शनिवार, 13 अक्तूबर 2018

बिना सर्टिफिकेशन के टेलीफोन-मोबाइल पर प्रसारित नहीं हो सकेंगे विज्ञापन


                बाड़मेर, 13 अक्टूबर। बिना सक्षम समिति के अधिप्रमाणन के कोई भी विज्ञापन फोन, एसएमएस, रिंग टोन अथवा कॉलर टोन की श्रेणी में जारी नहीं किया जाएगा।  कोई भी संस्था, दल या व्यक्ति ऐसा करता है तो वह उच्चतम न्यायालय के आदेशों के अवहेलना की श्रेणी में शामिल होगा और ऐसे प्रसारित विज्ञापनों के विरूद्ध नियमानुसार कानूनी कार्यवही की जाएगी। इस सम्बन्ध में अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. जोगाराम ने मोबाइल कंपनियों के संचालकों को निर्देशित किया है।
                अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. जोगाराम ने भारत दूरसंचार निगम लिमिटेड के मुख्य महाप्रबंधक, रिलायन्स टेलीकम्यूनिकेशन, टाटा इण्डिकॉम, वोडाफोन, एयरटेल और एयरसेल के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को पत्र लिखकर इस बारे में निर्देशित किया है। उन्होंने कहा कि इस संबध में पूर्व में 25 सितंबर को आयोजित बैठक के दौरान व्यापक दिशा-निर्देश दिए थे, जिनकी पालना सुनिश्चित की जाए।
                उनके मुताबिक कुछ जगहों से यह शिकायतें प्राप्त हो रही हैं कि टेलीफोन, मोबाइल फोन के जरिए ऐसे विज्ञापन आम जनता के मध्य में प्रसारित किए जा रहे हैं। रिंगटोन-कॉलर टोन से भी कुछ लोग अपना प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। इस सम्बन्ध में भारत निर्वाचन आयोग के 15 अप्रेल, 2004 को निर्देश जारी किए थे, जिसके अनुसार कोई भी राजनैतिक दल, स्वयं सेवी संस्था अथवा व्यक्ति बिना सक्षम स्तर से अधिप्रमाणित किए ऐसे विज्ञापन जारी नहीं कर सकते हैं।
                उन्होंने निर्देशित किया है इस प्रकार के बिना अधिप्रमाणित किये हुए विज्ञापनों पर तुरन्त रोक लगाई जाए और सक्षम स्तर से अधिप्रमाणन प्रमाण पत्र की प्रति प्राप्त होने के बाद ही विज्ञापन प्रसारित कराएं। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि किसी अन्य राज्य के माध्यम से टेलीफोन व मोबाइल फोन पर प्रसारित होने वाले विज्ञापन राजस्थान राज्य की सीमा में बिना अधिप्रमाणन के प्रसारित नहीं होने पाएं। इधर जिला निर्वाचन अधिकारी शिवप्रसाद मदन नकाते ने इन निर्देशों की पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

निजी संपत्ति पर चुनाव प्रचार सम्बधित विज्ञापन प्रदर्शन प्रतिबंधित


                बाड़मेर, 13 अक्टूबर। विधानसभा चुनाव के दौरान शहरी क्षेत्रों में निजी संपत्ति पर राजस्थान नगर पालिका अधिनियम, 2009 के  प्रावधानों तथा भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार विज्ञापन का प्रदर्शन करना प्रतिबंधित रहेगा। लेकिन निजी संपत्ति पर मालिक या अधिभोगी की लिखित स्वीकृति से केवल बैनर एवं झंडे लगाए जा सकते हैं।
                जिला निर्वाचन अधिकारी शिवप्रसाद मदन नकाते ने बताया कि निजी संपत्ति पर  मालिक अथवा अधिभोगी की स्वीकृति के बाद ही बैनर और झंडे लगाए जा सकेंगे। उन्होंने बताया कि निजी संपत्तियों पर लगाए जाने वाले बैनर एवं झंडे के खर्चे सहित पूर्ण विवरण एवं लिखित सहमति की प्रति संबंधित अभ्यर्थी की ओर से रिटर्निंग अधिकारी को 3 दिन के अंदर प्रस्तुत करनी होगी।
                नकाते ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में आयोग के निर्देशानुसार निजी संपत्ति के मालिकों या अधिभोगियों की लिखित अनुमति से ऐसी सामग्री जो आसानी से हटाई जा सकती हो यथा झंडे और बैनर लगाए जा सकते हैं। इस संबंध में लिखित सहमति की प्रति के साथ निर्धारित फॉर्म में ब्यौरा रिटर्निंग अधिकारी को 3 दिन के भीतर संबंधित अभ्यर्थी को प्रस्तुत करना होगा।

सरकारी विश्राम गृहों से राजनीतिक गतिविधियों के संचालन पर प्रतिबंध


                बाड़मेर ,13 अक्टूबर। विधानसभा आम चुनाव-2018 के दौरान जिले के सभी सरकारी विश्राम गृहों में ठहरकर राजनैतिक गतिविधियां संचालित करने पर पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा।
                जिला निर्वाचन अधिकारी शिवप्रसाद मदन नकाते ने बताया कि सरकारी विश्राम गृहों में स्थान उपलब्ध होने पर जेड व उससे ऊपर की श्रेणी में सुरक्षा प्राप्त राजनीतिक लोगों को आवास एवं भोजन उपलब्ध कराया जा सकेगा, लेकिन ऐसे व्यक्ति विश्राम गृहों में आवासित रहते हुए राजनीतिक गतिविधियों का संचालन नहीं कर सकेंगे। उन्होंने सभी रिटर्निंग अधिकारियों को विश्राम गृहों में आदर्श आचार संहिता का सख्ती से पालना कराने के निर्देश दिए हैं। यह आदेश सभी राजकीय विश्राम गृहों, डाक बंगलों एवं गेस्ट हाउस पर लागू होंगे।

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