बताया कि विभाग द्वारा त्वरित गति से कार्यवाही करते हुए मार्च एवं अप्रैल माह में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को 248.37 करोड़ एवं समस्त जिला कलक्टर्स को 63.8 करोड़ रुपये मिलाकर कुल 312.17 करोड़ की राशि जारी की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि जारी की गई राशि का उपयोग कोरोना को मात देने के लिए राज्य सरकार द्वारा दिए गए निर्देशानुसार किया जाएगा।
  उन्होंने बताया कि लेबोरेट्री, वेंटिलेटर एवं अन्य मेडिकल उपकरण हेतु मार्च माह में 62.15 करोड़ एवं माह अप्रेल में 149.12 करोड़ रुपये राज्य के सभी 13 मेडिकल कॉलेजों एवं सम्बद्ध चिकित्सालय के लिये सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग को आवंटित किए गए हैं।
श्री मेघवाल ने बताया कि मास्क एवं पीपीई किट एवं अन्य सामग्री क्रय करने के लिए मार्च माह में 2.10 करोड़ एवं माह अप्रेल में रैपिड टेस्टिंग किट्स क्रय करने हेतु 35 करोड़ रुपये चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को आंवटित किए गए हैं।  
आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि जिला कलक्टर्स को राज्य में संचालित समस्त क्वारेंटीन केन्द्रों तथा राहत शिविरों में रह रहे प्रवासी श्रमिकों के लिए अस्थायी आवास, भोजन, कपडे, मेडिकल सुविधाएं तथा संदिग्धों की जांच व स्क्रीनिंग के साथ-साथ कोविड-19 की रोकथाम में लगे स्वास्थ्यकर्मियों, पुलिसकर्मियों एवं सफाईकर्मियों की निजी सुरक्षा के उपकरण इत्यादि के लिए मार्च माह में 8.70 करोड़ रुपये, निर्बन्ध कोष के लिए 4.10 करोड़ एवं अप्रेल में 51 करोड़ की राशि आवंटित की जा चुकी है। इस प्रकार समस्त जिला कलक्टरों को कुल 63.8 करोड़ की राशि जारी की जा चुकी है।
मास्क नहीं पहनने पर सजा व जुर्माना -
आपदा प्रबंधन मंत्री श्री मेघवाल ने बताया कि विभाग द्वारा कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम एवं लॉकडाउन की पालना हेतु आपदा प्रबन्धन अधिनियम 2005 के अनुसार सभी नागरिकों को मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है, जिसकी पालना नहीं करने पर 1 साल की सजा, जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि जनहित में सभी मकान मालिकों को पाबन्द किया गया है कि सभी डाक्टर्स, नर्सेज, पैरामेडिकल स्टाफ एवं मेडिकल टेक्निशियन, श्रमिकों एवं मजदूरों से जबरन मकान खाली नहीं करवाया जाए।
चारा-पानी की व्यवस्था के निर्देश -
आपदा प्रबंधन मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार कोविड-19 के रोकथाम एवं बचाव हेतु संवदेनशील है। टिड्डी प्रभावित प्रदेश के 8 जिले बाड़मेर, बीकानेर, जैसलमेर, जालौर, जोधपुर, श्रीगंगानगर, पाली व सिरोही एवं सूखे से प्रभावित 4 जिले जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, हनुमानगढ़ में पशुओं के संरक्षण हेतु पशु-शिविर खोले जाने एवं अनुदानित दर पर चारा उपलब्ध कराये जाने के साथ ही सूखा प्रभावित समस्त जिलों को आवश्यकतानुसार पेयजल परिवहन के निर्देश भी संबंधित जिला कलक्टर्स को दिये गये हैं।
लॉकडाउन का पालन करें -
श्री मेघवाल ने समस्त प्रदेशवासियों से अपील की है कि लॉकडाउन के निर्देशों का पूरी तरह पालन करें तथा घरों में ही रहते हुए इस संक्रमण से स्वयं व अन्य लोगों को बचाएं। उन्होंने प्रदेशवासियों से कहा है कि हर व्यक्ति सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करे एवं जरूरत होने पर बिना मास्क पहने घर से बाहर नहीं निकले।
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प्रदेश में होगी 2 हजार नए चिकित्सकों की भर्ती, 9500 नर्सिंगकमियों को भी मिलेगी जल्द नियुक्ति


