सोमवार, 12 अक्तूबर 2020

सोमवार को 3200 रूपये का जुर्माना वसूला

बाड़मेर, 12 अक्टूबर। राजस्थान महामारी अध्यादेश 2020 के दिशा-निर्देश के उल्लंघन पर सख्त कार्यवाही के दौरान सोमवार को जिले में 17 व्यक्तियों से 3200 रूपये की जुर्माना राशि वसूल की गई है।

जिला मजिस्ट्रेट विश्राम मीणा ने बताया कि जिले में कोरोना वायरस रोकथाम के लिए जारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्यवाही करते हुए राजस्थान महामारी अध्यादेश 2020 के तहत जुर्माना राशि वसूल की जा रही है। उन्हांेने बताया कि जिले में सोमवार को उक्त अधिनियम के उल्लंघन पर उपखण्ड क्षेत्र चौहटन में 10 लोगों से 2000, गडरारोड़ में 5 लोगों से 1000 तथा गुडामालानी में 2 लोगों से 200 को मिलाकर कुल 17 लोगों से 3200 रूपये की जुर्माना राशि वसूली गई।
उन्होने बताया कि जिले में अब तक 7273 लोगों से कुल 13,60,500 रूपये की वसूली की जा चुकी है। उन्होने आमजन को कोरोना वायरस रोकथाम के लिए जारी नियमों एवं आदेशों की पालना करने की हिदायत दी है।
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सड़क हादसों में पीड़ितों को पांच लाख रूपये की आर्थिक सहायता स्वीकृत

बाड़मेर, 12 अक्टूबर। विभिन्न सड़क दुर्घटनाओं में व्यक्तियों की मृत्यु हो जाने तथा उनके परिवारों की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण राजस्थान मुख्यमंत्री सहायता कोष से 5 व्यक्तियों को कुल पांच लाख रूपये की आर्थिक सहायता स्वीकृत की गई है।

जिला कलक्टर आपदा प्रबंधन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विश्राम मीणा ने बताया कि बायतु तहसील क्षेत्र में हेमजी का तला निवासी स्व. मोटाराम पुत्र भींयाराम जाट, सिणधरी तहसील क्षेत्र में हेमे की ढाणी निवासी स्व. नेनू देवी पत्नी हरदानराम प्रजापत, सिवना तहसील क्षेत्र में थापन निवासी स्व. हेमाराम पुत्र गेपाराम देवासी एवं मूठली निवासी स्व. ढलाराम पुत्र पदमाराम भील तथा बाडमेर तहसील द्वोत्र में महाबार पीथल निवासी स्व.हाकमाराम पुत्र मासिंगाराम भील की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो जाने के कारण उनके परिवार जनों को राजस्थान मुख्यमंत्री सहायता कोष से एक-एक लाख रूपए की आर्थिक सहायता स्वीकृत की गई है।  
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नवजीवन योजना की क्रियान्विति को विस्तृत कार्य योजना बनेगी

बाड़मेर, 12 अक्टूबर। जिले में नवजीवन योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए जिला कलेक्टर विश्राम मीणा ने विस्तृत योजना बनाने के निर्देश दिए हैं। वह सोमवार को अपने कक्ष में योजना की समीक्षा कर रहे थे।

इस मौके पर जिला कलेक्टर ने कहा कि नवजीवन योजना का मूल उद्देश्य अवैध शराब निर्माण में लगे परिवारों का पुनर्वास तथा पुनरुद्धार करना है। इसके जरिए इन परिवारों को आजीविका एवं संसाधन मुहैया कराए जाते हैं। साथ ही इन परिवारों से संबंधित बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ा जाता है। उन्होंने योजना के क्रियान्वयन के लिए जिले में अवैध शराब के निर्माण से जुड़े परिवारों का 31 अक्टूबर तक सर्वे करने के निर्देश दिए।
मीणा ने नवजीवन योजना के प्रचार-प्रसार के लिए आई.ई.सी. प्लान तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने पात्र परिवारों के पुनद्धार के लिए कौशल आधारित प्रशिक्षण देने को कहा ताकि ऐसे लोगों को रोजगार के साधन मुहैया हो सके एवं आवश्यकता अनुसार ऋण भी उपलब्ध कराए जा सके। इस मौके पर जिला कलेक्टर ने बकाया दिव्यांगजन प्रमाण पत्र शीघ्र जारी करने के लिए सप्ताह में प्रत्येक शुक्रवार को शिविर का आयोजन निर्धारित करने के लिए चिकित्सा विभाग से समन्वय के निर्देश दिए।
इससे पूर्व सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक पुखराज सारण ने नवजीवन योजना के उद्देश्य एवं लक्षण से अवगत कराया।
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