बाड़मेर, 18 जुलाई। सांजटा कलस्टर की ग्राम पंचायत
कगाऊ में 19
जुलाई को आयोजित होने वाली जिला कलक्टर की रात्रि चौपाल अपरिहार्य कारणों से
स्थगित कर दी गई है।
गुरुवार, 18 जुलाई 2019
गौरव सेनानियों के लिए कल्याणपुर में समस्या समाधान शिविर 19 जुलाई को
बाड़मेर, 18 जुलाई। पंचायत समिति परिसर कल्याणपुर
में 19
जुलाई को सुबह 11
बजे से गौरव सेनानियों एवं आश्रितों के लिए समस्या समाधन शिविर को आयोजन किया
जाएगा।
जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल
पी.एस.गंगवार ने बताया कि इस शिविर में पूर्व सैनिकों की पेंशन समस्या समाधान,
राज्य एवं
केन्द्र सरकार की ओर से जारी नए आदेशों की जानकारी, पूर्व सैनिकों के बच्चों के भाग दो
आदेश, पी.पी.ओ.
में पत्नी के नामांकन, पूर्व
सैनिकों के बच्चों को छात्रवृति, योजना रिलेशन प्रमाण पत्र, परिचय पत्र बनाने संबंधित कार्य
संपादित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इसके लिए गौरव सेनानियों एवं उनके आश्रितों
को अपनी डिस्चार्ज बुक, बैंक
पास बुक, पीपीओ,
आधार कार्ड की
फोटो प्रति एवं दो माह की बैंक से पेंशन पे स्लीप साथ लाना आवश्यक है।
स्वाधीनता दिवस समारोह संबंधित बैठक 22 को
बाड़मेर, 18 जुलाई। स्वाधीनता दिवस पर आयोजित होने
वाले मुख्य समारोह के कार्यक्रम निर्धारण करने के लिए जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता
की अध्यक्षता में 22
जुलाई को प्रातः 11
बजे कलेक्ट्रेट कॉन्फ्रेन्स हॉल में बैठक आयोजित होगी।
अतिरिक्त जिला कलक्टर राकेश कुमार
शर्मा ने बताया कि बैठक में संबंधित विभागीय अधिकारियां को अपने विभाग से संबंधित
कार्यक्रमों के प्रस्ताव के साथ आवश्यक रूप से उपस्थित होने के निर्देश दिए गए है।
फसल बीमा कराने की अंतिम तिथि 31 जुलाई
बाड़मेर, 18 जुलाई। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
के लिए कृषि विभाग की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गई है। इसकी अंतिम तिथि 31 जुलाई है।
कृषि विभाग के उप निदेशक किशोरीलाल
वर्मा ने बताया कि बाड़मेर जिले में मुख्य रूप से बोई जाने वाली फसलां बाजरा,
ग्वार, मूंग, मोठ, ज्वार, मूंगफली, तिल को इस योजना में शामिल किया गया
है। यह तहसीलवार, पटवार
सर्किलवार अलग-अलग हो सकती है। उन्हांने बताया कि खरीफ फसलां में किसानां को बीमित
राशि का मात्र दो प्रतिशत ही प्रीमियम देना है, शेष राज्य एवं केन्द्र सरकार की ओर से
देय होगा। उनके मुताबिक फसल बीमा ऋणी कृषकां का अनिवार्य एवं अऋणी कृषकां का
स्वेच्छानुसार है। अऋणी कृषक किसी भी ई मित्र पर आवश्यक अभिलेख आधार कार्ड की
प्रति, नवीन
गिरदावरी की सत्यापित प्रतिलिपि, बैंक खाते की पासबुक की प्रति जिसमें आईएफएससी
कोड एवं खाता संख्या, फसल
बुवाई प्रमाण पत्र, यदि
जमीन बटाई पर ली गई है जो बटाई के प्रमाण पत्र के साथ फसल बीमा करवा सकते है। उप
निदेशक वर्मा ने बताया कि मूंगफली में 30 जून, मूंग एवं तिल में 5 अगस्त, ज्वार, मोंठ, ग्वार में 15 अगस्त तक बोई गई फसल बीमा में कवर हो
सकेगी। उनके मुताबिक जिले में फसल बीमा के लिए एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी इंडिया
लिमिटेड अधिसूचित की गई है। इसकी अधिसूचना 17 जुलाई को जारी की गई है। उन्हांने
