गुरुवार, 15 अक्तूबर 2020

जिला उपभोक्ता संरक्षण परिषद की बैठक 22 को

बाड़मेर, 15 अक्टूबर। जिला उपभोक्ता संरक्षण परिषद् एवं जिला स्तरीय सतर्कता समिति (पीडीएस) की बैठक जिला कलक्टर विश्राम मीणा की अध्यक्षता में 22 अक्टूबर को दोपहर 3 बजे कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की जाएगी।

जिला रसद अधिकारी एवं सदस्य सचिव ने बताया कि उक्त बैठक में संबंधित जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियो को उपस्थित होने का आग्रह किया गया है।
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समर्थन मूल्य पर मूंग, उड़द, सोयाबीन एवं मूंगफली की खरीद

ऑनलाइन पंजीयन 20 अक्टूबर से होगा प्रारम्भ

850 से अधिक केन्द्रों पर होगी खरीद

बाड़मेर, 15 अक्टूबर। सहकारिता मंत्री श्री उदय लाल आंजना ने गुरुवार को बताया कि प्रदेश में समर्थन मूल्य पर मूंग, उड़द, सोयाबीन एवं मूंगफली की खरीद के लिये ऑनलाइन पंजीकरण मंगलवार, 20 अक्टूबर से शुरू किया जा रहा है। 850 से अधिक खरीद केन्द्रों पर मूंग, उड़द एवं सोयाबीन की 1 नवम्बर से तथा 18 नवम्बर से मूंगफली खरीद की जाएगी।
सहकारिता मंत्री ने बताया मूंग के लिए 365, उड़द के लिए 161, मूंगफली के 266 एवं सोयबीन के लिए 79 खरीद केन्द्र चिह्नित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि पूर्व वर्ष की तुलना में इस वर्ष 500 से अधिक खरीद केन्द्र खोले गये है। श्री आंजना ने बताया कि किसानों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो इसके लिए ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था ई-मित्र एवं खरीद केन्द्रों पर प्रातः 9 बजे से सायं 7 बजे तक की गई है।
उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार को मूंग की 3.57 लाख मीट्रिक टन, उडद 71.55 हजार, सोयाबीन 2.92 लाख तथा मूंगफली 3.74 लाख मीट्रिक टन की खरीद  के लक्ष्य की स्वीकृति भारत सरकार ने दी है। पंजीकरण के अभाव में किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीद संभव नहीं होगी।
श्री आंजना ने बताया कि वर्ष 2020-21 के लिए मूंग के लिए 7196 रुपये एवं उड़द के लिए 6000 रुपये, मूंगफली के लिए 5275 रुपये एवं सोयाबीन के लिए 3880 रुपये प्रति क्विंटल प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य घोषित किया है। किसानों को अपनी उपज बेचने में किसी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए खरीद केन्द्रों पर आवश्यकतानुसार तौल-कांटें लगाये जायेंगे एवं पर्याप्त मात्रा में बारदाना उपलब्ध कराया जाएगा।
प्रमुख शासन सचिव सहकारिता श्री कुंजीलाल मीणा ने बताया कि किसान को  जनआधार कार्ड नम्बर, खसरा गिरदावरी की प्रति एवं बैंक पासबुक की प्रति पंजीयन फार्म के साथ अपलोड़ करनी होगी। जिस किसान द्वारा बिना गिरदावरी के अपना पंजीयन करवाया जायेगा, उसका पंजीयन समर्थन मूल्य पर खरीद के लिये मान्य नहीं होगा। यदि ई-मित्र द्वारा गलत पंजीयन किये जाते या तहसील के बाहर पंजीकरण किये जाते है तो ऐसे ई-मित्रों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
रजिस्ट्रार सहकारिता श्री मुक्तानन्द अग्रवाल ने बताया कि किसान एक जनआधार कार्ड में अंकित नाम में से जिसके नाम गिरदावरी होगी उसके नाम से एक पंजीयन करवा सकेगा। किसान इस बात का विशेष ध्यान रखे कि जिस तहसील में कृषि भूमि में उसी तहसील के कार्यक्षेत्र वाले खरीद केन्द्र पर उपज बेचान हेतु पंजीकरण करावें। दूसरी तहसील में यदि पंजीकरण कराया जाता है तो पंजीकरण मान्य नही होगा।
प्रबंध निदेशक राजफैड श्रीमती सुषमा अरोडा ने बताया कि किसान पंजीयन कराते समय यह सुनिश्चित कर ले कि पंजीकृत मोबाईल नम्बर, से जनआधार कार्ड से लिंक हो जिससे समय पर तुलाई दिनांक की सूचना मिल सके। किसान प्रचलित बैंक खाता संख्या सही दे ताकि ऑनलाइन भुगतान के समय किसी प्रकार की परेशानी किसान को नहीं हो। उन्होंने बताया कि किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए हेल्प लाइन नम्बर 1800-180-6001 भी 20 अक्टूबर से प्रारंभ हो जाएगा।
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सातवीं आर्थिक गणना-2019 जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक शुक्रवार 16 अक्टूबर को

