बुधवार, 26 मई 2021

जिला कलक्टर के निर्देशन में सेक्टर अधिकारियों ने किया ग्राम्यांचलों

ग्राम पंचायत स्तरीय कोर कमेटी से डोर-टू-डोर सर्वे की समीक्षा की

बाड़मेर, 26 मई। जिला कलक्टर लोक बंधु के निर्देशन में ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने, गाईडलाईन की पालना कराने, डोर-टू-डोर सर्वे कार्य की प्रभावी मॉनिटरिंग करने, होम आईसोलेट मरीजों द्वारा कोरोना प्रॉटोकॉल की पालना कराने के लिए नियुक्त सेक्टर अधिकारियों ने बुधवार को उन्हें आवंटित ग्राम पंचायतों का भ्रमण कर कोरोना संक्रमण के लिए किए जा रहे कार्यो की समीक्षा की तथा ग्राम पंचायत स्तरीय कमेटी के सदस्यों को आवश्यक निर्देश दिए।
सेक्टर अधिकारियों ने ग्राम पंचाायत स्तरीय कोर कमेटी के सदस्यों के साथ बैठक लेकर उन्हें निर्देशित किया कि वे कोरोना संक्रमण के प्रसार की रोकथाम के लिए सक्रिय रहकर कार्य करें एवं डोर-टू-डोर सर्वे जैसे महत्वपूर्ण कार्य में किसी प्रकार की कौताही न बरतें। उन्होनें कोरोना लक्षण से ग्रसित लोगों की आरटी-पीसीआर जांच कराने, होम आईसोलेट में रह रहे लोगों के परिवार के सदस्यों से अलग रहकर कोरोना प्रॉटोकॉल की पालना कराने को कहा ताकि वे अपने परिवार को अन्य सदस्यों को कोरोना से बचा सकें।
उन्होनें कोर कमेटी के सदस्यों से कहा कि वे डोर-टू-डोर सर्वे में गांव का एक भी व्यक्ति कोरोना के सर्वे से वंचित नहीं रहे। उन्होंने कोरोना संभावित लक्षण वाले लोगों को आईएलआई मेडिकल किट लेने के लिए प्रेरित करने को भी कहा ताकि वे कोरोना के बुरे प्रभाव से बच सकें। इन अधिकारियों ने ग्रामीणों से आहवान किया कि वे त्रि-स्तरीय जन अनुशासन लॉकडाउन के दौरान राज्य सरकार द्वारा कोरोना प्रसार के रोकथाम के लिए जो गाईडलाईन जारी की है उसकी भी पूरी पालना करें। उन्होंने लोगों को संदेश दिया कि वे 30 जून तक विवाह समारोह, अन्य सामाजिक समारोह आदि नहीं करें। इसके साथ ही वेबजह घर से बाहर नहीं निकलें, अनिवार्य रूप से मास्क पहने, सामाजिक दूरी की पालना करें एवं बार-बार हाथों को साबुन से धोते रहें ताकि वे कोरोना संक्रमण से बच सकें एवं अपने परिवार को सुरक्षित रख सकें।
भ्रमण के दौरान इन अधिकारियों ने गांव में कोरोना के संबंध में आरटी-पीसीआर एवं रेपिड एंटीजन जांच कार्य का भी अवलोकन किया एवं एएनएम को निर्देश दिए की वे इस कार्य को प्रभावी ढंग से करें, जिससे गांव को कोरोना संक्रमण से बचा सकें। भ्रमण के दौरान कोर कमेटी के साथ ही ग्रामीणों को मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना की विस्तार से जानकारी दी एवं बताया कि इसमें सामान्य से गंभीर बीमारी में उपचार के लिए 50 हजार से 5 लाख रुपये तक की राशि का बीमा होता है एवं ऐसे रोगी निःशुल्क उपचार प्राप्त कर सकते है। उन्होंने नॉन-एनएफएसए परिवार जिन्होंने अभी तक इस योजना में पंजीकरण नहीं कराया है, उनका अधिक से अधिक पंजीकरण 31 मई तक कराने के निर्देश दिए, ताकि वे लोग निःशुल्क उपचार का लाभ ले सकें।
सिणधरी उपखण्ड अधिकारी वीरमा राम ने गुडामालानी में निरीक्षण के दौरान नियमाविरूद्ध खुली दो दुकानों को सीज करने की कार्यवाही की। वहीं शिव विकास अधिकारी धनदान देथा ने कानासर एवं शिवजी नगर, समदड़ी विकास अधिकारी नरपतसिंह भाटी ने सांवरडा, फूलण एवं देवडा ग्राम पंचायत समेत विभिन्न सेक्टर अधिकारियों ने उनको आवंटित ग्राम पंचायतों का भ्रमण कर कोरोना संक्रमण रोकथाम गतिविधियों का जायजा लिया।
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राजस्व मंत्री चौधरी ने गिडा क्षेत्र की ग्राम पंचायतों का किया दौरा

