गुरुवार, 5 दिसंबर 2019

बेहतर पब्लिक सर्विस डिलीवरी सरकार का मुख्य एजेण्डा, सुशासन में लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्त


बाड़मेर, 05 दिसम्बर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि संवेदनशील, पारदर्शी एवं जवाबदेह शासन की दिशा में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। जो अधिकारी लापरवाही करेगा, उस पर सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा बेहतर पब्लिक सर्विस डिलीवरी सरकार का मुख्य एजेण्डा है। इसकी धरातल पर मॉनीटरिंग के लिए अब हर माह जिला कलेक्टर्स के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग होगी। साथ ही जिला कलेक्टर्स और जिला स्तरीय अधिकारियों के वार्षिक मूल्यांकन का एक आधार पब्लिक सर्विस डिलीवरी होगा। उसमें यह टिप्पणी भी अंकित की जाएगी कि उन्होंने आमजन को राहत देने के लिए कितनी संवेदनशीलता के साथ कार्य किया।
श्री गहलोत गुरुवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जिला कलेक्टरों के साथ राजस्थान सम्पर्क पोर्टल एवं मुख्यमंत्री आवास पर जनसुनवाई के प्रकरणों, पालनहार योजना, मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना, सामाजिक पेंशन योजना, खाद्य सुरक्षा, ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट के साथ ही आमजन से जुडे़ अन्य विषयों पर समीक्षा कर रहे थे।
संवेदनशीलता से काम करने की जिम्मेदारी जिला कलेक्टर की
मुख्यमंत्री ने सख्त संदेश देते हुए कहा कि कलेक्टर जिलों में सरकार का चेहरा हैं,  जिला कलेक्टर संवेदनशीलता और सुशासन की मंशा के अनुरूप काम करें तथा जिले के प्रशासनिक तंत्र की कार्यशैली भी उसके अनुरूप होनी चाहिए। सरकार का यह प्रयास है कि जिला स्तर पर ही हल होने वाली समस्याओं के लिए आमजन को राजधानी तक नहीं पहुंचना पडे़। अगर ऐसे प्रकरण सामने आएंगे तो जिम्मेदार अधिकारी पर सरकार कड़ा रूख अपनाएगी। श्री गहलोत ने निर्देश दिए कि जिला कलेक्टर अपने अधीनस्थ अधिकारियों के कामकाज की रिपोर्ट मुख्य सचिव को भेजेंगे। कार्मिक सचिव, प्रशासनिक सुधार विभाग के सचिव तथा मुख्य सचिव के साथ चर्चा कर मुख्यमंत्री के स्तर पर रिपोर्ट पर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। बांसवाड़ा के प्रभारी सचिव श्री अखिल अरोरा तथा पाली के प्रभारी सचिव श्री प्रीतम बी यशवंत के जिलों के दौरे पर नहीं जाने को मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लिया और निर्देश दिए कि मुख्य सचिव उनसे स्पष्टीकरण लें।
सर्विस डिलीवरी के लिए सीएमओ में होगी मॉनीटरिंग
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि आमजन से जुडे़ विभागों की बेहतर सर्विस डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय से भी मॉनीटरिंग की जाएगी। मुख्यमंत्री कार्यालय जनसुनवाई सहित विभिन्न माध्यमों से मिलने वाली पब्लिक सर्विस डिलीवरी की शिकायतों की मॉनीटरिंग करेगा।
वृद्धों, दिव्यांगों को वार्षिक सत्यापन के लिए नहीं काटने पडें चक्कर
श्री गहलोत ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन में वार्षिक सत्यापन के लिए व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने की बाध्यता को हटाया जाए। उन्होंने कहा कि इसमें ऐसे लोग लाभान्वित होते हैं, जो वृद्धावस्था, दिव्यांगता, बीमारी एवं अन्य कारणों के चलते व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने में असमर्थ रहते हैं। ऐसे लोगों को राहत देने के लिए  अभियान चलाकर पटवारी और ग्राम सेवकों की मदद से लंबित सत्यापन का कार्य 31 दिसम्बर तक पूरा करें।
ई-मित्र की मनमानी पर रोक के लिए समान दर करें निर्धारित
मुख्यमंत्री ने कहा कि ई-मित्र पर आमजन से जुड़ी सेवाओं का अलग-अलग शुल्क होने के कारण अधिक पैसा वसूलने की शिकायतें सामने आती हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि विभिन्न सेवाओं के लिए समान दर निर्धारित की जाए। इससे उनकी मनमानी पर अंकुश लगेगा और ई-गवर्नेंस को बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार निरोगी राजस्थान की अवधारणा पर काम कर रही है। उन्होंने कुछ जिलों में दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता के बावजूद रोगियों को दवाएं नहीं मिलने की शिकायत को गंभीरता से लिया और कलेक्टरों को निर्देश दिए कि वे दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें। उन्होंने इसकी ऑनलाइन मॉनिटरिंग के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने निशुल्क जांच योजना के भी प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए।