बताया कि बाड़मेर जिले में किसानां को फसल बीमा करवाने के लिए प्रीमियम के तौर पर
प्रति हैक्टेयर बाजरा में 280, ग्वार में 340, ज्वार में 400, मूंग, मोंठ एवं तिल में 290, मूंगफली में 750 रूपए की राशि जमा करानी होगी।
बालोतरा एवं सिणधरी में औद्योगिक प्रोत्साहन शिविर आयोजित होंगे
बाड़मेर, 18 जुलाई। जिले में औद्योगिक विकास एवं
उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए पंचायत समिति स्तरीय औद्योगिक प्रोत्साहन
शिविर 23
जुलाई को बालोतरा एवं 30
जुलाई को सिणधरी में प्रातः 11 बजे से सांय 4 बजे तक आयोजित किए जाएंगे।
जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबन्धक ने
बताया कि राजस्थान वित निगम बैंकर्स एवं विभिन्न विभागों के सहयोग से उक्त एक
दिवसीय औद्योगिक शिविर आयोजित किए जा रहे है। उन्हांने बताया कि शिविर में शिक्षित
बेरोजगार युवाओं को प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के आवेदन पत्रों की
जानकारी, दस्तकारों
के शिल्पी पहचान-पत्र, प्रधानमंत्री
बुनकर मुद्रा आवेदन पत्र एवं राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना-2014 की ऑनलाइन की जानकारी कराई जाएगी।
इसके अलावा विभिन्न विभागों द्वारा अपनी विभागीय योजनाओं की जानकारी भी दी जाएगी।
जन कल्याणकारी योजनाओं की उचित मॉनिटरिंग के लिए प्रभारी सचिवों को दिशा-निर्देश
बाड़मेर, 18 जुलाई। राज्य सरकार ने राज्य के विभिन्न जिलों में चल रही जन कल्याणकारी योजनाओं की उचित एवं सतत मॉनिटरिंग के लिए जिला प्रभारी सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव एवं शासन सचिव को उनके मुख्य कार्यों के संबंध में निर्देश प्रदान किए हैं।
जिलों के प्रभारी सचिव एवं अन्य प्रभारी अधिकारी राज्य सरकार द्वारा जिलों में चल रहे विभिन्न विभागीय कार्यक्रम, योजनाएं एवं महत्वपूर्ण विकास कार्यों की मॉनिटरिंग प्रभार वाले जिले में, संबंधित प्रभार वाले जिले में, जिला स्तर पर राज्य सरकार के निर्देशों की पालना सुनिश्चित करेंगे। यह प्रभारी अधिकारी जिला स्तर पर विभागीय कार्यक्रम, विकास कार्य, योजनाओं, विभिन्न शिविरों, विशेष कार्यक्रमों आदि से संबंधित जिला स्तरीय अधिकारियों के कार्यों की समीक्षा भी करेंगे। कार्य प्रभार वाले जिले के लिए बजट घोषणाओें, मुख्यमंत्री घोषणाएं एवं राज्य सरकार के दिशा निर्देशों की क्रियान्विति एवं समीक्षा भी इन प्रभारी सचिवों द्वारा की जाएगी साथ ही प्रभार वाले जिले से संबंधित “जन घोषणा पत्र” के बिन्दुओं की क्रियान्विति एवं समीक्षा भी प्रभारी सचिव करेंगे।
राज्य सरकार के निर्देशानुसार सभी जिलों के प्रभारी सचिवों द्वारा प्रभावकारी ढंग से पानी, बिजली, सड़क, आवास एवं खाद्य सुरक्षा तथा महत्वपूर्ण स्वास्थ्य देखभाल ¼Critical Health Care½की समीक्षा कर प्रभावकारी पर्यवेक्षण किया जाएगा। जिला प्रभारी सचिव अपने संबंधित जिलों में पुलिस प्रशासन, कानून व्यवस्था, राजस्व विभाग, अवैध खनन एवं पर्यावरण से सम्बन्धित मुद्दों पर विशेष ध्यान देते हुए सम्बन्धित विभागों एवं राज्य सरकार के निर्देशों का त्वरित अनुपालन एवं समस्याओं का निराकरण करेंगे।
