राजनीतिक दल 22 नवंबर तक विज्ञापन स्थलों की अनुमति प्राप्त कर सकेंगे
बाड़मेर, 25 अक्टूबर। विधानसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों एवं अभ्यर्थियों को उनके चुनाव
प्रचार के लिए बाड़मेर जिले में विभिन्न सार्वजनिक स्थलों पर हॉर्डिंग के माध्यम से
विज्ञापन प्रदर्शन करने के लिए निर्वाचन विभाग की ओर से आवश्यक निर्देश जारी किए गए
है।
जिला निर्वाचन अधिकारी शिवप्रसाद मदन नकाते ने बताया है कि निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार
जिले में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए सार्वजनिक स्थानों का चिह्नीकरण कर लिया
गया है और इसके लिए संबंधित नगर निकाय एवं पंचायत समिति की ओर से दर भी निर्धारित कर
ली गई हैं।
उन्होंने बताया कि विज्ञापन स्थलों की यह सूची ब्लॉक स्तर पर राजनीतिक दलों के
प्रतिनिधियों को उपलब्ध करवाई जा रही है और उनकी ओर से प्रस्तुत आवेदन पर जिला स्तरीय
कमेटी इन स्थानों का आवंटन करेगी । संबंधित राजनीतिक दलों की ओर से दिया जाने वाला
निर्धारित शुल्क संबंधित ग्राम पंचायत तथा नगर निकाय के विकास मद में जमा कराया जाएगा।
जिला निर्वाचन अधिकारी नकाते ने बताया कि निर्वाचन विभाग के निर्देशानुसार विज्ञापन
स्थलों के आवंटन के लिए जिला स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी प्राप्त आवेदनों
पर नियमानुसार विज्ञापन स्थलों का आवंटन करेगी। उप जिला निर्वाचन अधिकारी राकेश कुमार
ने बताया कि 22 नवंबर तक राजनीतिक दल निर्धारित शुल्क जमा कराकर इन विज्ञापन स्थलों के अनुमति
प्राप्त कर सकेंगे। साथ ही 22 नवंबर को चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों के नाम अंतिम होंगे, उसी दिन दोपहर 3 बजे सभी चुनाव लड़ने
वाले उम्मीदवारों के साथ रिटर्निंग अधिकारी बैठक कर जहाँ उम्मीदवार अपना विज्ञापन देना
चाहते है उसकी सूची संबंधित समिति के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। उप जिला निर्वाचन अधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि
आवेदन प्राप्त होने के पश्चात यदि आवेदन कम है और स्थान अधिक है तो समस्त आवेदनों को
स्वीकार करते हुए समिति विज्ञापन स्थल आवंटन करेंगी। यदि आवेदन अधिक है और स्थान कम
है तो समानुपातिक रूप से आवंटन किया जावेगा। यदि किसी एक विशेष विज्ञापन स्थल के लिए
एक से अधिक आवेदन है तो पारदर्शिता के साथ जरिये लॉटरी द्वारा आवंटन किया जावेगा। इसी
प्रकार के सभी जारी किये जाने वाले आदेशों की प्रति निर्वाचन व्यय अन्वेक्षण शाखा को
भिजवाई जावेगी जिससे कि अभ्यर्थियों के खर्चे की राशि में उक्त व्यय को शामिल किया
जा सके। किसी भी प्रकार का विवाद होने की स्थिति में प्रकरण जिला निर्वाचन अधिकारी
को रेफर किया जाएगा।