प्रभारी मंत्रियों की जनसुनवाई में मौजूद रहें अधिकारी
श्री गहलोत ने निर्देश दिए कि जिलों में प्रभारी मंत्री की जनसुनवाई में जिला कलेक्टर एवं अन्य जिला स्तरीय अधिकारी आवश्यक रूप से मौजूद रहें। जिला प्रभारी सचिव तथा कलेक्टर प्रभारी मंत्री के साथ नियमित रूप से समन्वय रखें और उन्हें जिले के बारे में जरूरी फीडबैक देते रहें, ताकि सरकार के स्तर पर उचित निर्णय लिए जा सकें।
सतर्कता समितियों को बनाएं प्रभावी
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला स्तर पर सतर्कता समितियों की नियमित बैठकें सुनिश्चित हों और इन्हें अधिक प्रभावी बनाया जाए। जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में प्रत्येक माह के तीसरे गुरूवार को इन समितियों की बैठक में पुलिस अधीक्षक भी आवश्यक रूप से मौजूद रहें और फरियादियों की संवेदनशीलता के साथ सुनवाई सुनिश्चित करें। उपखण्ड स्तर पर भी इसकी नियमित बैठकें हों। साथ ही प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में गठित 20 सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन समितियों की भी नियमित बैठकें हों। उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर रात्रि चौपाल एवं रात्रि विश्राम को प्राथमिकता दें। इससे समस्याओं का वास्तविक फीडबैक मिल सकेगा।
तीन माह में निपटाएं दस साल से पुराने राजस्व मामले
श्री गहलोत ने कहा कि राजस्व न्यायालयों में करीब 4 लाख 75 हजार प्रकरण लंबित होना गंभीर है। उन्होंने कहा कि राजस्व सचिव एवं जिला कलेक्टर इनकी समीक्षा कर समय पर निस्तारण सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि 10 वर्ष से ज्यादा पुराने मामलों का 3 माह में, 5 वर्ष से अधिक पुराने मामलों का 6 माह में तथा 3 वर्ष से ज्यादा पुराने मामलों का 12 माह में निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि आमजन के लंबित कार्यों का एक ही स्थान पर त्वरित निराकरण के लिए प्रशासन गांवों के संग तथ प्रशासन शहरों के संग अभियान जल्द ही चलाया जाएगा। इसके लिए जिला प्रशासन अभी से तैयारी शुरू करें।
हमारे फैसले के बाद जारी हुए 1.33 लाख से अधिक ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट
बैठक में बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के आरक्षण में अचल सम्पत्ति संबंधी प्रावधान हटाए जाने के बाद राज्य में 1 लाख 33 हजार से अधिक ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट जारी किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के युवाओं को राज्य की सेवाओं एवं शिक्षण संस्थाओं में ईडब्ल्यूएस आरक्षण का अधिक से अधिक लाभ मिले, इस मंशा से हमारी सरकार ने इस आरक्षण की जटिलाएं हटाई थीं। खुशी की बात है कि लोगों को इसका लाभ मिलने लगा है।
मुख्य सचिव श्री डीबी गुप्ता ने मुख्यमंत्री की जनसुनवाई तथा राजस्थान सम्पर्क पोर्टल के माध्यम से प्राप्त होने वाले प्रकरणों पर गंभीरता से अमल सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि निचले स्तर पर हल होने वाली समस्याओं का निराकरण स्थानीय स्तर पर ही हो, इसके लिए जिला कलेक्टर अपने अधीनस्थ अधिकारियों के कामकाज की नियमित समीक्षा करें।
अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त श्री निरंजन आर्य ने कहा कि जिलों में वित्तीय अनुशासन बनाए रखना, जिला कलेक्टरों की जिम्मेदारी है। अगर वे इस दिशा में प्रयास करेंगे तो अनावश्यक व्यय को रोका जा सकेगा और यह पैसा जनहित से जुडे़ कार्यों में उपयोग हो सकेगा। इस अवसर पर प्रमुख शासन सचिव प्रशासनिक सुधार विभाग श्री आर वेंकटेश्वरन, आयोजना विभाग के प्रमुख सचिव श्री अभय कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।