जिला प्रभारी सचिव अपने प्रभार वाले जिले में RGDPS एवं RTH Act की अनुपालना में की जा रही कार्यवाही की एवं उपखण्ड अधिकारी स्तर की जन सुनवाइयों की भी समीक्षा करेंगे। प्रभारी सचिव जिले में विभिन्न स्तरों के अधिकारियों द्वारा किये गये दौरे एवं रात्रि विश्राम की मापदण्डों के विरूद्ध की गई प्रगति की समीक्षा तथा उनके द्वारा उनके विभागों की अधीनस्थ कार्यालयों में किये गये निरीक्षणों की समीक्षा एवं पालना एवं क्रियान्वति रिपोर्ट का आकंलन करेंगे। समस्त जिला प्रभारी सचिव उन कार्यों की समीक्षा भी करेंगे जिनके बारे में राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर प्रदत्त विशेष निर्देश किये जाते हैं।
समस्त जिला प्रभारी सचिवों को राज्य सरकार द्वारा निर्देशित किया गया है कि वे अपने प्रभार वाले जिले में प्रत्येक माह में कम से कम दो अथवा तीन दिवसीय यात्रा या दौरे करना सुनिश्चित करें। वे अपनी यात्रा, दौरे यथा संभव जिले के प्रभारी मंत्री के साथ सम्पादित भी करेंगे। समस्त जिला प्रभारी सचिव, प्रभार वाले जिले की यात्रा के संबंध में संबंधित जिला कलेक्टर को आवश्यक रूप से सूचना देंगें ताकि विभिन्न योजनाओं को समुचित गति मिले एवं सार्थक परिणाम प्राप्त हो सके। समस्त जिला प्रभारी सचिव अपने प्रभार वाले जिले की यात्रा के उपरान्त मुख्य सचिव महोदय को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे एवं राजस्थान सम्पर्क पोर्टल Tour Module के में दर्ज करेंगे। उक्त रिपोर्ट की प्रति प्रशासनिक सुधार विभाग की मेल आईडी cmv@rajasthan.gov.in पर भी आवश्यक रूप से प्रेषित करेंगे।
विभागीय कार्मिक हाई अलर्ट,1822 हैक्टेयर में कीटनाशक का छिड़काव
अतिरिक्त
जिला कलक्टर ने टिड्डी नियंत्रण गतिविधियां की जानकारी दी
बाड़मेर, 18 जुलाई। बाड़मेर जिले में टिड्डी
नियंत्रण के लिए जिला प्रशासन के साथ विभागीय कार्मिक हाई अलर्ट पर है। अब तक
बाड़मेर जिले के 27
गांवां के 1822
हैक्टेयर में टिड्डी नियंत्रण के लिए कीटनाशक का छिड़काव किया गया है। अतिरिक्त
जिला कलक्टर राकेश कुमार शर्मा ने गुरूवार को पत्रकारां से बातचीत के दौरान यह
जानकारी दी।
अतिरिक्त जिला कलक्टर राकेश कुमार
शर्मा ने बताया कि जिले में टिड्डी प्रभावित क्षेत्र मुख्यत गडरारोड़,रामसर, गुड़ामालानी एवं शिव पंचायत समिति
क्षेत्र में निरोधात्मक गतिविधियां जारी है। उपखंड अधिकारी, तहसीलदार, पटवारी एवं अन्य कार्मिकां के साथ कृषि
विभाग तथा टिड्डी चेतावनी संगठन के कार्मिक हाई अलर्ट पर है। इनको आपसी समन्वय से
कार्य करने के निर्देश दिए गए है। उन्हांने बताया कि भारत-पाक के मध्य भी नियमित
रूप से बैठकां का आयोजन करने के साथ टिड्डी नियंत्रण संबंधित जानकारी साझा की जा
रही है। शर्मा के मुताबिक बाड़मेर जिले में टिड्डी पूर्ण रूप से नियंत्रण में है
एवं फसलां तथा वनस्पति को किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ है। उन्हांने बताया
कि टिड्डी नियंत्रण के लिए वाहन एवं अन्य संसाधन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।
प्रदेश के अन्य जिलां से कृषि विभाग के अधिकारियां को टिड्डी नियंत्रण के लिए
लगाया गया है। उन्हांने बताया कि टिड्डी दल संबंधित जानकारी नियंत्रण कक्ष पर दी
जा सकती है। कृषि विभाग के उप निदेशक किशोरीलाल वर्मा ने टिड्डी से प्रभावित
क्षेत्रां का विवरण देते हुए बताया कि कृषि विभाग के कार्मिकां की ओर से नियमित
