बाड़मेर, 13 अक्टूबर। बिना सक्षम समिति के अधिप्रमाणन के कोई भी विज्ञापन फोन, एसएमएस, रिंग टोन अथवा कॉलर
टोन की श्रेणी में जारी नहीं किया जाएगा। कोई
भी संस्था, दल या व्यक्ति ऐसा करता है तो वह उच्चतम न्यायालय के आदेशों के अवहेलना की श्रेणी
में शामिल होगा और ऐसे प्रसारित विज्ञापनों के विरूद्ध नियमानुसार कानूनी कार्यवही
की जाएगी। इस सम्बन्ध में अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. जोगाराम ने मोबाइल कंपनियों
के संचालकों को निर्देशित किया है।
अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. जोगाराम ने भारत दूरसंचार निगम लिमिटेड के
मुख्य महाप्रबंधक, रिलायन्स टेलीकम्यूनिकेशन, टाटा इण्डिकॉम, वोडाफोन, एयरटेल और एयरसेल के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को पत्र लिखकर इस बारे में निर्देशित
किया है। उन्होंने कहा कि इस संबध में पूर्व में 25 सितंबर को आयोजित बैठक के दौरान व्यापक दिशा-निर्देश दिए थे, जिनकी पालना सुनिश्चित
की जाए।
उनके मुताबिक कुछ जगहों से यह शिकायतें प्राप्त हो रही हैं कि टेलीफोन, मोबाइल फोन के जरिए
ऐसे विज्ञापन आम जनता के मध्य में प्रसारित किए जा रहे हैं। रिंगटोन-कॉलर टोन से भी
कुछ लोग अपना प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। इस सम्बन्ध में भारत निर्वाचन आयोग के 15 अप्रेल, 2004 को निर्देश जारी किए
थे, जिसके अनुसार कोई भी राजनैतिक दल, स्वयं सेवी संस्था अथवा व्यक्ति बिना सक्षम स्तर से अधिप्रमाणित किए ऐसे विज्ञापन
जारी नहीं कर सकते हैं।
उन्होंने निर्देशित किया है इस प्रकार के बिना अधिप्रमाणित किये हुए विज्ञापनों
पर तुरन्त रोक लगाई जाए और सक्षम स्तर से अधिप्रमाणन प्रमाण पत्र की प्रति प्राप्त
होने के बाद ही विज्ञापन प्रसारित कराएं। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि किसी अन्य
राज्य के माध्यम से टेलीफोन व मोबाइल फोन पर प्रसारित होने वाले विज्ञापन राजस्थान
राज्य की सीमा में बिना अधिप्रमाणन के प्रसारित नहीं होने पाएं। इधर जिला निर्वाचन
अधिकारी शिवप्रसाद मदन नकाते ने इन निर्देशों की पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए
हैं।