बाड़मेर जिले मंे 8 दिसंबर तक होगा द्वितीय ओडीएफ सत्यापन


सीईओ ने दिए आवश्यक निर्देश,सत्यापन दल संबंधित ग्राम पंचायतांे मंे पहुंचे

                बाड़मेर, 05 दिसंबर। बाड़मेर जिले की प्रत्येक पंचायत समिति की दो ग्राम पंचायतांे के खुले मंे शौच से मुक्त 10 फीसदी घरांे का द्वितीय सत्यापन किया जाएगा। इसके लिए गुरूवार को राज्य स्तरीय सत्यापन दल संबंधित ग्राम पंचायतांे मंे पहुंचे। इससे पहले जिला मुख्यालय पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहनदान रतनू ने ओडीएफ वेरीफिकेशन के संभागियांे को आवश्यक निर्देश दिए।
                कलेक्ट्रेट कांफ्रेस हॉल मंे मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहनदान रतनू ने बाड़मेर जिले मंे ओडीएफ के लिए अब तक के प्रयासांे की जानकारी देने के साथ द्वितीय ओडीएफ सत्यापन के संबंध मंे निर्देशित किया। उन्हांेने कहा कि घरांे मंे शौचालयांे का निर्माण होने के बाद ग्रामीणांे मंे खुले मंे शौच जाने की प्रवृति पर अंकुश लगा है। उन्हांेने बताया कि द्वितीय सत्यापन प्रत्येक पंचायत समिति की दो ग्राम पंचायतांे के दस फीसदी घरांे मंे किया जाना है। ग्राम पंचायतांे का चयन पूरी पंचायत समिति की किसी भी ग्राम पंचायत के रूप मंे किया जाना है। उन्हांेने पंचायत समितियांे मंे वेरीफिकेशन के लिए रूट चार्ट बनाकर रवाना किया। इस दौरान स्वच्छ भारत मिशन के जिला समन्वयक पुष्पेन्द्रसिंह सोढ़ा समेत विभिन्न विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। संबंधित ग्राम पंचायतांे मंे ओडीएफ द्वितीय सत्यापन का कार्य आठ सितंबर तक चलेगा। इसके उपरांत समस्त दलांे की सामूहिक रिपोर्ट राज्य सरकार को स्वच्छ भारत निदेशालय मंे भिजवाई जाएगी। सत्यापन के दौरान दल के सदस्य ग्रामीणांे से रूबरू होकर ओडीएफ के बारे मंे जानकारी लेने के साथ विभिन्न मुददांे पर विचार-विमर्श करने के साथ उनमंे जागरूकता लाने का कार्य संपादित करेंगे।





राष्ट्रीय पोषाहार योजना संचालन समिति की बैठक 9 को


                बाड़मेर, 05 दिसंबर। राष्ट्रीय पोषाहार (एमडीएम) योजना अन्तर्गत जिला स्तरीय संचालन समिति की मासिक बैठक 9 दिसम्बर को दोपहर 12 बजे आयोजित की जाएगी।
                जिला शिक्षा अधिकारी मुख्यालय प्रारम्भिक शिक्षा मूलाराम चौधरी ने बताया कि जिला कलक्टर अंशदीप की अध्यक्षता में उक्त बैठक कलेक्ट्रेट कांफ्रेन्स हॉल में आयोजित होगी। उन्होने संबंधित अधिकारियों को वांछित सूचनाओं के साथ निर्धारित समय पर बैठक में उपस्थित होने के निर्देश दिए है।