बाड़मेर, 22 अप्रैल। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा है कि कोरोना से लड़ाई में मैनपावर की कमी नहीं आने दी जाएगी। पिछले दिनों 735 नए चिकित्सकों को जिलों में नियुक्ति दे दी गई है और अब 2000 नए चिकित्सकों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर न्यायालय में अटकी 12 हजार 500 हजार जीएनएम और एएनएम की भर्ती का रास्ता साफ करते हुए 9 हजार एएमएम और जीएनएम को जल्द ही नियुक्ति दी जाएगी।
डॉ. शर्मा ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने और चिकित्सा संस्थानों को सभी चिकित्सा सुविधाएं से युक्त करने के लिए भी चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए जा चुके हैं। प्रदेश में जांच सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। चिकित्सा संस्थानों में वर्तमान में 4700 जांच प्रतिदिन करने की क्षमता विकसित कर ली है व आने वाले दिनों में इसकी भी संख्या 10 हजार होगी। सभी जिला मुख्यालयों पर भी जांच की सुविधाएं विकसित करने पर काम चल रहा है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ज्यादा से ज्यादा जांचें कर कोरोना की वास्तविकता का पता लगाने के लिए संकल्पबद्ध है। इसके लिए देश में सबसे पहले राजस्थान में ही रेपिड टेस्टिंग किट का इस्तेमाल किया गया। राजस्थान सरकार की सतर्कता की वजह से ही रेपिड किट्स की सच्चाई का पता चल सका। रेपिड टेस्ट किट पर भी राजस्थान ने ही सबसे पहले इसकी शुद्धता (एक्यूरेसी) की जांच की और आईसीएमआर को देश भर में इससे की जाने वाली जांचों पर रोक लगानी पड़ी।
कोरोना फोर्स से अभद्रता बर्दाश्त नहीं -
उन्होंने बताया कि कोरोना से लड़ रही फोर्सेज का स्वस्थ रहना हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती है। स्वास्थ्यकर्मी, पुलिस बल, प्रशासक, पत्रकार और अन्य सेवाओं के लोग इस लड़ाई में मुस्तैदी से लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि इनके साथ किसी भी सूरत में बदतमीजी या अभद्रता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही की जाएगी।  
चिकित्सा सुविधाओं से वंचित क्षेत्रों के लिए 400 मेडिकल वैन -
शर्मा ने बताया कि कोरोना प्रभावित, कर्फ्यूग्रस्त व ऐसे क्षेत्र जो लॉकडाउन की वजह से सामान्य चिकित्सा सेवाओं से वंचित हैं, वहां 400 मेडिकल मोबाइल वाहनों द्वारा सेवाएं सुलभ करवाई जा रही हैं। ये एंबूलेंस सुबह 8 बजे से 2 बजे तक सभी उपखंड मुख्यालयों व अन्य चिन्हित स्थानों पर चिकित्सा उपचार सेवाएं उपलब्ध कराएंगी। कोई भी व्यक्ति जो किसी आम या विशेष बीमार से ग्रस्त है वह इस सेवा के अंतर्गत निःशुल्क उपचार ले सकेगा। इन मोबाइल वाहनों में लाउडस्पीकर की व्यवस्था भी की गई है ताकि घरों में रह रहे लोगों को इसकी सूचना आसानी से मिल सके।
पत्रकारों की होगी कोविड-19 जांच -  
शर्मा ने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों की तरह ही पत्रकार बिरादरी अपनी जान जोखिम में डालकर आमजन को कोरोना संबंधी सूचनाएं उपलब्ध करा रही है। उन्होंने कहा कि देश के कई हिस्सों से पत्रकारों के पॉजीटिव आने की सूचना मिली है। ऐसे में मुख्यमंत्री ने निर्देश पर राज्य के पत्रकारों की कोरोना जांच करवाई जाएगी ताकि वे बेफिक्र होकर अपनी ड्यूटी निभा सकें।
चिकित्सकीय सामग्री की हो केंद्रीय खरीद व्यवस्था -
उन्होंने कहा कि कोरोना से लड़ने के लिए काम आने वाले पीपीई किट, वेंटिलेटर्स, एन-95 मास्क, टेस्टिंग किट्स सहित सभी चिकित्सकीय सामग्री खरीद की केंद्रीय व्यवस्था होनी चाहिए। आईसीएमआर द्वारा तय कंपनियों द्वारा राज्य सामग्री खरीद रहे हैं। केंद्र सरकार यदि केंद्रीय खरीद व्यवस्था में इसे ले लेती है तो राज्यों को मांग के अनुसार आपूर्ति हो सकती है।
राज्य सरकारों को मिले पर्याप्त मात्रा में गेहूं व खाद्यान्न ं-
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश और देश में कोरोना के चलते गेहूं की कमी आ रही है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत आने वाले जरूरतमंद लोगों के अलावा मध्यमवर्ग एक बड़ा तबका है जो किसी भी योजना के दायरे में नहीं आता। ऐसे जरूरतमंदों को गेहूं उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी है। तमाम राज्यों के जरूरतमंदों तक पर्याप्त मात्रा में गेहूं पहुंचे केद्र सरकार को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए।
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जरूरतमंद गरीब परिवारों को 27500 रूपये की सहायता


बाडमेर, 22 अप्रेल। लॉकडाउन की स्थिति के मद्देनजर गडरारोड पंचायत समिति के जरूरतमंद गरीब 11 परिवारों के खाते में कुल सताइस हजार पांच सौ रूपये की राशि हस्तान्तरण करने की स्वीकृति प्रदान की गई है।
जिला कलक्टर आपदा प्रबन्धन सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विश्राम मीणा ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन की स्थिति को देखते हुए विषम परिस्थितियों में गडरारोड पंचायत समिति के जरूरतमंद गरीब 11 परिवारों को 1000 रूपये प्रति परिवार तत्काल सहायता एवं 1500 रूपये प्रति परिवार अनुग्रह सहायता सहित कुल 2500 रूपये प्रति परिवार की दर से 22 हजार पांच सौ रूपये की राशि डीबीटी के माध्यम से उनके खातों में हस्तान्तरण की स्वीकृति प्रदान की गई है। शेष 2 परिवारों के खाता संख्या नहीं होने से पांच हजार रूपये का चैक विकास अधिकारी गडरारोड को भेजकर निर्देशित किया गया है कि वे संबंधित व्यक्तियों के खाते में राशि हस्तान्तरण करना सुनिश्चित करेंगे।
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जिला पैरोल सलाहकार समिति की बैठक 29 को


बाड़मेर, 22 अप्रैल। जिला पैरोल सलाकार समिति की मासिक बैठक जिला कलक्टर विश्राम मीणा की अध्यक्षता में 29 अप्रेल को दोपहर तीन बजे आयोजित की जाएगी।
अतिरिक्त जिला कलक्टर राकेश कुमार शर्मा ने संबंधित अधिकारियों को वांछित सूचनाओं के साथ निर्धारित समय पर बैठक में उपस्थित होने के निर्देश दिए है।
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पंचायतीराज विभाग के अभियन्ताओं की डयूटी कोविड-19 कार्यो हेतु नहीं लगाने के निर्देश


बाडमेर, 22 अप्रेल। जिला परिषद एवं पंचायत समितियों में पदस्थापित विभागीय अभियन्ताओं की डयूटी कोविड-19 कार्यो हेतु नहीं लगाने के निर्देश दिए गए है।
जिला कलक्टर आपदा प्रबन्धन सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विश्राम मीणा ने बताया कि गृह विभाग के आदेश द्वारा राज्य में 3 मई तक की अवधि के लिए लॉकडाउन के संबंध में क्रियान्वयन गाइड-लाईन जारी की गई है जिसमें महानरेगा तथा केन्द्रीय और राज्य योजनाओं के कार्यो को अनुमत श्रेणी में रखा गया है। उक्त आदेश के अनुरूप अनुमत गतिविधियों के समस्त कार्य 20 अप्रेल से प्रारम्भ किए गए है, जबकि जिला परिषद एवं पंचायत समिति में पदस्थापित विभागीय अभियन्ताओं की डयूटी निर्माण कार्यो एवं विभागीय कार्यो के अलावा कोविड-19 से संबंधित कार्यो मे लगाई हुई है। उन्होने बताया कि विभागीय अनुमत कार्य यथा महात्मा गांधी नरेगा, सांसद एवं विधायक स्थानीय विकास योजना सहित सभी प्रकार के सड़कों, सिंचाई परियोजना, भवनों, जल संरक्षण कार्यो को प्रारम्भ करने के कारण निर्माण कार्यो की देखरेख, कार्यो की माप, मूल्यांकन, ग्रुप मेनेजमेन्ट इत्यादि सामाजिक दूरी का ध्यान रखते हुंए कार्य करवाने में अभियन्ताओं की जिम्मेदारी और बढ जाती है।
जिला कलक्टर मीणा ने विभागीय योजनाओं के निर्माण कार्यो का सफल क्रियान्वयन करवाये जाने हेतु जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी, अति. जिला कार्यक्रम समन्वयक नरेगा, समस्त उपखण्ड अधिकारियों एवं समस्त विकास अधिकारियों को निर्देशित किया है कि ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज अभियन्ताओं की सेवाएं कोविड-19 से संबंधित कार्यो के लिए नहीं ली जावे तथा कोविड-19 से संबंधित कार्यो हेतु किए गए आदेश तत्काल प्रभाव से निरस्त करते हुए विभागीय अभियन्ताओं को विभागीय अनुमत कार्य सम्पादन कराये जाने हेतु निर्देशित करे।
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जिला कलक्टर मीणा ने की सामान्य सावधानियों की अपील, दुकानों एवं ऑफिसों में सोशल डिस्टेंश अनिवार्य