बाड़मेर, 15 अक्टूबर। सातवीं आर्थिक गणना-2019 को सुव्यवस्थित एवं निर्धारित समयावधि में सम्पादित करने के लिए गठित जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक जिला कलक्टर विश्राम मीणा की अध्यक्षता में शुक्रवार 16 अक्टूबर को सांय 4.30 बजे कलेक्ट्रेट कॉन्फेंस हॉल में आयोजित की जाएगी।

आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के सहायक निदेशक एवं सदस्य सचिव जसवन्त कुमार गौड़ ने बताया कि उक्त जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक में संबंधित अधिकारियों को आवश्यक रूप से उपस्थित होने के निर्देश दिए गए है।
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पहला राजस्व दिवस समारोह मुख्यमंत्री ने राजस्व विभाग की सेवाओं का ई-लोकार्पण किया

‘ग्रामीणों को राजस्व कार्यालयों में चक्कर लगाने से छुटकारा मिलेगा’

बाड़मेर, 15 अक्टूबर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्व विभाग की आम लोगों के जीवन से जुड़ी विभिन्न महत्वपूर्ण सेवाओं का कम्प्यूटरीकरण एक क्रान्तिकारी पहल है। भू-नामान्तरण, गिरदावरी रिपोर्ट, पंजीयन जैसे कामों के ऑनलाइन हो जाने से विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को राजस्व विभाग के कार्यालयों में बार-बार चक्कर लगाने के परिश्रम से छुटकारा मिलेगा।
श्री गहलोत गुरूवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रदेश के पहले राजस्व दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने राजस्व विभाग की अपना खाता, ई-गिरदावरी, कृषि ऋण रहन पोर्टल, ई-पंजीयन आदि सेवाओं का ई-लोकार्पण किया। देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की सोच को आगे बढ़ाते हुए 15 अक्टूबर 1955 को राजस्थान काश्तकारी अधिनियम, 1955 लागू कर खेतीहर किसानों को भू-स्वामी घोषित करने के ऐतिहासिक दिन को प्रथम राजस्व दिवस के रूप में मनाया गया।
मुख्यमंत्री ने समारोह में कहा कि आज से शुरू हो रहा राजस्व दिवस इस विभाग के कैलेण्डर में एक महत्वपूर्ण दिन होगा। अब हर वर्ष इस मौके पर राजस्व विभाग अपनी वर्षभर की उपलब्धियों और चुनौतियों का आकलन करेगा तथा भविष्य की गतिविधियों की योजनाबद्ध रूपरेखा तैयार कर उस पर काम करेगा। उन्होंने कहा कि इंटरनेट और सूचना तकनीक के दौर में विभाग की सेवाओं का कम्प्यूटरीकरण होने से पटवारी तथा गिरदावर स्तर के अधिकारियों के राजस्व और विशेषकर खेती से जुडे़ छोटे-छोटे कार्य समय पर पूरे हो सकेंगे और इन अधिकारियों पर काम का बोझ भी घटेगा।
श्री गहलोत ने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन सेवाओं का पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कम्प्यूटरीकरण किया गया है, उनको जल्द से जल्द से पूरे प्रदेश के लिए ऑनलाइन किया जाए। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग से जुड़े कई कानूनों को सरलीकरण करने का काम भी शुरू किया गया है। इससे किसानों और ग्रामीण क्षेत्र के भू-मालिकों को अपनी जमीनों के अधिकार प्राप्त करने और उनके बंटवारे तथा प्रबंधन में आसानी होगी।
