इंटीग्रेटेड योगा थेरेपी से उत्कृष्ट परिणाम संभव
बाड़मेर, 08 दिसम्बर। राजकीय पॉलीटेक्निक महाविद्यालय में गुरूवार को दो दिवसीय योग शिविर का समापन हुआ। गुरूवार को कार्यक्रम में पधारे पतंजलि योग समिति, बाड़मेर के योग प्रशिक्षक दिलीप तिवाड़ी ने भक्तियोग, कर्मयोग पर व्याख्यान दिया।
उन्होंने उपस्थित जनसमूह को बताया की इंटीग्रेटेड योगा थेरेपी में सम्मिलित आसन व प्राणायाम से कम समय में चमत्कृत परिणाम प्राप्त हो रहे हैं, ये विधियाँ वैज्ञानिक है जिसका प्रयोग अब सम्पूर्ण विश्व में हो रहा है। भारतीय ऋषियों की यह खोज मानव मात्र के लिए है।
तिवाड़ी ने बुधवार को हुए अभ्यासों की पुनरावृति उपरांत गुरूवार को एकीकृत योग रोगोपचार विधि द्वारा विभिन्न नये योग अभ्यास कराये एवं सूर्यनमस्कार, मंडूक आसन, उष्ट्रासन, शलभासन, शसकासन, ताड़ासन, भुजंगासन, हास्यासन इत्यादि करवाए गये तथा योग गुरु ने प्रत्येक आसन की सावधानियाँ व लाभ की भी जानकारी दी।
कार्यक्रम समन्वयक प्रशांत जोशी ने भगवत गीता में स्थित योग के विभिन्न सूत्रों यथा “समत्वं योग उच्च्यते”, “योगः कर्मसु कौसलम्” का मतलब समझाते हुए सभी को प्रतिदिन योग करने की प्रेरणा दी।
प्राचार्य कमल पंवार ने विद्यार्थियों को अनुशासन एवं योग को अपनाने का आह्वाहन किया तथा अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम के दौरान रोशन जैन, शैलेन्द्र सैनी, सुर्यप्रकाश, ओमाराम चौधरी व स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे।
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