बाड़मेर, 22 अप्रेल। जिला कलक्टर विश्राम मीणा ने कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम एवं मानव जीवन की रक्षार्थ आमजन से मॉडिफाईड लॉकडाउन की सख्ती से पालना करने तथा सार्वजनिक स्थलों एवं समस्त सरकारी, निजी कार्यालयों में भ्रमण एवं कार्य सम्पादन करते समय मास्क का प्रयोग करने की अपील की है।
जिला कलक्टर ने बताया कि कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग अनिवार्य है। उन्होने बताया कि किसी उपभोक्ता ने मास्क नही पहन रखा है, उसको दुकानदार द्वारा बिक्री नही की जायेगी और न ही दुकान में प्रवेश दिया जायेगा। छोटी दुकान में दो व बड़ी दुकान में पांच से अधिक उपभोक्ताओं को प्रवेश की अनुमति नही होगी तथा सामाजिक दूरी की पालना करनी होगी। उन्होने बताया कि सार्वजनिक स्थनों पर पांच से ज्यादा व्यक्तियों के एकत्रित होने पर प्रतिबन्ध लगाया गया है। साथ ही सार्वजनिक स्थल पर थूकना दण्डनीय होगा। शराब, गुटका, तम्बाकू की बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा। विवाह आदि कार्यक्रमों और अन्त्येष्टि के लिए संबंधित मजिस्टेªेट की अनुमति अनिवार्य है।
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बुधवार, 15 अप्रैल 2020

16 हजार से अधिक लाइव जुड़े लोग, ऑनलाइन पठन -पाठन को और अधिक प्रभावी किया जाएगा - शिक्षा मंत्री


फेसबुक लाइव से शिक्षा मंत्री ने किया संवाद

बाड़मेर, 15 अप्रैल। शिक्षा राज्य मंत्री श्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने अभिभावकों से आह्वान किया है कि वे लॉकडाउन की पालना करें और सरकार द्वारा इस संबंध में समय-समय पर जारी निर्देशों की पूर्ण पालना करें। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग ने प्रोजेक्ट स्माइल के अंतर्गत 20 हजार अभिभावकों के ग्रुप बनाकर कक्षा 1 से 12 तक की पठन-पाठन सामग्री प्रतिदिन व्हाट्सएप के जरिये भेजे जाने की व्यवस्था की है। राज्य के शिक्षा अधिकारी, शिक्षक व्हाट्सएप से जुडे ऑनलाइन घर पर ही विद्यार्थियों की शिक्षा सतत जारी रखने को प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि घर बैठे ऑनलाइन पढ़ाई और अधिक प्रभावी हो, इसके लिए राज्य सरकार निरन्तर अपने स्तर पर प्रयास कर रही है। उन्होंने केंद्र सरकार से भी अपील की कि वह राज्यों को ऑनलाइन शिक्षा घर बैठे उपलब्ध कराने के लिए आर्थिक सहयोग करे।
श्री डोटासरा बुधवार को फेसबुक लाइव के जरिये कोरोनाकाल में शिक्षा विभागीय तैयारियों और किये जा रहे कार्यों पर चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कोरोना वारियर्स के रूप में काम कर रहे शिक्षा विभाग के अधिकारियों, शिक्षकों की सराहना की तथा कहा कि विभाग के अधिकारी, कर्मचारी, शिक्षक विभिन्न स्तरों पर इस समय में जिला प्रशासन को अपनी सेवाएं दे रहे हैं और व्यक्तिगत भी आम जन के हितार्थ जो कार्य कर रहे हैं, वह अनुकरणीय हैं। उन्होंने ऐसे सभी शिक्षकों का अभिनंदन करते हुए उन्हें प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में राजस्थान कोरोना से पूर्ण सतर्क और सुरक्षित है। मुख्यमंत्री का प्रयास है कि प्रदेश में इस संकट के समय कम से कम हानि हो और जल्द से जल्द कोरोना पर हम विजय प्राप्त करें। उन्होंने आम जन से भी मास्क पहन कर रहने, सोशल डिस्टेंस बनाये रखने, घरों में ही रहने और साबुन से निरन्तर हाथ धोने आदि की पालना कर कोरोना से बचाव पर जोर दिया।
श्री डोटासरा ने कहा कि निजी विद्यालय तीन महीने की फीस देने का दबाव अभिभावकों पर नहीं डाले। फीस नहीं देने की स्थिति में भी यह सुनिश्चित करे कि बच्चों की पढ़ाई में किसी प्रकार का व्यवधान नहीं हो। इसकी पालना नहीं करने वाले शिक्षण संस्थानों पर सरकार कार्यवाही करेगी। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि कोचिंग संस्थाओं से भी वह आग्रह कर रहे हैं कि ऑनलाइन में पढ़ाई की व्यवस्था सुनिश्चित करे।
शिक्षा मंत्री श्री डोटासरा से फेसबुक लाइव के अंतर्गत बुधवार को 16 हजार से अधिक लोग सीधे जुड़े। इस दौरान 53 हजार से अधिक कमेंट आये। शिक्षा राज्य मंत्री ने कमेंट के जवाब लाइव भी दिए तथा कहा कि वह सोशल मीडिया, ईमेल, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिये भी लोगों से जुड़ कर शिक्षा विभाग से संबंधित प्रश्नों का समाधान करते रहेंगे। उन्होंने कहा यह राज्य सरकार लोगों के साथ है, बच्चे राज्य और देश का भविष्य हैं, उनकी स्माइल हम सभी मिलकर बरकरार रखें। उन्होंने लोगों को घर पर रहने, सुरक्षित रहने का आह्वान किया।  
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मुख्यमंत्री की किसानों को बड़ी राहत, मिलेंगे मुफ्त बीज