नागरिक सुरक्षा के प्रशिक्षकों ने दी प्राकृतिक आपदा के दौरान बचाव की जानकारी


                बाडमेर, 05 दिसम्बर। नागरिक सुरक्षा के 57 वें स्थापना दिवस के अवसर पर नागरिक सुरक्षा एवं अग्निशमन सेवा से संबंधित बुनियादी जानकारी एवं भूकम्प, बाढ़, हवाई हमले तथा आगजनी जैसी आपदाओं के समय क्या करे एवं क्या नहीं करे इसकी जानकारी गुरूवार को स्थानीय तरूण विद्या मंदिर सीनियर सैकण्डरी स्कूल बाडमेर में दी गई।
                इस अवसर पर नागरिक सुरक्षा के अंशकालीन प्रशिक्षक पवन भूत, फायरमैन गोपालसिंह एवं नागरिक सुरक्षा स्वयं सेवक हीराराम, ओमप्रकाश, दिग्विजय सिंह द्वारा आग पर नियंत्रण पाने के तरीकों का प्रायोगिक रूप से प्रदर्शन किया गया तथा अग्निशमन यन्त्रों के बारे में जानकारी देकर उनके उपयोग संबंधी जानकारी दी गई। उन्होने आपदा मे फसे लोगों को किस प्रकार रेस्क्यू किया जावे, जिसके विभिन्न तरीके यथा रेस्क्यू क्रोल, फायरमैन लिफ्ट, हैण्ड सीट, स्टेªचर आदि का उपयोग कर सिखाया गया। साथ ही आगजनी एवं भूकम्प से बचाव हेतु तत्कालीन परिस्थितियों में क्या करना चाहिए इसे डेमो करवाकर सिखाया गया। इस दौरान उन्होने जीवन को स्वस्थ एवं सुरक्षित रखने के लिए नशामुक्ति, यातायात नियमों का पालना, हेल्मेट का उपयोग तथा स्वच्छता जैसे सामाजिक सरोकारों हेतु प्रेरित किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान परिवहन विभाग के सौजन्य से उपलब्ध कराये गये यातायात नियमों के पेम्पलेट वितरित किए गए।





अमृता हाट को आयोजन 27 दिसम्बर से, स्थानीय उत्पादों का होगा प्रदर्शन


                बाड़मेर, 05 दिसंबर। जिला मुख्यालय पर 27 से 31 दिसम्बर तक स्थानीय हाई स्कूल मैदान में अंमृता हाट मेले का आयोजन किया जाएगा जिसमें स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों का प्रदर्शन तथा विक्रय किया जाएगा। जिला कलक्टर अंशदीप ने इस मेले में बाड़मेर जिले की कला एवं संस्कृति पर आधारित उत्पादों को विशेष कर प्रचारित करने के निर्देश दिए।
                जिला स्तरीय हाट आयोजन समिति की गुरूवार को आयोजित बैठक में जिला कलक्टर अंशदीप ने आयोजन की तैयारियों की संक्षिप्त समीक्षा की तथा संबंधित विभागों को आवश्यक तैयारियों के निर्देश दिए। उन्होने बताया कि पिछले दो आयोजनों के मद्देनजर पूर्व के स्थल को ही सर्वाधिक उपर्युक्त होने के कारण यहां अमृता हाट की तैयारी समय रहते पूर्ण कर दी जाए। उन्होने आयोजन से पूर्व बाड़मेर में कार्यरत कैयर्न, राजवेस्ट समेत संलग्न निजी कम्पनीयों तथा सुरक्षा बलों के कार्मिकों को निमन्त्रण तथा उनकी भागीदारी सुनिश्चित की जाए ताकि वे थार की कला एवं संस्कृति से रूबरू हो सके। साथ ही यहां के उत्पादों से परिचित हो सके। उन्होने विशेषकर बाड़मेर की दस्तकारी, हस्तशिल्प तथा खानपान पर आधारित उत्पादों को प्रदर्शित करने एवं इनमें विशेषज्ञ समुहों को आमन्त्रित करने को कहा।
                बैठक में जिला कलक्टर ने अमृता हाट के दौरान आयोजन स्थल पर कानून एवं व्यवस्था तथा अन्य बुनियादी सुविधाओं की सुनिश्चितता की हिदायत दी। साथ ही संबंधित विभागों को इस बारे में समय रहते प्रबन्ध के निर्देश दिए। उन्होने भाग लेने वाले समूहों विशेषकर महिलाओं के संबंध में आवास व्यवस्था, चिकित्सा व्यवस्था एवं सुरक्षा व्यवस्था के जरूरी उपायों के निर्देश दिए।
                इससे पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहनदान रतनू ने बताया कि अमृता हाट मेले में बड़ी संख्या में स्वयं सहायता समूह भाग लेंगे इसलिए इसका व्यापक प्रचार प्रसार करने एवं अन्य संबंधित विभागों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाये। बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की उप निदेशक श्रीमती सती चौधरी, महिला अधिकारिता विभाग के उप निदेशक प्रहलादसिंह राजपुरोहित, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कमलेश चौधरी, नगर परिषद आयुक्त पवन मीणा, जिला रसद अधिकारी अश्वनी गुर्जर समेत संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।