ग्राम पंचायत स्तरीय कोर कमेटी के कार्यो की समीक्षा की

बाड़मेर, 26 मई। राजस्व मंत्री चौधरी ने बुधवार को गिड़ा पंचायत समिति में खोखसर, खोखसर पश्चिम, खोखसर पूर्व, सोहड़ा, निम्बा की ढाणी, जाखड़ा, दानपुरा, हीरा की ढ़ाणी, सवाऊ मूलराज, सवाऊ पदमसिंह एवं पुनियों का तला ग्राम पंचायतों का दौरा कर यहां ग्राम स्तरीय कोर कमेटी के सदस्यों एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ संवाद कर कोरोना संक्रमण की रोकथाम के संबंध में डोर-टू-डोर सर्वे सहित विभिन्न कार्यो की समीक्षा कि तथा आवश्यक निर्देश दिए।
राजस्व मंत्री चौधरी ने ग्राम स्तरीय कोर कमेटी व स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ सवांद कर कहा कि बीते कुछ दिनों में कोरोना संक्रमण में कमी आई है, परन्तु अभी भी पूर्ण सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। उन्होनें डोर-टू-डोर सर्वे के कार्य की महता पर प्रकाश डाला। उन्होनें कहा कि ग्राम स्तर पर कोरोना संक्रमण रोकथाम के लिए ग्राम स्तरीय कोर कमेटी को सौपें गए कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होनें कमेटी के सदस्यों का पूर्ण निष्ठा एवं सक्रियता से कार्यशील रहने के निर्देश दिए। उन्होनें कहा कि संक्रमण की रोकथाम एवं लोगों के उचित उपचार के लिए समय पर ईलाज प्रारम्भ करना जरूरी है। उन्होनें कहा कि कोविड के साथ-साथ ब्लैक फंगस के लक्षण वाले मरीजों का भी चयन किया जाए, ताकि उचित समय पर इसका इलाज प्रारम्भ किया जा सके। उन्होनें कोरोना एवं ब्लेक फंगस के बारे में आमजन को लक्षण, प्रभाव, कारण एवं ईलाज के बारे में विस्तार से जानकारी देने के निर्देश दिए। उन्होनें स्थानीय जनप्रतिनिधियों से ग्रामीण लोगों में इस संबंध में जागरूकता लाने के लिए ग्राम स्तरीय कोर कमेटी का पूर्ण सहयोग करने की अपील की। उन्होने कहा कि सभी के सहयोग से कोरोना संक्रमण को जड़ से खत्म कर लोगों को स्वस्थ जीवन मुहैया कराने का प्रयास किया जाए।
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जनानुशासन लॉकडाउन की अवहेलना पर 788 लोगों पर लगा जुर्माना

बाड़मेर, 26 मई। राजस्थान महामारी अध्यादेश 2020 के दिशा-निर्देशों के उल्लंघन पर सख्त कार्यवाही करते हुए मंगलवार 25 मई को जिले में 788 व्यक्तियों से कुल 1,07,700 रूपये की जुर्माना राशि वसूल की गई है।

