बाड़मेर, 09 सितंबर। पोषण की स्थिति में सुधार लाने और महिलाआंे मंे एनीमिया की रोकथाम के
लिए महिला एवं बाल विकास विभाग प्रयास कर रहा है। सुपरवाइजर, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता
एवं अन्य कार्मिक इसके लिए समन्वित प्रयास करें। इसके लिए उन तक समुचित जानकारी पहुंचाने
के साथ नियमित रूप से प्रोत्साहित किया जाए। महिला एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशक
जीतेन्द्रसिंह नरूका ने शनिवार को जिला परिषद सभागार मंे महिलाआंे मंे एनीमिया की रोकथाम
के लिए ब्लाक स्तरीय संदर्भ व्यक्तियांे के प्रशिक्षण के दौरान यह बात कही।
इस अवसर पर उप निदेशक जीतेन्द्रसिंह नरूका ने कहा कि एनीमिया की रोकथाम के लिए
किशोरी, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को एनीमिया के दुष्परिणामों की जानकारी देने के साथ
आईएफए टेबलेट व सिरप , आयरन देना, हिमोग्लोबिन चैक करने के साथ कृमिनाशक गोलियों का सेवन कराया जाए। साथ ही उसका
पोषण स्तर सुधारने का प्रयास किया जाए। उन्हांेने कहा कि ब्लाक संदर्भ व्यक्ति आगामी
दिनांे मंे होने वाले प्रशिक्षणांे के दौरान संभागियांे को इसके बारे मंे विस्तार से
जानकारी दें। नरूका ने निर्धारित मॉडल के संबंध
में आवश्यक जानकारी प्रदान करते हुए आंगनबाड़ी केन्द्रों पर सामुदायिक कार्यक्रमों का सुचारू रूप से आयोजन करने
के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। राज्य स्तर के प्रशिक्षक बाल विकास परियोजना
अधिकारी रविन्द्र लाल, जिला आशा कोर्डिनेटर राकेश भाटी, दुर्गसिंह सोढ़ा,देवीराम मीना, भटराज ने भी एनीमिया की रोकथाम के बारे मंे जानकारी दी। प्रशिक्षण का संचालन देवदत्त
शर्मा ने किया। इस प्रशिक्षण मंे बाल विकास परियोजना अधिकारियांे के साथ चिकित्सा विभाग
के कार्मिकांे ने भाग लिया। इस दौरान महिलाआंे एवं किशोरियांे मंे एनीमिया की रोकथाम
के बारे मंे राज्य स्तरीय संदर्भ व्यक्तियांे ने विस्तार से जानकारी दी।