बाड़मेर, 15 अप्रैल। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के लाखों किसानों को कोरोना संकट के दौर में बड़ी राहत देते हुए खरीफ सीजन 2020 के लिए मक्का और बाजरा के प्रमाणित बीज निःशुल्क उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। श्री गहलोत ने इसके लिए राजस्थान राज्य बीज निगम लिमिटेड द्वारा राष्ट्रीय बीज निगम से प्रमाणित बीजों की खरीद के प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया है।
वित्त विभाग के प्रस्ताव के अनुसार, खरीफ सीजन के दौरान प्रदेश के अनुसूचित जनजाति क्षेत्र में 5 लाख किसानों को मक्का के प्रमाणित बीज के 5 किलोग्राम के मिनीकिट और सभी बाजरा उत्पादक जिलों के 10 लाख किसानों को 1.5 किलोग्राम के बाजरा के प्रमाणित बीज के मिनीकिट निःशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने राज्य बीज निगम को राष्ट्रीय बीज निगम से खरीफ सीजन 2020 के लिए सोयाबीन के 26 हजार क्विंटल प्रमाणित बीज और 14 हजार क्विंटल सोयाबीन के आधार बीज की खरीद के लिए भी स्वीकृति दे दी है।
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आपदा की घड़ी में निजी अस्पतालों को अपनी जिम्मेदारी निभाने का आह्वान


बाड़मेर, 15 अप्रेल। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि कोरोना जैसी महामारी के बीच प्रदेश के निजी अस्पतालों को अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभानी होगी। उन्होंने कहा कि मरीजों का इलाज नहीं करने वाले कुछ निजी अस्पतालों को आज नोटिस दिया गया है। डॉ. शर्मा ने कहा कि प्रदेश के कई हिस्सों से यह बात सामने आई थी कि कुछ निजी अस्पताल मरीजों के इलाज में असमर्थता दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा कि निजी हो या सरकारी, सभी अस्पतालों में आने वाले मरीजों के उपचार को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। मरीजों का उचित उपचार उनकी जिम्मेदारी है, सरकार यह सुनिश्चित भी करेगी।
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि कोरोना के कुचक्र को तोड़ने में सैंपलिंग की अहम भूमिका है। जितने ज्यादा सैंपल लिए जाएंगे उतने की वास्तविक केस सामने आएंगे और हम समय रहते ऐसे लोगों का उपचार कर कोरोना को कम्यूनिटी स्प्रेड होने से रोक पाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब तक लगभग 35000 सैंपल लिए जा चुके हैं। अधिकारियों से बात कर क्वारेंटाइन और आइसोलेशन की सुविधा और बढ़ाने पर विभाग काम कर रहा है।
उन्होंने कहा कि जयपुर सहित राज्य की सभी मेडिकल कॉलेजों में 3000 जांचें प्रतिदिन की जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जयपुर सहित कुछ जिलों को छोड़कर कहीं भी पॉजीटिव केसेज के बढ़ने की सूचना नहीं है। उन्होंने कहा कि अब तक 147 लोग पॉजीटिव से नेगेटिव हुए हैं, जिनमें से 74 को डिस्चार्ज भी कर दिया गया है। स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है।
डॉ. रघु नेे कहा कि सरकार आमजन के लिए घर-घर जाकर सूखी भोजन सामग्री और खाने के पैकेट पहुंचा रही है। क्षेत्र में कोरोना के प्रकोप को कम करने के लिए हॉट स्पॉट चिन्हित कर क्लस्टर बेस्ड और कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग बेस्ड दोनों तरह के सैंपल लिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि रामंगज में 418 सैंपल में से 345 सैंपल पॉजीटिव आए हैं।
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डोर-टू-डोर वितरित हो रही राशन सामग्री

बाड़मेर, 15 अप्रैल। जिले में लॉक डाउन की अवधि के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को तत्परता पूर्वक राशन सामग्री मुहैया कराने तथा समाजिक दूरी के निर्देशों की पूर्ण पालना के लिए प्रत्येक उचित मुल्य दुकान से राशन सामग्री की होम डिलीवरी की जा रही है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजनान्तर्गत लाभार्थियों को निःशुल्क गेंहू भी होम डिलीवरी से उपलब्ध कराने की व्यवस्था कि गई है।
जिला कलक्टर विश्राम मीणा ने बताया कि लॉक डाउन की अवधि के दौरान जिले की सभी 489 ग्राम पंचायतों में लोगों के लिए उचित मुल्य दुकान से राशन सामग्री की होम डिलीवरी की व्यवस्था संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा की गई है।  उन्होने बताया कि जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत के लिए एक वाहन की व्यवस्था की गई है जिससे वितरण का कार्य त्वरित गति से सम्पादित किया जा सके। इस दौरान ट्रेक्टर ट्रोली अथवा पिकअप वाहन के साथ राशन डीलर, उसका सहायक, वाहन चालक एवं ग्राम पंचायत द्वारा नियुक्त दो कार्मिक साथ रहते है। उन्होने बताया कि राशन सामग्री के वितरण के दौरान सोशन डिस्टेंसिंग के निर्देश दिए गए है। साथ ही समस्त कार्मिकों को मास्क एवं सैनेटाईजर का आवश्यक रूप से उपयोग करने हेतु पाबंद भी किया गया है।
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बिना अनुमति मुख्यालय छोड़ने वाले बीडीओं के निलम्बन की अनुशंसा


बाड़मेर, 15 अप्रैल। जिला कलक्टर विश्राम मीणा ने लॉक डाउन के दौरान बिना अनुमति मुख्यालय छोड़ कोरोना संवेदनशील क्षेत्र जैसलमेर एवं पोकरण की यात्रा कर लौटने वाले गडरारोड पंचायत समिति के विकास अधिकारी गणपत लाल सुथार को निलम्बित करने की अभिशंसा की है।
जिला कलक्टर विश्राम मीणा ने बताया कि गडरारोड़ पंचायत समिति के विकास अधिकारी गणपत लाल सुथार ने 3 अप्रैल को बिना सक्षम स्तर अनुमति के मुख्यालय छोडकर जैसलमेर एवं पोकरण स्थित अपने गांव की यात्रा की तथा 7 अप्रैल की सुबह पुनः गडरारोड लौट आए। उन्होने बताया कि जैसलमैर जिले में पोकरण संक्रमण के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्र है। विकास अधिकारी संक्रमित क्षेत्र यात्रा पश्चात लौटे परन्तु अपनी स्क्रीनिंग नहीं करवाई और न ही क्वारेंटाईन में रहे।
जिला कलक्टर ने बताया कि उक्त लापरवाही के लिए संबंधित विकास अधिकारी को 12 अप्रैल को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, जिसका जवाब उन्होने अब तक नहीं दिया है। उन्होने बताया कि विकास अधिकारी जैसे महत्वपूर्ण औहदे पर रहते हुए इस प्रकार कोरोना महामारी के समय लापरवाही बरतना स्वीकार्य नहीं है। जिला कलक्टर मीणा द्वारा निदेशक एवं विशिष्ट शासन सचिव, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग राजस्थान जयपुर को उक्त विकास अधिकारी के विरूद्व सख्त कार्यवाही करते हुए तत्काल निलम्बित करने अथवा एपीओ करने की अनुशंषा प्रेषित की गई है।
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जोधपुर डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक ने लॉकडाउन के तहत विद्युत उपभोक्ताओं को राहत पहुंचाने के निर्देश दिए, मुख्यमंत्री के निर्णय की पालना में दिए निर्देश