जिला मजिस्ट्रेट लोक बन्धु ने बताया कि जिले में कोरोना वायरस रोकथाम के लिए जारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्यवाही करते हुए राजस्थान महामारी अध्यादेश 2020 के तहत जुर्माना राशि वसूल की जा रही है। उन्हांेने बताया कि जिले में मंगलवार को उक्त अधिनियम के उल्लंघन पर पुलिस विभाग द्वारा 483 व्यक्तियों से 51,600 रुपये, उपखण्ड क्षेत्र बाड़मेर में 4 व्यक्तियों से 3500 रूपये, बायतु में 6 व्यक्तियों से 600 रूपये, चौहटन में 32 व्यक्तियों से 10,200 रूपये, सेड़वा में 18 व्यक्तियों से 7800 रूपये, सिणधरी में 15 व्यक्तियों से 1500 रूपये, शिव में 6 व्यक्तियों से 1500 रूपये, गडरारोड़ में 7 व्यक्तियों से 2000 रूपये, रामसर में 1 व्यक्ति से 500 रूपये, बालोतरा में 107 व्यक्तियों से 12,900 रूपयेे, गुडामालानी में 2 व्यक्तियों से 600 रूपये, धोरीमन्ना में 9 व्यक्तियों से 3300 रूपये तथा सिवाना में 98 व्यक्तियों से 11,700 को मिलाकर कुल 788 व्यक्तियों से 1,07,700 रूपये का जुर्माना वसूल किया गया है। उन्होने बताया कि जिले में मंगलवार तक 73,241 व्यक्तियों से 1,25,01,076 रूपये की वूसली की जा चुकी है।
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मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में नोन-एनएफएसए के परिवारों का अधिक से अधिक 31 मई तक करावें पंजीकरण

जिला कलक्टर ने उपखण्ड अधिकारियों, तहसीलदारों एवं विकास अधिकारियों को विशेष प्रयास करने के दिए निर्देश

बाड़मेर, 26 मई। जिला कलक्टर लोक बंधु ने बताया कि मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना के अंतर्गत 31 मई तक नामांकन करवाने पर लाभार्थी परिवार को विशेष लाभ दिया जा रहा है।
जिला कलक्टर ने इस सम्बन्ध में जिले के सभी उपखण्ड अधिकारियों, तहसीलदारों एवं विकास अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे 31 मई तक विशेष अभियान चलाकर सभी नोन- एनएफएसए परिवारों का अधिक से अधिक संख्या में मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में पंजीकरण करावें, ताकि ऐसे परिवारों का सामान्य एवं गम्भीर बीमारी के लिए 50 हजार से 5 लाख रुपये तक का बीमा कवरेज हो सके एवं वे बीमारी का निःशुल्क उपचार का लाभ ले सके। जिला कलक्टर ने अधिकारियों को इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए गम्भीरता से प्रयास करने के निर्देश दिए।
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विभिन्न माध्यमों से प्राप्त मेडिकल उपकरणों की प्रविष्टि “ई-उपकरण” पोर्टल पर करने के जिला कलक्टर ने दिए निर्देश

बाड़मेर, 26 मई। राज्य सरकार, सांसद, एवं विधायक निधि, स्वयंसेवी संस्थाओं, कम्पनी सीएसआर एवं भामाशाहों इत्यादि को विभिन्न माध्यमों द्वारा ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, ऑक्सीजन सिलेण्डर, ऑक्सीजन फ्लो मीटर, ऑक्सीमीटर एवं अन्य मेडिकल उपकरण उपलब्ध कराये गये है।