राजस्व मंत्री श्री हरीश चौधरी ने कहा कि बीते डेढ साल में राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली और निर्णयों में बदलाव से आखिरी पंक्ति में खड़े आम आदमी के कल्याण के लिए बेहतर वातावरण बना है। राजस्व के कई तरह के रिकॉर्ड की कम्प्यूटर प्रति को ही सत्यप्रति मानने तथा ई-हस्ताक्षर को कानूनी वैधता मिलने से करोड़ों किसानों को लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग की सेवाओं के ऑनलाइन होने पर विभाग के अधिकारियों के काम में दक्षता और सटीकता आई है।
राजस्व राज्यमंत्री श्री भंवर सिंह भाटी ने प्रदेश में पहली बार राजस्व दिवस मनाने पर मुख्यमंत्री श्री गहलोत का आभार व्यक्त करते हुए विभाग के अधिकारियों और कार्मिकों को इसके लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि राजस्थान की कुल 338 तहसीलों में से 244 तहसीलों का रिकॉर्ड ऑनलाइन हो गया है और 31 मार्च 2021 तक समस्त तहसीलों का रिकॉर्ड ऑनलाइन उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। इससे भू-राजस्व से जुड़े प्रकरणों के निस्तारण के काम में गति आएगी।
मुख्य सचिव श्री राजीव स्वरूप ने कहा कि भू-राजस्व का प्रबंधन जमीन से जुड़ी प्रदेश की 75 प्रतिशत जनसंख्या के जीवन से जुड़ा एक महत्वपूर्ण कार्य है। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग भी राज्य प्रशासन का सबसे मजबूत अंग है और इसकी पहुंच प्रदेश के अंतिम छोर तक है। राजस्व से जुड़े कार्यों में दक्षता आने से करोड़ों लोगों का जीवन सहूलियत भरा हो सकता है। उन्होंने कहा कि भूमि रिकॉर्ड तथा सेवाओं के कम्प्यूटरीकरण के बाद भी विभाग के अधिकारियों की चुनौतियां बनी रहेंगी। अब पटवारी से लेकर तहसीलदार तथा कलक्टर तक राजस्व अधिकारियों को प्रकरणों के निस्तारण में और अधिक तत्परता दिखानी होगी।  
राजस्व बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. आर. वेंकटेश्वरन ने कहा कि राजस्व विभाग की विभिन्न सेवाओं के ऑनलाइन होने के बाद उच्च अधिकारी से लेकर पंचायत स्तर के पटवारी तक सभी की जिम्मेदारी अधिक बढ़ गई है। कानूनों के सरलीकरण से राज्य सरकार की मंशा स्पष्ट है कि प्रकरणों के निस्तारण में देरी न हो। उन्होंने कहा कि पटवारी स्तर तक विभाग के सभी अधिकारियों को ग्रामीण लोगों के प्रति अपनी भूमिका को अधिक प्रासंगिक और जवाबदेह बनाना होगा।
समारोह के दौरान मुख्यमंत्री ने बाड़मेर, डूंगरपुर, हनुमानगढ़, उदयपुर, भरतपुर में संभागीय आयुक्त, जिला कलक्टर, उपखण्ड अधिकारी, भू-अभिलेख निरीक्षक, पटवारी स्तर तक के अधिकारियों एवं कार्मिकों के साथ संवाद किया। उन्होंने इस अवसर पर राजस्थान राजस्व बोर्ड की पत्रिका ‘राविरा’ का विमोचन भी किया। कार्यक्रम में विभाग की सेवाओं के कम्प्यूटरीकरण और कार्यप्रणाली में आए बदलाव से जुड़ी लघु फिल्म दिखाई गई।
इस अवसर पर प्रमुख शासन सचिव राजस्व श्री आनन्द कुमार, भू-प्रबन्ध आयुक्त श्री रोहित गुप्ता, निबन्धक राजस्व मण्डल श्रीमती नम्रता वृष्णि, संभागीय आयुक्त, जिला कलक्टर, राजस्व विभाग के अधिकारी, तहसीलदार, गिरदावर एवं पटवारी स्तर तक के कार्मिकों सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कार्यक्रम में शामिल हुए।
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प्रथम राजस्व दिवस समारोहपूर्वक मनाया जिला स्तरीय कार्यक्रम में उत्कृष्ट राजस्व कार्मिक सम्मानित

