सोमवार, 14 दिसंबर 2020

जिला जल और स्वच्छता मिशन की बैठक 16 को

बाडमेर, 14 दिसम्बर। जल जीवन मिशन अन्तर्गत जिला जल और स्वच्छता मिशन की प्रथम बैठक जिला कलक्टर विश्राम मीणा की अध्यक्षता में 16 दिसम्बर को प्रातः 11 बजे जिला कलक्टर कार्यालय में आयोजित की जाएगी।

जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियन्ता जगदीश चन्द्र व्यास ने बताया कि उक्त बैठक में जल जीवन मिशन वी.डब्ल्यू.एस.सी. के गठन एवं ग्राम कार्ययोजना, पेयजल से वंचित स्कूल एवं आंगनवाडी केन्द्रों में पेयजल उपलब्ध करवाने पर चर्चा, कौशल विकास गतिविधियों के अन्तर्गत बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षण सहित विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा की जाएगी। उन्होने डीडब्ल्युएससी के सभी सदस्यों एवं सहयोजित सदस्यों सदस्यों को बैठक में निर्धारित समय पर उपस्थित होने का अनुरोध किया है।
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आठ रूपये में मिल रहा है भरपेट भोजन, गत साढे़ तीन माह में एक लाख से अधिक लोग लाभान्वित

 इन्दिरा रसोई योजना


बाड़मेर, 14 दिसम्बर। बाड़मेर जिले में राज्य सरकार द्वारा गरीबों के लिए शुरू की गई इन्दिरा रसोई योजना लोकप्रिय हो रही है। जिला मुख्यालय पर तिलक बस स्टेण्ड, वृद्धिचन्द जैन केन्द्रीय बस स्टेण्ड एवं अम्बेडकर सर्किल पर संचालित इन्दिरा रसोईयों में मात्र 8 रूपये में भरपेट भोजन मिल रहा है। गत साढ़े तीन महीनों में 1,04,455 लाभार्थियों द्वारा भोजन किया जा चुका है।
नगर परिषद आयुक्त अशोक कुमार शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ‘‘कोई भूखा ना सोए‘‘ के संकल्प के साथ राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई इन्दिरा रसोई योजना के तहत प्रदेश में एक करोड़ लोग इन्दिरा रसोई योजना से लाभान्वित हो चुके है। नगर पालिका एवं नगर परिषद क्षेत्रों में प्रतिदिन भोजन सीमा 300 थाली प्रति रसोई प्रतिदिन है एवं आवश्यकता होने पर इसे 100 प्रतिशत तक बढाया जा सकता है। राज्य में प्रतिदिन भोजन की क्षमता 1,33,500 है।
उन्होने बताया कि जिले में जिला कलक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समन्वय एवं मॉनिटरिंग समिति का गठन किया गया है। जिला स्तरीय समिति द्वारा इन्दिरा रसोई संचालन के लिए क्षेत्रीय प्रतिष्ठित एन.जी.ओ. का चयन किया गया है। इन्ही एनजीओ के मार्फत ‘‘ ना लाभ ना हानि‘‘ के आधार पर रसोईयों का संचालन किया जा रहा है। रसोई संचालक (एनजीओ) को प्रति थाली 20 रूपये प्राप्त होते है। इनमें 8 रूपये लाभार्थी से एवं 12 रूपये राज्य सरकार से अनुदान प्राप्त होता है। जिलेवार निर्धारित लक्ष्य से अधिक भोजन कराने वाले जिलों में प्रतापगढ़ 127 प्रतिशत, बांसवाड़ा 125 प्रतिशत एवं बाड़मेर 107 प्रतिशत है।
इन्दिरा रसोईयों में आईटी का बेहतर ढंग से उपयोग किया गया है। लाभार्थी के रसोई में प्रवेश करते ही उनका स्वतः ही फोटो खिंच जाता है एवं उसका नाम एवं मोबाईल नम्बर कम्प्यूटर में फीड कर वेब पोर्टल पर अपलोड किया जाता है। इसके पश्चात् लाभार्थी को तुरन्त मोबाईल पर मैसेज आता है कि इन्दिरा रसोई में पधारकर भोजन ग्रहण करने के लिए आपका धन्यवाद। इस मैसेज में मोबाईल पर कोविड गाईडलाईन का पालन करने का भी आग्रह किया जाता है। लाभार्थियों को स्वायत्त शासन विभाग के कॉल सेन्टर एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के राज्य स्तरीय कॉल सेन्टर से फोन कर भोजन की गुणवत्ता आदि के बारे में सुझाव लिया जाता है।
उन्होने बताया कि इन्दिरा रसोई में कोई भी व्यक्ति एक या एक से अधिक समय का खाना प्रायोजित कर लाभार्थयों को मुफ्त में खाना खिला सकता है। इसके लिए उसे किसी भी इन्दिरा रसोई में राशि जमा करानी होती है। संबंधित व्यक्ति के पास मोबाइल एवं ई मेल पर मैसेज आता है एवं प्रायोजित दिन के भोजन के समय प्रत्येक कूपन पर यह मैसेज लिखा जाता है कि आज का खाना श्री ....... द्वारा प्रायोजित है।  
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