जिला कलक्टर लोक बंधु ने इस सम्बन्ध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं प्रमुख चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया है कि वे प्राप्त मेडिकल उपकरणों को “ई-उपकरण” पोर्टल पर इन्द्राज कर अविलम्ब पालना रिपोर्ट भिजवाया जाना सुनिश्चित करे। उन्होंने अभी तक मेडिकल उपकरणों की प्रविष्टि ई-उपकरण पोर्टल पर नहीं करने को गम्भीरता से लिया एवं सख्त निर्देश दिए कि वे प्राप्त मेडिकल उपकरणों को ‘‘ई-उपकरण पोर्टल‘‘ पर इन्द्राज कर अविलम्ब पालना रिपोर्ट प्रस्तुत करे।
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इन्दिरा रसोईयों के माध्यम से लॉकडाउन अवधि में जरूरतमंदों के लिए रहेगी निःशुल्क भोजन की व्यवस्था

जिला कलक्टर ने नगरीय निकाय के अधिकारियों को व्यवस्था के दिए निर्देश

बाड़मेर, 26 मई। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में लगाए गए कोविड-19 लॉकडाउन की अवधि के दौरान शहरी क्षेत्रों में जरूरतमंदों को “कोई भूखा न सोए” की अवधारणा को लेकर जिला कलक्टर लोक बंधु द्वारा इन्दिरा रसोईयों के माध्यम से निःशुल्क भोजन पेकेट्स वितरण के संबंध में पूर्व में जारी निर्देशों की निरन्तरता रखते हुए 8 जून तक लगाये गए लॉकडाउन में जरूरतमंदों को निःशुल्क भोजन की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।
जिला कलक्टर लोक बंधु ने बताया कि जरूरतमंदों को आवश्यकतानुसार भोजन पैकेट (लंच/डिनर) निःशुल्क उपलब्ध कराये जाएंगे। जिसमें नगरीय निकायों द्वारा सर्वप्रथम स्वयंसेवी संस्थाओं, दानदाताओं तथा एनजीओ को अधिकाधिक प्रोत्साहित कर लाभार्थी अंशदान राशि 8 रुपये प्रति पैकेट एवं भोजन पैकेटस की पैकिंग लागत का आर्थिक सहयोग लिया जाएगा। इसके साथ ही यह राशि नगरिय निकायों द्वारा प्राप्त कर भोजन पैकेट तैयार करने के लिए इन्दिरा रसोईयों को हस्तान्तरित की जाएगी।
निःशुल्क भोजन के लिए दानदाताओं का ले सहयोग
भोजन वितरण में स्थानीय जिला प्रशासन एवं निकायों के कार्मिकों की सेवाएं ली जाएगी। स्वयंसेवी संस्थाओं, एनजीओ और दानदाताओं से भोजन वितरण व्यवस्था का कार्य नहीं कराया जाएगा। इसके साथ ही निःशुल्क भोजन पैकेट वितरण का ऑफलाईन डाटा नगरीय निकायों द्वारा संधारित किया जाना सुनिश्चित किया जाएगा। इसी क्रम में जरूरतमंदों को वितरित भोजन पैकेट का इन्द्राज इन्दिरा रसोई पोर्टल पर नहीं किया जाएगा, इसका विवरण पूर्व में दिए गए निर्देशानुसार नगरीय निकाय अपने यहो ऑफलाईन संधारित करना सुनिश्चित करेंगे।
जरूरतमंद को मिले निःशुल्क भोजन, कोई भी भूखा न रहे
जरूरतमंदों को इन्दिरा रसोईयों से आवश्यकतानुसार भोजन पैकेटस (लंच/डिनर) उपलब्ध कराने के लिए स्वयंसेवी संस्था, एनजीओं तथा दानदाता द्वारा लाभार्थी अंशदान की राशि प्रति भोजन पैकेट 8 रुपये एवं पैकिंग शुल्क सहित दोनो राशि के भुगतान के लिए प्रोत्साहित करना सुनिश्चित करें। यदि दानदाताओं द्वारा लाभार्थी की अंशदान राशि 8 रुपये प्रति पैकेट का भुगतान किया जाता है। लेकिन पैकिंग शुल्क नही दिया जाता है तो ऐसी स्थिति में पैकिंग लागत राशि का भुगतान संबंधित नगरीय निकायों द्वारा अपने स्तर से किए जाने के लिए निर्देशित किया गया है।
उन्होंने बताया कि इन्दिरा रसोईयों में भोजन करने वाले जरूरतमंदों से लाभार्थी अंशदान राशि 8 रुपये नहीं ली जाकर निःशुल्क भोजन व्यवस्था उपलब्ध करायी जाएगी। इसी प्रकार लाभार्थी अंशदान राशि 8 रुपये प्रति थाली का भुगतान दानदाताओं को प्रोत्साहित कर प्राप्त करना सुनिश्चित करेंगे, दानदाता उपलब्ध नहीं होने पर यह भुगतान संबंधित नगरीय निकाय/निदेशालय (इन्दिरा रसोई योजना मद से) द्वारा किया जाएगा।
जिला कलक्टर ने बताया कि इन्दिरा रसोई में बैठकर भोजन करने वाले लाभार्थियों का विवरण योजना की गाईडलाईन के अनुरूप पूर्व की भांति इन्दिरा रसोई पोर्टल पर इन्द्राज किया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा पूर्व में 23 मई 2021 को जारी आदेशों के अनुसार इन्दिरा रसोई में भोजन बनाने एवं उसके वितरण का कार्य रात्रि 9 बजे तक कोरोना गाईडलाईन के अनुसार अनुमत किया गया है। इस संबंध में कोविड गाईडलाईन की भी पूर्णतया पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए है।
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घर-घर योजना के तहत उपलब्ध कराये जायेंगे औषधीय पौधे