रूप से सर्वे किया जा रहा है। टिड्डी मंडल कार्यालय बाड़मेर के वनस्पति संरक्षण
अधिकारी के.वी.चौधरी ने टिड्डी नियंत्रण के लिए विभागीय गतिविधियां, टिड्डी के प्रजनन, पाकिस्तान से आगमन की स्थिति, नियंत्रण के तरीकां तथा सर्वेक्षण के
बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्हांने बताया कि टिड्डी के अंडे देने के बाद
करीब एक माह तक उसका फाका उड़ने की स्थिति में नहीं होता। ऐसे में जमीन से पूरा
फाका निकलने के बाद निरोधात्मक कार्रवाई की जाती है। इस दौरान सहायक निदेशक
पदमसिंह भाटी ने टिडडी के प्रको एवं अवस्थाआें के बारे में कंप्यूटर में पावर
प्वाइंट प्रजेटेशन के जरिए जानकारी दी। इस दौरान जार में टिड्डियां को प्रदर्शित
किया गया।
सुगम मतदान के लिए दिव्यांगां को बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध कराएंगेः शर्मा
जिला
मुख्यालय पर सुगम निर्वाचन के लिए डीएमसीएई की बैठक आयोजित
बाड़मेर, 18 जुलाई। सुगम मतदान के लिए दिव्यांग
मतदाताआें को बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। बाड़मेर जिले में लोकसभा एवं
विधानसभा चुनाव के दौरान इस दिशा में किए गए प्रयासां के उत्साहजनक नतीजे सामने आए
है। उप जिला निर्वाचन अधिकारी राकेश कुमार शर्मा ने सुगम मतदान के लिए जिला
मुख्यालय पर आयोजित डीएमसीएई की बैठक के दौरान यह बात कही।
उप जिला निर्वाचन अधिकारी राकेश कुमार
शर्मा ने सुगम मतदान के लिए कमेटी सदस्यां से सुझाव देने का अनुरोध करते हुए कहा
कि निर्वाचन आयोग की मंशा है कि कोई भी मतदाता मतदान करने से वंचित नहीं रहे।
उन्हांने कहा कि जो भी सुझाव प्राप्त होंगे, उनको राज्य निर्वाचन आयोग को भिजवाया
जाएगा। उन्हांने लोकसभा चुनाव के दौरान मतदान केन्द्रां पर छाया, पानी की बेहतरीन व्यवस्था करवाने के
लिए मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहनदान रतनू का आभार जताया। उन्होंने कहा कि आगामी
चुनावां में निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार दिव्यांग मतदाताआें के लिए हर संभव
सुविधाएं उपलब्ध कराने के प्रयास किए जाएंगे। ताकि ज्यादा से ज्यादा दिव्यांग
मतदान केंद्र तक पहुंच कर अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकें। मुख्य कार्यकारी
अधिकारी मोहनदान रतनू ने कहा कि चुनाव आयोग के निर्देशां की पालना सुनिश्चित
करवाते हुए सुगम मतदान सुनिश्चित करवाया जाएगा। उन्हांने सुगम मतदान के लिए सुझाव
भी दिए। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक सुरेन्द्रप्रतापसिंह
ने दिव्यांग मतदाताआें को मुहैया कराई गई सुविधाआें के बारे में जानकारी दी। मुख्य
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. कमलेश चौधरी ने गर्भवती महिलाआें को मतदान
करने में प्राथमिकता देने का सुझाव दिया। कल्लाराम विश्नोई ने चुनाव से पहले गंभीर
दिव्यांगां का सर्वे करने के साथ मतदान के दौरान उसको विशेष सहयोग उपलब्ध कराने का
सुझाव दिया। इस दौरान श्योर संस्थान की लता कच्छवाह, मुख्य शिक्षा अधिकारी डालूराम चौधरी,
अधीक्षण अभियंता
हरिकृष्ण समेत कमेटी सदस्यां एवं विभागीय अधिकारियां ने सुगम मतदान के संबंध में
सुझाव दिए।
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