बाड़मेर,
26 दिसंबर। जिला मजिस्ट्रेट अंशदीप ने
पंचायतीराज संस्थाआंे के आम चुनाव को शांतिपूर्वक, स्वतन्त्र, निष्पक्ष
एवं सुव्यवस्थित रूप से संपन्न करवाने के लिए बाड़मेर जिले की समस्त पंचायत
समितियांे की सीमा मंे शुक्रवार प्रातः 8 बजे से निषेधाज्ञा लागू होगी। जो आगामी 30
जनवरी 2020 तक प्रभावी रहेगी। इस आदेश की अहवेलना करने पर
संबंधित व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के
अन्तर्गत अभियोग चलाया जाएगा।
जिला मजिस्ट्रेट अंशदीप के मुताबिक बाड़मेर जिले
में पंचायतीराज संस्थाआंे के आम चुनाव 2020 से पूर्व चुनाव सभाआंे मंे चुनाव के दिन तथा
मतगणना के पश्चात चुनाव संबंधित प्रचार तथा मतगणना परिणामांे के कारण स्थानीय
विवाद एवं तनाव उत्पन्न होने की आशंका है। ऐसे मंे बाड़मेर जिले की समस्त पंचायत
समिति क्षेत्रांे मंे निषेधाज्ञा लागू की जा रही है। इसके तहत कोई भी व्यक्ति
बाड़मेर जिले मंे स्थित समस्त पंचायत समितियांे की ग्राम पंचायत मंे अपने पास किसी
भी प्रकार के विस्फोटक पदार्थ, घातक रासायनिक पदार्थ, आग्नेय
शस्त्र जैसे रिवोल्वर, पिस्टल,
राइफिल, बन्दूक, एम.एल.गन एवं बी.एल.गन आदि एवं अन्य
घातक हथियार जैसे गण्डासा, फर्सा, तलवार, भाला, कृपाण, चाकू, छुरी, बर्छी, गुप्ती,
कटार, धारिया, बाघ नख (शेर पंजा) जो किसी भी धातु का
बना हो आदि तथा विधि की ओर से प्रतिबन्धित हथियार और मोटे घातक हथियार, लाठी
आदि सार्वजनिक स्थानों पर धारण कर न तो घूमेगा,
न ही प्रदर्शन करेगा और न ही प्रयोग
करेगा। उनके मुताबिक वृद्ध, अपाहिज एवं बीमार व्यक्ति जो बिना लाठी के
सहारे नहीं चल सकते है, लाठी का उपयोग चलने में सहारा लेने के लिए कर
सकेंगे। वही सिख समुदाय के लोगों को धार्मिक परम्परा के अनुसार कृपाण धारण करने की
छूट होगी।
जिला मजिस्ट्रेट एवं जिला कलक्टर अंशदीप ने बताया
कि ऐसे शस्त्र अनुज्ञाधारी जो जेल से जमानत पर रिहा हुए या जिनके विरूद्ध अपराधिक
मामले की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज हुई है। ऐसे शस्त्र अनुज्ञाधारी जिनको निर्भय, निष्पक्ष
मतदान प्रक्रिया मंे बाधा उत्पन्न करने वाले के रूप मंे चिन्हित किया गया है। इसके
अलावा ऐसे शस्त्र अनुज्ञाधारी जो संवेदनशील,
अतिसंवेदनशील मतदान केन्द्रांे, गत
निर्वाचन मंे हिसक पृष्ठभूमि, जातीय प्रभुत्व, तनाव, अन्य चुनाव एवं अपराध के लिए चिन्हित
मतदान केन्द्रांे के अधीन निवास करते है, उनको अपने शस्त्र संबंधित पुलिस थाना मंे जमा
करवाने होंगे। आदेश के मुताबिक कोई भी व्यक्ति साम्प्रदायिक सद्भावना को ठेस
पहुंचाने वाले तथा उत्तेजक नारे नहीं लगाएगा,
न ही ऐसा कोई भाषण या उद्बोधन देगा और
न ही ऐसे किसी पेम्पलेट, पोस्टर या अन्य प्रकार की चुनाव सामग्री छापेगा
या छपवायेगा, न ही वितरण करेगा या वितरण करवायेगा और न ही
एम्पलीफायर, रेडियो,
टेप रिकार्डर, लाउडस्पीकर, ऑडियो-विडियो
कैसेट, सीडी या अन्य किसी दृश्य-श्रव्य इलेक्ट्रोनिक
साधनों या इन्टरनेट एवं सोशल मीडिया के
माध्यम से इस प्रकार का प्रचार-प्रसार करेगा अथवा करवायेगा और न ही ऐसे कृत्यों के
लिए किसी को दुष्प्रेरित करेगा। कोई भी व्यक्ति किसी भी सार्वजनिक स्थान पर मदिरा
का सेवन नहीं करेगा , न ही अन्य व्यक्ति को करवाएगा। अधिकृत
विक्रेताआंे को छोड़कर कोई भी व्यक्ति निजी उपयोग के अलावा किसी अन्य उपयोग के लिए
सार्वजनिक स्थलांे मंे मदिरा लेकर आवागमन नहीं करेगा। यह आदेश पर्वाें के दौरान
पुलिस स्वीकृति के तहत आयोजित धार्मिक समारोह,
जुलूसांे एवं कार्यक्रमांे पर लागू
नहीं होगा।
आदेश के अनुसार संबंधित उपखंड अधिकारी की
पूर्वानुमति के बिना कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रयोजन के लिए जुलूस, धरना,प्रदर्शन, महापड़ाव, पुतला
जलाने एवं सार्वजनिक मीटिंग का आयोजन नहीं करेगा। परंतु यह प्रतिबंध विवाह समारोह
एवं शव यात्रा पर लागू नहीं होगा। यह आदेश सुरक्षा की दृष्टि से राजकीय ड्यूटी पर
सैनिक बलों, राजस्थान सशस्त्र पुलिस, राजस्थान
सिविल पुलिस, चुनाव ड्यूटी में तैनात सैनिक, अर्द्ध
सैनिक बल, होमगार्ड एवं चुनाव ड्यूटी में मतदान केन्द्रों
में तैनात अधिकारियों एवं कर्मचारियों तथा राजकीय एवं बैंकांे तथा विभिन्न
संस्थानांे मंे लगे सुरक्षा गार्ड के कर्तव्य के दौरान अपने पास हथियार रखने को
अधिकृत है, पर लागू नहीं होगी।