 कोरोना से रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने को तुलसी, गिलोय, अश्वगंधा, कालमेघ को मिलेगा बढ़ावा

बाड़मेर, 26 मई। जिले में कोरोना से प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने को घर-घर मे तुलसी, गिलोय, अश्वगंधा, कालमेघ जैसे औषधीय पौधे लगाए जाएंगे। जिला कलक्टर लोक बन्धु ने योजना की क्रियान्वयन के लिए वन विभाग को पूरी तैयारी करने को कहा है।
    जिला कलक्टर लोक बंधु ने बताया कि माननीय मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2021-22 के बजट भाषण में घोषणा की गई कि ‘‘ राजस्थान औषधीय पौधों की विविधता तथा गुणवता के लिए प्रसिद्ध है। इसको बढ़ावा देने के लिए घर-घर औषधि योजना शुरू की जाएगी। जिसके अन्तर्गत औषधीय पौधों की पौधशालाएं विकसित कर तुलसी, गिलोय, अश्वगंधा इत्यादि पौधे नर्सरी से उपलब्ध कराये जायेंगे।‘‘ उक्त घोषणा के अनुसरण में राज्य में औषधीय पौधों के संरक्षण एवं नागरिकों के स्वास्थ्य रक्षण हेतु घर घर औषधि योजना के अन्तर्गत औषधीय पौधों की पौधशालायें विकसित कर तुलसी, गिलोय, अश्वगंधा एवं कालमेघ के पौधे वन विभाग की पौधशालाओं में उपलब्ध कराये जाने संबंधी प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई है।
पर्यावरण मित्र
वर्तमान परिस्थितियों में जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण एवं जीवन शैली में परिवर्तन जैसे कारणों से स्थानीय लोग अनेक प्रकार के रोगों से ग्रस्त होते रहते है। आयुर्वेद तथा स्थानीय परम्परागत ज्ञान एवं वनों में उपलब्ध औषधियों को लोगों के घरों, खेतो और निजी जमीनों के समीप उगाने हेतु सहायता करने से राज्य के निवासियों के स्वास्थ्य में सुधार करना इस योजना का मुख्य ध्येय है। इस योजना से राजस्थान में पाई जाने वाली वनोषधियों एवं औषधीय पौधों का संरक्षण भी होगा।
जिला कलक्टर लोक बन्धु ने उप वन संरक्षक बाड़मेर को योजना की क्रियान्विति के संबंध में प्रमुख शासन सचिव वन एवं पर्यावरण द्वारा जारी दिशा निर्देशों की अक्षरशः पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है।
योजना के उदे्श्य