बाडमेर, 15 अप्रैल। जोधपुर डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक अविनाश सिंघवी ने लॉकडाउन की विषम परिस्थितियों में विद्युत उपभोक्ताओं को राहत पहुुंचाने के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा लिए गए निर्णयों की पालना के डिस्कॉम अधिकारियों को निर्देश जारी किए है।
प्रबंध निदेशक ने लॉक डाउन के तहत आपातकालीन सेवाओं को सुचारू बनाए रखने के लिए विद्युत वितरण निगम जोधपुर 24 घंटे सेवारत है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा उपभोक्ताओं के लिए जो निर्णय लिए गए उनकी शत प्रतिशत पालना के निर्देश दिए गए है। प्रबंध निदेशक ने कहा कि कोरोना के संक्रमण के खतरे को देखते हुए कर्मचारियों को मीटर रीडिंग के लिए भेजना संभव नहीं है, माह अप्रैल 2020 में सभी उपभोक्ताओं को औसत के आधार पर प्रोविजनल बिल जारी किए जा रहें है, जिनके उपयोग, बिल राशि का समायोजन मीटर रीडिंग उपलब्ध होने पर कर दिया जाएगा।
उन्होने बताया कि कृषि उपभोक्ताओं के मार्च 2020 में जारी बिल अप्रैल व मई 2020 में जारी होने वाले बिल की राशि का भुगतान 31 मई 2020 तक स्थगित किया गया है। 31 मई तक भुगतान न करने पर कोई विलम्ब शुल्क नहीं लगेगा, न कनेक्शन काटा जाएगा।
प्रबंध निदेशक ने बताया कि घरेलू श्रेणी के 150 युनिट माह तक उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं के उपयोग माह मार्च-अप्रैल के बिल जो क्रमशरू अप्रैल व मई माह में जारी होंगे उनकी राशि का भुगतान 31 मई 2020 तक स्थगित रहेगा। न तो अवधि के बिलों की राशि 31 मई 2020 तक भुगतान न करने पर कोई विलम्ब शुल्क नहीं लगेगा न ही कनेक्शन कटेगा। उन्होंने बताया कि 150 युनिट माह में अधिक उपभोग वाले उपभोक्त के बिल की राशि में यह छुट नहीं होगी।
प्रबंध निदेशक ने बताया कि लॉकडाउन से मुक्त औद्योगिक व व्यावसायिक (अघरेलू) प्रतिष्ठानों को छोड़कर शेष सभी औद्योगिक व्यावसायिक (अघरेलू) प्रतिष्ठानों के बिल में स्थाई शुल्क की राशि का भुगतान लॉकडाउन अवधि के अनुपात में 31 मई 2020 तक स्थागित रहेगा, यह स्थगित (डेफर्ड) की राशि बिल में अंकित तो होगी, परंतु देय राशि में शामिल नहीं होगी।
प्रबंध निदेशक ने बताया कि कृषि व अघरेलू उपभोक्ता द्वारा माह अप्रैल व मई के बिलों की जितनी राशि का भुगतान माह अप्रैल व मई में जमा करवाया जाएगा उतनी राशि पर 5 प्रतिशत छुट आगामी माह के बिल में समायोजित हो जाएगी। उन्होनें बताया कि एमनेस्टी योजना में कृषि व घरेलू उपभोक्ता जिनमें कनेक्शन 31 मार्च 2019 से पूर्व कटे हुए है, उनके लिए एमनेस्टी योजना 30 जून 2020 तक बढ़ा दी गई है। ऐसे उपभोक्ता बिना ब्याज व बिना विलंब शुल्क मूल राशि ऑनलाइन नेट बैंकिग, पेटीएम, अजेजन-पे, जेडीवीवीएनएल कंजूमर एप, बिल डेस्क आदि द्वारा जमा करा सकते है या भुगतान योग्य राशि सहायक अभियंता कार्यालय में दे सकते है।
उपभोक्ताओं को यह सुविधा -
प्रबंध निदेशक ने बताया कि विद्युत कर्मचारियों द्वारा मीटर पठन व वितरण के लिए लॉकडाउन के चलते उपभोक्ता के यहां जाना संभव नहीं हो सकेगा, इससे बिल औसत के आधार पर बना कर ऑनलाइन, एसएमएस से भेजे जाएंगे, जबकि प्रिंटेड प्रति संबंधित एईएन कार्यालय में उपलब्ध रहेगा या निकटतम सब स्टेशन पर रखवा दी जाएगी। इन्होंने बताया कि उपभोक्ता को विकल्प होगा कि वह अपने मीटर की फोटो मय के नंबर खींच कर अपने जोन के संबंधित वरिष्ठ लेखाधिकारी को ई-मेल आईडी या मोबाइल नंबर पर भेजना चाहे तो बिल मीटर रीडिंग के आधार पर बन या ठीक कर भेज दिया जाएगा। उन्होंने बताय कि बाड़मेर जोन ई-मेल sraobmz@gmail.com मे व मोबाइल नं. 9414031579 पर भेज सकते है। उन्होंनें बताया कि उपभोक्ता जेडीवीवीएनएल कंजूमर एप डाउनलोड कर बिल देख सकते है। डुप्लीकेट कॉपी निकाल सकते है, बिल का भुगतान कर सकते है। 
उन्होंने बताया कि उपभोक्ता जिनके फोन नंबर, ईमेल आईडी विद्युत निगम में रजिस्टर्ड है उन्हें एसएमएस, ईमेल भी भेजा जाएगा। जिसमें बिल की राशि से संबंधित जानकारी उपलब्ध होगी। उपभोक्ता सेवा केंद्र टोल फ्री नं. 18001806045 या 1920 या 0291-2741912 पर कॉल करके भी अपने बिल की राशि जान सकता है व किसी प्रकार की विद्युत संबंधी  कर सकता है। उपभोक्ता अपने मोबाइल नंबर एवं ईमेल आईडी https://bit.ly/3a48mie पर अपडेट कर सकते है व उक्त लिंक पर ईमेल पर आईडी व मोबाइल नंबर होने पर बिल से संबंधित जानकारी ई-मेल व मोबाइल पर भेज दी जाएगी।
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प्रवासी श्रमिकों के लिए प्रशासन बना सहारा