बाडमेर, 15 अक्टूबर। प्रथम राजस्व दिवस गुरुवार को समारोह पूर्वक मनाया गया। जिला स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा राजस्व विभाग की ऑनलाईन योजनाओं के शुभारंभ के पश्चात उत्कृष्ट राजस्व कार्मिकों को सम्मानित किया गया।

    इस मौके पर मुख्यमंत्री द्वारा वीडियो कांफ्रेन्स के माध्यम से राजस्व कार्मिको से संवाद भी किया गया। जिला स्तरीय कार्यक्रम गुरूवार को कलेक्ट्रेट कांफ्रेन्स हॉल में आयोजित किया गया, जिसमें जिला कलेक्टर विश्राम मीणा, अतिरिक्त जिला कलेक्टर ओमप्रकाश विश्नोई, उपखंड अधिकारी सूरजभान विश्नोई, तहसीलदार प्रेम सिंह चौधरी समेत जिले के सम्मानित राजस्व कार्मिकों ने भाग लिया। वहीं उपखंड मुख्यालय पर वीसी के माध्यम से सभी उपखंड अधिकारी, तहसीलदार एवं राजस्व कार्मिक उपस्थित रहे।
    राजस्व दिवस के समारोह में मुख्यमंत्री ने राजस्व विभाग की ऑनलाइन योजनाओ के शुभारंभ के पश्चात विभिन्न जिलों के राजस्व  कार्मिकों से वीसी के जरिए संवाद किया। इस दौरान बाड़मेर जिले के सिणधरी के उपखंड अधिकारी वीरमा राम से मुख्यमंत्री ने संवाद कर राजस्व कार्यप्रणाली की जानकारी ली। इस पर उपखंड अधिकारी विरमा राम ने मुख्यमंत्री को राजस्व विभाग की प्रक्रियाओ की जानकारी दी तथा विभिन्न नवाचारो के लिए राज्य सरकार की सराहना की। इस मौके पर राजस्व मंत्री हरीश चौधरी, राजस्व राज्यमंत्री भंवर सिंह भाटी, मुख्य सचिव राजीव स्वरूप, राजस्व मंडल के अध्यक्ष आर. वेकंटेश्वरन समेत राजस्व विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।
  इसके पश्चात जिला कलेक्टर मीणा ने सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाले राजस्व कार्मिकों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। उन्होंने इस मौके पर प्रथम बार राजस्व दिवस मनाने की बधाई देते हुए राजस्व कार्मिकों को आमजन तथा किसानों के कार्यों के लिए तत्पर रहने का आवाहन किया।
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लोकसभा आम चुनाव को लेकर 24 से 26 अप्रैल तक सूखा दिवस घोषित

बाड़मेर, 26 मार्च। आबकारी विभाग के संयुक्त शासन सचिव के निर्देशानुसार लोकसभा आम चुनाव 2024 के परिपेक्ष्य में सम्पूर्ण बाड़मेर व बालोतरा जिले म...