राज्य में औषधीय पौधों को उगाने के इच्छुक परिवारों को स्वास्थ्य रक्षण हेतु बहु उपयोगी औषधीय पौधे वन विभाग की पौधशालाओं में उपलब्ध कराया जाना, मानव स्वास्थ्य रक्षण और व्याधिक्षमत्व बढ़ाने तथा चिकित्सा हेतु बहु उपयोगी औषधीय पौधों की उपयोगिता के बारे में व्यापक प्रचार प्रसार करते हुए जन चेतना का विस्तार करना, औषधीय पौधों के प्राथमिक उपयोग तथा संरक्षण संवर्धन हेतु आयुर्वेद एवं भारतीय चिकित्सा विभाग के सहयोग से प्रमाण आधारित जानकारी उपलब्ध कराना तथा जिला प्रशासन एवं वन विभाग के नेतृत्व में जन प्रतिनिधियों, पंचायतीराज संस्थाओं, विभिन्न राजकीय विभागों तथा संस्थानों, विद्यालयों और औद्योगिक घरानों इत्यादि का सहयोग लेकर जन अभियान के रूप में क्रियान्वित करना है।
योजना का क्रियान्वयन
योजना के क्रियान्वचन हेतु वन विभाग नोडल विभाग होगा। योजना को एक जन अभियान के रूप में संचालित किया जाएगा। योजना के क्रियान्वयन हेतु जिला कलक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय टास्क फोर्स का गठन कर जिला प्रशासन के नेतृत्व में जन प्रतिनिधियों, पंचायतीराज संस्थाओं, विभिन्न राजकीय विभागों एवं संस्थानों, विद्यालयों और औद्योगिक घरानों इत्यादि का सहयोग लेकर वृहद स्तर पर अभियान चलाया जायेगा। उप वन संरक्षक जिला स्तरीय टास्क फोर्स के सदस्य सचिव होंगे। जिले में योजना का क्रियान्वयन जिला स्तरीय कार्य योजना बनायी जाकर किया जाएगा। कार्य योजना में वितरण स्थलों का चिन्हीकरण, वितरण व्यवस्था, विभिन्न विभागों से सहयोग प्राप्त करने की व्यवस्था, प्रचार प्रसार की रणनीति, वितरण एवं प्रचार प्रसार हेतु अतिरिक्त वितीय संसाधनों की व्यवस्था इतयादि विषय सम्मिलित होंगे।
योजना की अवधि
यह योजना 5 वर्षो (वर्ष 2021-22 से 2025-26) के लिये लागू की जाएगी।
योजना का लक्ष्य
पांच वर्षो में राज्य के लगभग 1 करोड़ 26 लाख परिवारों को इस योजना के तहत लाभान्वित किया जाएगा। वर्ष 2021-22 में उप वन संरक्षक बाड़मेर द्वारा 450624 परिवारों को लाभान्वित करने के लिए 1982746 पौधे तैयार किये जायेंगे। प्रत्येक परिवार को चार प्रकार की औषधीय प्रजातियों तुलसी, गिलाय, अश्वगंधा एवं कालमेघ के दो दो पौधे अर्थात् कुल 8 पौधे थैलियों में इस वर्ष सहित कुल पांच वर्षो में तीन बार वन विभाग की पौधशालाओं से निःशुल्क उपलब्ध कराये जायेंगे।
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लोकसभा आम चुनाव को लेकर 24 से 26 अप्रैल तक सूखा दिवस घोषित

बाड़मेर, 26 मार्च। आबकारी विभाग के संयुक्त शासन सचिव के निर्देशानुसार लोकसभा आम चुनाव 2024 के परिपेक्ष्य में सम्पूर्ण बाड़मेर व बालोतरा जिले म...