सिणधरी चौराहा नो पार्किंग जोन, यात्री बसों के ठहराव पर पाबन्दी


यातायात प्रबन्धन समिति की बैठक

                बाड़मेर, 05 दिसम्बर। जिला मुख्यालय पर यात्री वाहनों रोडवेज तथा निजी बसों के ठहराव तथा यात्रियों की भीड़भाड के मद्देनजर सिणधरी चौराहा क्षेत्र को पूर्णतः नो पार्किग जोन घोषित किया गया है। यहां पर बसे रूककर यातायात में बाधा नहीं डाल पाएगी। जिला कलक्टर अंशदीप ने इस निर्णय की कडाई से पालना कराने की हिदायत दी है।
                वह गुरूवार को जिला यातायात प्रबन्धन समिति की बैठक में जिले में सुगम तथा सुचारू यातायात व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में विधायक शिव अमीन खां, अतिरिक्त जिला कलक्टर राकेश कुमार शर्मा, जिला परिवहन अधिकारी बाड़मेर नितिन बोहरा, बालोतरा भगवानदास चितारा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कमलेश चौधरी, अधीक्षण अभियन्ता सानिवि हरिकृष्ण, परियोजना निदेशक राष्ट्रीय राजमार्ग वी.एस. मील समेत विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। इस मौके पर जिला कलक्टर ने बताया कि पूर्व में सिणधरी चौराहे पर ऑवरब्रिज के नीचे सर्विस लाईन पर यात्री बसो के जमावड़े की शिकायते मिली थी इसलिए यहां सुगम यातायात के मद्देनजर नो पार्किग जोन घोषित कर इसका बोर्ड लगाने तथा कडाई से पालना करने की जरूरत है। उन्होने पुलिस तथा परिवहन विभाग के अधिकारियों को इसे सख्ती से अमल में लाने के निर्देश दिए।
                इस अवसर पर जिला कलक्टर ने लोक परिवहन बसों के ठहराव स्थल के निर्धारण के लिये एक सब कमेटी बनाने के निर्देश दिए। इसमें जिला परिवहन अधिकारी, नगर परिषद आयुक्त, रोडवेज प्रबन्धक तथा राष्ट्रीय राजमार्ग के प्रतिनिधि को शामिल करने को कहा। यह समिति जिला मुख्यालय पर स्थित सभी उपर्युक्त स्थानों का भौतिक रूप से निरीक्षण कर प्रस्तावित स्थलों की विस्तृत रिपोर्ट देगी। जिसके आधार पर लोक परिवहन बसों का स्टेण्ड का निर्धारण किया जाएगा।
                जिला कलक्टर ने जिला मुख्यालय पर वेडिंग जोनों के निर्धारण के संबंध में नगर परिषद आयुक्त को निर्देश दिए कि वे निर्धारित स्थानों पर पीली लाइन से चिन्हिकरण करवाकर वहां पर वेडिंग जोन का बोर्ड लगाए तथा यह सुनिश्चित करे कि यहां निर्धारित स्थल पर ही ठेले वाले तथा खोमचे आदि वेंडर खडे रहें। बैठक में कवास ग्राम के ओवर ब्रिज के नीचे पानी की निकासी के संबंध में ग्राम पंचायत द्वारा निर्मित नाले के उपयोग हेतु एनएचएआई के परियोजना निदेशक द्वारा समस्या का समाधान किये जाने की जानकारी देने पर मामले को निस्तारण किया गया। इसी तरह धोरीमना कस्बे के ब्रिज के नीचे सर्विस लाईनों पर निजी बसों के जमावडे के मद्देनजर जिला कलक्टर ने उपखण्ड अधिकारी को कस्बे में पूर्व में निर्मित बस स्टेण्ड से बसों के संचालन के बारे में वस्तुस्थिति की तथ्यात्मक रिपोर्ट प्रेषित करने को कहा। इसी प्रकार हाईवे के दोनों तरफ लगवाए गए पौधों के संबंध में जिला कलक्टर ने उनकी संख्या तथा उतरजीवितता के संबंध में वन विभाग से जॉच कराने को कहा गया। बाडमेर, शिव, धोरीमना आदि क्षेत्रों के हाईवे पर लगाई गई रोड लाईटों के संबंध में आयुक्त नगर परिषद एवं उपखण्ड अधिकारी बाडमेर को जॉच करने के निर्देश दिए गए।
                इस मौके पर विधायक शिव अमीन खां ने कहा कि निजी बसों द्वारा अवैध रूप से नियमों का उल्लंधन कर यात्रियों की जान जोखिम में डाली जाती है इसलिए उनके विरूद्ध समय समय पर धडपकड अभियान चलाकर कार्यवाही की जाए। साथ ही रोडवेज जो कि राजकीय उपक्रम है, को राजकीय संरक्षण मिलना चाहिए ताकि जन सुविधा एवं आमजन सुरक्षित यात्रा कर सके।
                बैठक में पुलिस उप अधीक्षक विजयसिंह, एनएचएआई के परियोजना निदेशक वी.एस. मील, सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियन्ता हरिकृष्ण, नगर परिषद आयुक्त पवन मीणा, जिला परिवहन अधिकारी नितिन बोहरा, भगवानदास चितारा सहित विभिन्न विभागीय अधिकारी उपस्थित रहें।