बाडमेर, 15 अप्रेल। जिले में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए लॉकडाउन के मद्देनजर बेघर एवं बेसहारा लोगों तथा प्रवासी मजदूरों के लिए जिला प्रशासन द्वारा खोले गये 22 आश्रय स्थल वरदान साबित हो रहे है।
जिला कलक्टर विश्राम मीणा ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान बेघर, बेसहारा एवं प्रवासी मजदूरों के जिला प्रशासन द्वारा जिला एवं तहसील मुख्यालयों पर आश्रय स्थल खोले गए है, जहां प्रशासन द्वारा खाना, पानी एवं सभी मूलभूत सुविधाएं मुहैया करायी जा रही है। कोई भी बेसहारा अथवा प्रवासी मजदूर इन आश्रय स्थलों में रूक सकता है। जिले में वर्तमान में 6 आश्रय स्थलों में कुल 157 बेसहारा लोग एवं प्रवासी मजदूर शरण लिये हुए है। उन्होने बताया कि वर्तमान में बाडमेर में महावीर टाउन हॉल एवं ग्राम पंचायत खारिया तला में संचालित आश्रय स्थलों में कुल 34, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय खानजी का तला एवं राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बायतु पनजी में कुल 65, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बालोतरा में 27 एवं राजकीय माध्यमिक विद्यालय नवोडा बेरा महादेव नगर समदडी स्टेशन में 31 बेसहारा एवं प्रवासी मजदूरों ठहरे हुए है। उन्होने बताया कि जिले में 22 आश्रय स्थलों में कुल 2025 प्रवासियों के लिए ठहरने की व्यवस्था की गई है। उन्होने बताया कि आश्रय स्थलों में लॉकडाउन के दौरान प्रवासियों को आने वाली समस्याओं के निराकरण एवं प्रवासियों के समुचित भोजन की व्यवस्था की जा रही है।
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बिना सक्षम अनुमति मुख्यालय छोडा, अब आयुर्वेद विभाग के उप निदेशक को नोटिस


बाड़मेर,15 अप्रैल। सक्षम अधिकारी की अनुमति प्राप्त किये बिना मुख्यालय छोड़ने पर आयुर्वेद विभाग के उप निदेशक सुरेश कुमार शर्मा को कारण बताओं नोटिस जारी कर तीन दिवस के भीतर जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए है।
जिला कलक्टर विश्राम मीणा ने बताया कि वर्तमान में कोरोना वायरस से लोगों की जीवन रक्षा के लिए प्रदेश में लॉकडाउन की स्थिति बनी हुई है। उप निदेशक 14 अप्रेल को अपने मुख्यालय पर नहीं पाए गए, इस संबंध में तहसीलदार शिव से प्राप्त रिपोर्ट अनुसार उप निदेशक गांव उण्डू में अपने निवास पर मरीजों को देख रहे थे जबकि राज्य सरकार द्वारा कोरोना वायरस की रोकथाम हेतु लगाये गये लॉकडाउन के दौरान किसी भी अधिकारी एवं कर्मचारी को मुख्यालय छोडने की अनुमति नहीं है। कोरोना वायरस से बचाव के मद्देनजर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग जयपुर के आदेशानुसार समस्त आयुर्वेद, होम्योपैथी एवं यूनानी चिकित्सा अधिकारी एवं नर्स-कम्पाउण्डर की सेवाएं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को सौपी गई है। उक्त आदेश की अनुपालना में उप निदेशक द्वारा आदिनांक तक अपनी उपस्थिति मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पास दर्ज नहीं करवाई गई है।
जिला कलक्टर मीणा ने बताया कि उप निदेशक शर्मा का यह कृत्य राज्य सरकार के आदेशों के विपरीत सक्षम अधिकारी की अनुमति प्राप्त किये बिना मुख्यालय छोडने एवं स्वयं के घर पर रह कर राजकीय डयुटी के बिना सक्षम अनुमति गायब होना तथा अपने घर पर मरीजों को देखना घोर लापरवाही एवं कर्तव्य विमुखता को प्रदर्शित करता हैं। इसके लिए जिला कलक्टर मीणा ने उप निदेशक शर्मा को नोटिस जारी कर तीन दिवस के भीतर जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है कि क्यों नहीं इसके लिए उनके विरूद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल में लाई जावें। निर्धारित अवधि में जवाब प्राप्त नहीं होने की स्थिति में यह मानते हुए कि आपको कुछ नहीं कहना है, नियमानुसार अग्रिम कार्यवाही प्रारम्भ कर दी जाएगी।
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कोविड 19 के मध्यनजर प्रशासन सख्त, मुख्यालय छोडने पर होगी कड़ी कार्यवाही


बाडमेर, 15 अप्रेल। वर्तमान में कोरोना वायरस की रोकथाम के मद्देनजर राज्य सरकार द्वारा समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों के अवकाश एवं मुख्यालय छोडने पर प्रतिबन्ध लगाया गया है।
जिला कलक्टर विश्राम मीणा ने बताया कि ऐसा ध्यान में आया है कि कतिपय जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा सक्षम स्तर से अनुमति प्राप्त किये बिना मुख्यालय छोड़ा जा रहा है, जो वर्तमान स्थिति को देखते हुए कतई उचित नहीं है। उन्होने समस्त जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिए है कि वे भविष्य में जिला कलक्टर की अनुमति प्राप्त किये बिना अथवा अत्यावश्यक होने पर अतिरिक्त जिला कलक्टर की बिना अनुमति अपना मुख्यालय नहीं छोड़ेगे। साथ ही अधीनस्थ अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी पाबन्द किया गया है कि वे संबंधित नियंत्रण अधिकारी से पूर्वानुमति प्राप्त करने के पश्चात् ही अपना मुख्यालय छोडेंगे।
जिला कलक्टर मीणा ने सख्त हिदायत दी है कि आदेश की अवहेलना किये जाने पर संबंधित अधिकारी के विरूद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही के साथ ही कानूनी कार्यवाही भी अमल में लाई जाएगी।
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रविवार, 12 अप्रैल 2020

