बाड़मेर, 07 अक्टूबर। जिला मजिस्ट्रेट एवं जिला निर्वाचन अधिकारी शिवप्रसाद मदन नकाते ने एक
आदेश जारी कर बाड़मेर जिले की राजस्व सीमाओं में शांतिपूर्वक, स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं सुव्यवस्थित
ढंग से चुनाव सम्पन्न कराने के लिए निषेधाज्ञा लागू की है, ताकि जिले के सभी क्षेत्रों
एवं सभी वर्गों के मतदाता बिना किसी भय के अपने संवैधानिक मतधिकार का उपयोग कर सकें।
यह आदेश तत्काल लागू होकर आगामी आदेश तक प्रभावी रहेगा। उक्त निषेधाज्ञा की अवहेलना
या उल्लंघन भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के तहत दण्डनीय है।
जिला निर्वाचन अधिकारी शिवप्रसाद मदन नकाते ने बताया कि जिले की राजस्व सीमाओं
के भीतर सम्पूर्ण क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार का विस्फोटक पदार्थ, रासायनिक पदार्थ, आग्नेय अस्त्र-शस्त्र, जैसे- रिवाल्वर, पिस्टल, बंदूक, एम.एल गन, बी.एल. गन, आदि एवं अन्य हथियार
जैसे गण्डासा, फर्सी, तलवार, भाला, कृपाण, चाकू, छुरी, बर्छी, गुप्ती, कटार, धारिया, बाघनखा जो किसी धातु के शस्त्र के रूप में बना हो आदि तथा विधि द्वारा प्रतिबन्धित
हथियार और मोटे घातक हथियार-लाठी आदि सार्वजनिक स्थानों पर धारण कर न तो घूमेगा, और न ही प्रदर्शन करेगा
और न ही साथ में लेकर चलेगा। उन्होंने बताया कि यह आदेश ड्युटी पर तैनात सीमा सुरक्षा
बल, राजस्थान सशस्त्र पुलिस बल, राजस्थान सिविल पुलिस, चुनाव ड्युटी में तैनात अर्द्धसैनिक बल,
होमगार्ड एवं चुनाव ड्युटी में मतदान दलों में तैनात अधिकारियों, कर्मचारियों पर लागू
नहीं होगा। जिला निर्वाचन अधिकारी नकाते ने बताया कि बाड़मेर जिले से बाहर का कोई भी
व्यक्ति जिले की सीमा में इस प्रकार के हथियारों को अपने साथ नहीं लायेगा, ना ही सार्वजनिक स्थानों
पर प्रयोग या प्रदर्शन करेंगा। कोई भी व्यक्ति संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट की स्वीकृति
के बिना किसी भी सार्वजनिक स्थल पर कोई भी जुलूस, सभा, धरना, भाषण आदि का आयोजन नहीं करेगा एवं न ही संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट की पूर्व अनुमति
के बिना ध्वनि प्रसारण यंत्र का प्रयोग किया जावेगा। ध्वनि प्रसारण यंत्र के लिए अनुमति
संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट द्वारा प्रातः 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक दी जा सकेगी। ऐसे आयोजनों में कोई इस प्रकार का कृत्य नहीं करेगा जिससे
यातायात व्यवस्था, जन व्यवस्था एवं जनशांति विक्षुब्ध हो। यह प्रतिबंध बारात एवं शवयात्रा पर लागू
नहीं होगा। उनके मुताबिक कोई भी व्यक्ति सांप्रदायिक सद्भावना को ठेस पहुंचाने वाले
तथा उत्तेजनात्मक नारे नहीं लगायेगा, न ही ऐसा कोई भाषण और उद्बोधन देगा, न ही ऐसे किसी पम्पलेट, पोस्टर या अन्य प्रकार की चुनाव सामग्री छापेगा या छपवाएगा, वितरण करेगा या करवायेगा
और न ही किसी एम्प्लीफायर, रेडियो, टेपरिकार्डर, लाउडस्पीकर, ऑडियो-वीडियो कैसेट या अन्य किसी इलैक्ट्रानिक उपकरणों के माध्यम से इस प्रकार
का प्रचार-प्रसार करेगा अथवा करवाएगा, और न ही ऐसे कृत्यों के लिए किसी को दुष्प्रेरित करेगा।
आदेश के अनुसार कोई भी व्यक्ति या संस्था इन्टरनेट तथा सोशल मीडिया यथा फेसबुक, ट्विटर, वाट्सएप, यूट्यूब, आदि के माध्यम से किसी
प्रकार का धार्मिक उन्माद, जातिगत द्वेष या दुष्प्रचार नही करेगा। कोई भी व्यक्ति किसी के समर्थन या विरोध
में सार्वजनिक एवं राजकीय सम्पतियों पर किसी तरह का नारा-लेखन या प्रति-चित्रण नहीं
करेगा, ना ही करवाएगा और न ही किसी तरह के पोस्टर,
होर्डिंग आदि लगाएगा,
और न ही सार्वजनिक सम्पतियों का विरूपण करेगा या करवायेगा। किसी
भी निजी सम्पति का उक्त प्रयोजनार्थ उपयोग उसके स्वामी की लिखित पूर्वानुमति के बिना
नहीं किया जा सकेगा।