अस्वीकार भुगतान चार दिन में एवं शौचालयों का भुगतान 15 दिसंबर तक करने के निर्देश


भुगतान के लिए संबंधित क्षेत्रों में शिविरों का आयोजन करने के निर्देश

                बाड़मेर, 05 दिसंबर। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश्वर सिंह ने स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत शौचालयों निर्माण के भुगतान समय पर करने के निर्देश दिए है। उन्हांेने महात्मा गांधी नरेगा योजना के अस्वीकार भुगतान चार दिवस एवं शौचालयों निर्माण का भुगतान 15 दिसंबर तक करने के निर्देश दिए है। अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश्वर सिंह ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए मुख्य कार्यकारी अधिकारियांे एवं विकास अधिकारियांे को इसकी पालना नहीं करने पर संबंधित के खिलाफ सख्त कार्यवाही की चेतावनी दी।
                अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश्वर सिंह ने कहा कि जिन पंचायत समितियांे में रिजेक्ट भुगतान की स्थिति कमजोर है, उस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने सभी मुख्य कार्यकारी अधिकारियों एवं विकास अधिकारियों को निर्देश दिए कि भुगतान के लिए अपने-अपने क्षेत्रों में टीम गठित कर शिविरों का आयोजन करें। जिनका भुगतान नहीं हुआ है उन्हें तत्काल कार्यवाही कर भुगतान करवाना सुनिश्चित करें। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण निदेशक पी.सी.किशन ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन में शौचालय निर्माण में अभी तक भुगतान के संबंध में विकास अधिकारियों को पूर्व की वीसी में दिए गए निर्देशांे की पालना अभी तक नहीं हुई है। उन्हांेेने विकास अधिकारियांे को कार्य शैली मंे सुधार लाने के निर्देश दिए। उन्हांेने मनरेगा योजना के अस्वीकार भुगतान में बांरा, भरतपुर, जालौर, पाली एवं श्रीगंगानगर जिलों की अच्छी प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि इन अधिकारियों ने जिस प्रकार टीम गठित कर लक्ष्य अर्जित किया है, उसी तरह अन्य अधिकारी भी ग्रामीण क्षेत्रों में टीम गठित कर भुगतान कर गरीब मजदूरों के प्रति संवेदनशील बनें।

50 प्रतिशत राशि जमा कराने पर कनेक्शन पुनः जोड़े जा सकेंगे


किसानों के बकाया बिजली बिलों के भुगतान के लिए सरलीकृत स्वीकृत योजना

                बाड़मेर, 05 दिसंबर। किसानों को राहत पहुंचाने की दृष्टि से राज्य सरकार ने रेगुलर किसानों के बकाया बिजली बिलों के भुगतान के लिए सरलीकृत स्वीकृत योजना आरम्भ की है।
                बाड़मेर जिले के प्रभारी एवं ऊर्जा मंत्री डॉ. बी.डी कल्ला ने बताया कि यदि किसान बकाया राशि की 50 प्रतिशत राशि जमा करा दें , तो जिन किसानों के कनेक्शन कट गए हैं उन्हें वापस जोड़ दिए जाएंगे। साथ ही शेष राशि आगामी समान मासिक किस्तों में मार्च 2020 तक जमा कराई जा सकेगी। उन्होंने बताया कि किसानों को राहत पहुंचाने के लिए सरकार ने फैसला किया है कि रेगुलर कृषि उपभोक्ताओं के अलावा ऐसे कृषि उपभोक्ता जिनका विद्युत संबंध 1 अप्रैल 2019 के बाद विच्छेदित कर दिया गया है। वे भी इस योजना का लाभ लेकर नियमानुसार कनेक्शन पुनः जुड़वा सकते हैं।