कार्मिकों एवं वाहनों के आवागमन के लिए ई-पास

बाड़मेर, 12 अप्रैल। लॉकडाउन के दौरान जरूरी सेवाओं के संचालन एवं वस्तुओं की आपूर्ति में लगे कार्मिकों एवं वाहनों के आवागमन के लिए ई-पास की सुविधा आरम्भ की गई है। सम्बंधित कम्पनी एवं फर्म  epass.rajasthan.gov.in URL पर अपने कार्मिकों के लिए लॉकडाउन पास के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं।
जिला कलेक्टर विश्राम मीणा ने बताया कि कोविड-19 (कोरोना वायरस) संक्रमण के कारण देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान आवश्यक सेवाओं के संचालन एवं जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति निर्बाध रूप से जारी रखने के लिए सम्बंधित कम्पनी एवं फर्म की ओर से अपने कार्मिकों एवं वाहनों के आवागमन के लिए जिला प्रशासन, सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग, उद्योग विभाग आदि को पास हेतु आवेदन किया जा रहा है। संक्रमण रोकने में सबसे महत्वपूर्ण सोशल डिस्टेंसिंग के दृष्टिकोण के मध्यनजर तथा आमजन की सुविधा को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में ई-पास की सुविधा आरम्भ की गई है। सम्बंधित कम्पनी एवं फर्म  epass.rajasthan.gov.in URL पर अपने कार्मिकों के लिए लॉकडाउन पास के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन के मंजूर होने पर आवेदक को उसकी ईमेल पर ई-पास दो भागों में प्राप्त होगा। वाहन के लिए ई-पास जिसमें आवेदक की फोटो एवं क्यूआर कोड होगा जिसे वाहन पर लगाया जा सकेगा तथा पास के दूसरे भाग में कार्मिकों का व्यक्तिगत विवरण मय वाहन संख्या के होगा। उपरोक्त ई-पास को फील्ड में तैनात पुलिसकर्मियों द्वारा अपने मोबाइल एप द्वारा डिजिटल रूप से जांचा जा सकेगा।
यह सुविधा राजकोप सिटीजन मोबाइल एप पर भी उपलध है। ऑनलाइन लॉकडाउन पास के सम्बन्ध में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न  https://police.rajasthan.gov.in/RajCopCitizenFAQ.html  लिंक पर उपलब्ध हैं।
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शिक्षा मंत्री के निर्देश पर जारी हुए आदेश, लॉकडाउन अवधि में मुख्यालय पर लौटने के लिए शिक्षकों से लम्बी यात्रा नहीं करने की अपील


बाड़मेर, 12 अप्रैल। शिक्षा मंत्री श्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने अपील की है कि विभाग के ऐसे सभी पीईईओ, संस्था प्रधान अथवा कार्मिक जो वर्तमान में अपने मुख्यालय उपस्थित नहीं है और अपने परिवार के साथ अन्य जिलों में, मुख्यालय से अन्यत्र निवास कर रहे हैं, वे लॉकडाउन अवधि में मुख्यालय पर लौटने के लिए लम्बी यात्रा नहीं करें। उन्होंने कहा कि कार्मिकों के मुख्यालय पर उपस्थिति की सूचना अंकन के संबंध में राज्य सरकार ने आदेश जारी किए हैं।श्री डोटासरा ने कहा कि ऐसे कार्मिक लॉकडाउन अवधि पश्चात ही मुख्यालय हेतु प्रस्थान करें।
उन्होंने कहा कि सभी पीईईओ, संस्था प्रधानों को निर्देश दिए गए हैं कि वे मुख्यालय पर अधिकारी, कार्मिक के उपस्थिति होने अथवा नहीं होने की संबंधित सूचना शाला दर्पण के माध्यम से दर्ज करवाने हेतु विभागीय पोर्टल पर उपस्थिति मॉड्यूल में आवश्यक बदलाव कर 13 अप्रैल को प्रातः से सांय 5 बजे तक आवश्यक रूप से दर्ज करेें। इस प्रकार की सूचना में पीईईओ, संस्था प्रधान मुख्यालय के आस-पास के गांव व कस्बों, शहरों में निवास कर रहे अधिकारी, कार्मिक, जो बिना किसी लम्बी यात्रा के मुख्यालय पर सहज उपलब्ध हो सकते हैं, को मुख्यालय पर उपस्थित मानते हुए उपस्थिति संबंधित सूचना शाला दर्पण पोर्टल के माध्यम से दर्ज करवाया जाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
श्री डोटासरा ने बताया कि सभी मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी अपने क्षेत्राधिकार में समस्त पीईईओ, संस्था प्रधान द्वारा दर्ज मुख्यालय पर उपस्थिति संबंधित सूचना 14 अप्रैल को ऑनलाईन पोर्टल के माध्यम से डॉनलोड करके या पिं्रट प्राप्त कर संबधित एसडीएम के माध्यम से जिला कलक्टर को प्रेषित करेेंगे। उन्होंने कहा कि संस्था प्रधान अथवा पीईईओ प्रत्येक कार्मिक से दूरभाष पर बात करके ही मुख्यालय पर उपस्थिति की सूचना का पोर्टल पर ऑनलाईन अंकन करेंगे। किसी कार्मिक को इस कार्य हेतु विद्यालय में उपस्थिति होने हेतु निर्देशित नहीं किया जाएगा। यदि पीईईओ या संस्था प्रधान अपने अधीनस्थ स्टाफ की मुख्यालय पर ऑनलाईन उपस्थिति अपरिहार्य कारणवश पोर्टल पर करने में असमर्थ हों तो पीईईओ अथवा संस्था प्रधान दूरभाष के माध्यम से अपने अधीनस्थ स्टाफ की मुख्यालय पर उपस्थिति की समेकित सूचना संबंधित मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को भिजवाया जाना सुनिश्चित करेंगे।
सभी मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी अथवा मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी अपने क्षेत्राधिकार में पीईईओ अथवा संस्था प्रधानों द्वारा शाला दर्पण पर दशाई गई मुख्यालय पर उपस्थिति संबंधित सूचना का उपयोग केवल कार्मिकों की ड्यूटी लगाए जाने हेतु करेंगे ताकि मुख्यालय से बाहर गए अधिकारी अथवा कार्मिक किसी अवपीड़क कार्यवाही के भय से चिंचित होकर गलत सूचना अंकित न करें।
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कक्षा एक से आठ तथा 9 एवं 11 के विद्यार्थियों को मिलेगा आगामी कक्षाओं में प्रवेश

बाड़मेर, 12 अप्रैल। राज्य सरकार ने प्रदेश में कक्षा एक से आठ एवं कक्षा 9 एवं 11 के विद्यार्थियों को आगामी उच्च कक्षाओं में क्रमोन्नति एवं प्रवेश के लिए पात्र किए जाने के संबंध में आदेश जारी किए हैं।
शिक्षा राज्य मंत्री श्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने बताया कि चूंकि इस समय किसी भी शिक्षण संस्थान में परीक्षा मूल्यांकन, परख आदि गतिविधियों का आयोजन नहीं हो रहा है। एक बारीय शिथिलन शैक्षणिक सत्र 2019-20 के लिए ही मान्य होगा। उन्होंने बताया कि कक्षा एक से आठ तक सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों को राज्य सरकार के इस आदेश के तहत आगामी कक्षा में क्रमोन्नत माना जाएगा। इसके तहत वे आगामी उच्च कक्षा में प्रवेश के लिए पात्र होंगे।
श्री डोटासरा ने बताया कि कक्षा आठ एवं पांच के लिए जारी किए जाने वाले प्रमाण पत्रों एवं अन्य शेष कक्षाओं के लिए जारी किए जाने वाले प्रमाण पत्रों के लिए पृथक से प्रारूप जारी करने के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कक्षा क्रमोन्नयन एवं आगामी उच्च कक्षा में प्रवेश की कार्यवाही संबंधित पोर्टल पर संपन्न करने के लिए भीअधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि राज्य में वर्तमान स्थिति को देखते हुए विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन कंटेट तैयार किये जा रहे हैं। इ-लर्निंग की पक्रिया उच्च कक्षा में क्रमोन्नति के अनुसार जारी रखी जाएगी। इसके तहत विद्यार्थी घर बैठे ऑनलाइन पढ़ाई जारी रख सकेंगे।
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अधिकारियों के मोबाईल 24 घण्टे चालू रहेंगे