31 जनवरी 2020 तक बकाया राशि एक मुश्त जमा करवाने पर ब्याज में पेनल्टी में शत-प्रतिशत छूट


एमनेस्टी योजना : किसानों को राहत

                बाड़मेर, 05 दिसंबर। विद्युत वितरण निगमों की ओर से 31 मार्च 2019 से पूर्व कटे हुए सभी श्रेणी के विद्युत कनेक्शन के उपभोक्ताओं से बिजली की बकाया राशि की वसूली के लिए एमनेस्टी योजना लागू की गई है। योजना के तहत 31 जनवरी 2020 तक बकाया राशि एकमुश्त जमा करवाने पर ब्याज में पेनल्टी में शत-प्रतिशत छूट दी जाएगी।
                बाड़मेर जिले के प्रभारी एवं ऊर्जा मंत्री डॉं.बी.डी. कल्ला ने बताया कि एमनेस्टी योजना सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए 1 दिसंबर 2019 से 31 जनवरी 2020 तक की अवधि के लिए लागू रहेगी। इस योजना का लाभ केवल ऐसे उपभोक्ताओं को ही मिलेगा, जिन्होंने गत 3 वर्षों में इस तरह की योजनाओं का लाभ नहीं लिया है। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि इस योजना का लाभ उठाने के लिए सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं को संबंधित सहायक अभियंता एवं वृहद औद्योगिक श्रेणी के उपभोक्ताओं को वरिष्ठ लेखाधिकारी मुख्यालय अथवा बिल्डिंग अथॉरिटी को निर्धारित प्रपत्र में आवेदन करना होगा। मूल बकाया राशि के एकमुश्त भुगतान करने पर ही एलपीएस डीपीएस ब्याज की 7 प्रतिशत छूट देय होगी। डॉ. कल्ला ने बताया कि कृषि श्रेणी में कटे कनेक्शन कृषि नीति के प्रावधानों के अनुसार एवं अन्य श्रेणियों के कनेक्शनों को निगमों के नियमों के अनुसार ही पुनः जोड़ा जा सकेगा। कटे हुए कनेक्शन के उपभोक्ता पूर्ण मूल बकाया राशि उन्हें कनेक्शन शुल्क एवं सुरक्षा राशि एवं पुनः कनेक्शन के लिए आवश्यक होने पर इलेक्ट्रिकल इंफ्रास्ट्रक्चर की लागत जमा कराने पर अपने कटे हुए कनेक्शन को पुनः जुड़वा सकते हैं। ऐसे उपभोक्ता जिनके बकाया राशि से संबंधित प्रकरण न्यायालय में लंबित हैं और वे इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो उनको पूर्ण मूल्य बकाया राशि जमा कराने और प्रकरण को 1 माह की अवधि में वापस लेने की अंडरटेकिंग प्रस्तुत करनी होगी। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि एमनेस्टी योजना के प्रावधानों के अनुसार बिजली चोरी से संबंधित बकाया राशि पर इस योजना के तहत छूट नहीं मिलेगी। उन्होंने बताया कि मूल बकाया राशि के विवादित प्रकरणों के समाधान के लिए उपभोक्ताओं को सेटेलमेंट फॉर्म में जाकर सेटलमेंट फॉर्म के निर्णय को स्वीकार करने और कोर्ट केस को वापस लेने की स्वीकृति देने पर ही एमनेस्टी योजना का लाभ मिलेगा।

लोकसभा आम चुनाव को लेकर 24 से 26 अप्रैल तक सूखा दिवस घोषित

बाड़मेर, 26 मार्च। आबकारी विभाग के संयुक्त शासन सचिव के निर्देशानुसार लोकसभा आम चुनाव 2024 के परिपेक्ष्य में सम्पूर्ण बाड़मेर व बालोतरा जिले म...