बाड़मेर, 12 अप्रैल। जिले में लोक डाउन की विशेष परिस्थिति के मध्यनजर जिला कलेक्टर विश्राम मीणा ने अधिकारियो को 24 घण्टे पर मोबाईल पर उपलब्ध रहने को पाबंद किया हैं।
जिला कलेक्टर मीणा ने एक परिपत्र जारी किया है कि कोविड कोरोना के मध्यनजर राज्य सरकार ने सम्पूर्ण प्रदेश में लोक डाउन घोषित किया हुआ है। ऐसे में जन सामान्य को कोई असुविधा नही हो इसलिए आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिला कलेक्टर ने आदेशित किया है कि सभी अधिकारी एवं शाखा प्रभारी अपने मोबाइल 24 घण्टे ऑन रहेंगे एव स्वयं भी उपलब्ध रहेंगे। साथ ही ऑफिस एव घर के बेसिक फोन भी चालू रखेंगे।
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बाड़मेर जिले में सार्वजनिक स्थानों पर थूकने पर तुरन्त प्रभाव से रोक


बाड़मेर, 12 अप्रेल। जिले में कोविड-19 के संक्रमण को रोकने व आमजन के स्वास्थ्य व सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए व्यापक लोक हित में राजस्थान ऐपिडेमिक डिजीजेज एक्ट, 1957 की धारा (2) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिला कलेक्टर विश्राम मीणा ने  थूंक या पान व अन्य चबाये जाने वाले तम्बाकू व गैर तम्बाकू उत्पादों के खाने के बाद पीक को सार्वजनिक स्थानों व संस्थानों में थूकंने पर तुरन्त प्रभाव से रोक लगा दी है।
जिला कलेक्टर मीणा ने बताया कि इन आदेशों की अवहेलना की स्थिति में संबंधित के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के तहत दण्डात्मक कार्यवाही अमल में लाई जावेगी। उल्लेखनीय है कि कोविड-19 वैश्विक महामारी में व्यक्तिगत, पारिवारिक व सामाजिक स्तर पर स्वच्छता व साफ-सफाई की महत्ता को प्रमुख रूप से रेखांकित किया है। सामान्य तौर पर यह देखने में आता है कि आमजन द्वारा थूंक व पान या अन्य चबाये जाने वाले तम्बाकू व गैर तम्बाकू उत्पादों को खाने के बाद पीक को सार्वजनिक स्थानों पर यहां-वहां थूंक दिया जाता है, जिससे कोविड-19 के संक्रमण के फैलने की आंशका रहती है। इस संक्रमण को रोकने हेतु आमजन की इन अस्वास्थ्यकारी आदतों पर सख्ती से प्रतिबन्ध लगाना आवश्यक हो गया था।
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सरपंच के परमिट अमान्य, अनुमति पत्र जारी करने के लिए केवल इंसीडेंट कमांडसर ही अधिकृत


बाड़मेर, 12 अप्रैल। लॉक डाउन के दौरान आम नागरिकों को आवश्यकता होने पर या आवश्यक सेवाओं के लिए अनुमति देने बाबत केवल इंसीडेंट कमांडर ही अधिकृत है । अन्य अधिकारी या सरपंच गण द्वारा जारी अनुमति मान्य नहीं होंगी।
      जिला कलेक्टर विश्राम मीणा ने बताया कि जिले में आम जन को आवश्यक सेवाओं या विशेष परिस्थितियों में अनुमति देने के लिए उपखंड अधिकारी एवं तहसीलदारों को इंसीडेंट कमांडर नियुक्त किया गया था। उन्होंने बताया कि ध्यान में आया है कि जिले में कई सरपंच एवं अन्य अनाधिकृत अधिकारी भी इस संबंध में अनुमति पत्र जारी कर रहे हैं जो कि नियमों के विरुद्ध है। उन्होंने बताया कि केवल इंसिडेंट कमांडर एवं अधिकृत अधिकारियों द्वारा जारी अनुमति पत्र ही मान्य होंगे एवं अन्य अनाधिकृत व्यक्तियों द्वारा जारी अनुमति मान्य नहीं होगी। साथ ही उन्होंने ऐसा पाए जाने पर संबंधित के विरुद्ध नियमानुसार कानूनी कार्यवाही अमल में लाने के निर्देश दिए हैं।
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विकास अधिकारी को कारण बताओ नोटिस, लोक डाउन के बावजूद बिना अनुमति मुख्यालय छोड़ा


बाड़मेर, 12 अप्रैल। लॉक डाउन के बावजूद बिना अनुमति मुख्यालय छोड़कर कोरोना अति संवेदनशील क्षेत्र पोकरण से पुनः जिले में बिना स्क्रीनिंग किए लौटने जैसी लापरवाही बरतने के कारण गडरारोड  पंचायत समिति के विकास अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
जिला कलेक्टर विश्राम मीणा ने बताया कि वर्तमान में कोरोनावायरस रोकथाम के लिए प्रदेश व्यापी लोक डाउन के बावजूद गडरा रोड विकास अधिकारी गणपत राम सुथार द्वारा बरती गई लापरवाही के कारण उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि उक्त विकास अधिकारी बिना सक्षम अनुमति के मुख्यालय छोड़कर जैसलमेर एवं पोकरण स्थित अपने गांव चले गए। उन्होंने बताया कि पोकरण कोरोनावायरस के मद्देनजर अति संवेदनशील क्षेत्र है इसके बावजूद विकास अधिकारी 7 अप्रैल को सुबह बिना स्क्रीनिंग करवाएं गडरारोड लौटे। उन्होंने बताया कि उनकी इस लापरवाही के कारण उनके संपर्क में आने वाले व्यक्तियों में संक्रमण का खतरा बना हुआ है। उन्होंने बताया कि विकास अधिकारी गणपत राम सुथार को अपने प्रत्युत्तर के साथ स्क्रीनिंग की रिपोर्ट भी प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
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लोकसभा आम चुनाव को लेकर 24 से 26 अप्रैल तक सूखा दिवस घोषित

बाड़मेर, 26 मार्च। आबकारी विभाग के संयुक्त शासन सचिव के निर्देशानुसार लोकसभा आम चुनाव 2024 के परिपेक्ष्य में सम्पूर्ण बाड़मेर व बालोतरा जिले म...