बुधवार, 15 अप्रैल 2020

16 हजार से अधिक लाइव जुड़े लोग, ऑनलाइन पठन -पाठन को और अधिक प्रभावी किया जाएगा - शिक्षा मंत्री


फेसबुक लाइव से शिक्षा मंत्री ने किया संवाद

बाड़मेर, 15 अप्रैल। शिक्षा राज्य मंत्री श्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने अभिभावकों से आह्वान किया है कि वे लॉकडाउन की पालना करें और सरकार द्वारा इस संबंध में समय-समय पर जारी निर्देशों की पूर्ण पालना करें। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग ने प्रोजेक्ट स्माइल के अंतर्गत 20 हजार अभिभावकों के ग्रुप बनाकर कक्षा 1 से 12 तक की पठन-पाठन सामग्री प्रतिदिन व्हाट्सएप के जरिये भेजे जाने की व्यवस्था की है। राज्य के शिक्षा अधिकारी, शिक्षक व्हाट्सएप से जुडे ऑनलाइन घर पर ही विद्यार्थियों की शिक्षा सतत जारी रखने को प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि घर बैठे ऑनलाइन पढ़ाई और अधिक प्रभावी हो, इसके लिए राज्य सरकार निरन्तर अपने स्तर पर प्रयास कर रही है। उन्होंने केंद्र सरकार से भी अपील की कि वह राज्यों को ऑनलाइन शिक्षा घर बैठे उपलब्ध कराने के लिए आर्थिक सहयोग करे।
श्री डोटासरा बुधवार को फेसबुक लाइव के जरिये कोरोनाकाल में शिक्षा विभागीय तैयारियों और किये जा रहे कार्यों पर चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कोरोना वारियर्स के रूप में काम कर रहे शिक्षा विभाग के अधिकारियों, शिक्षकों की सराहना की तथा कहा कि विभाग के अधिकारी, कर्मचारी, शिक्षक विभिन्न स्तरों पर इस समय में जिला प्रशासन को अपनी सेवाएं दे रहे हैं और व्यक्तिगत भी आम जन के हितार्थ जो कार्य कर रहे हैं, वह अनुकरणीय हैं। उन्होंने ऐसे सभी शिक्षकों का अभिनंदन करते हुए उन्हें प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में राजस्थान कोरोना से पूर्ण सतर्क और सुरक्षित है। मुख्यमंत्री का प्रयास है कि प्रदेश में इस संकट के समय कम से कम हानि हो और जल्द से जल्द कोरोना पर हम विजय प्राप्त करें। उन्होंने आम जन से भी मास्क पहन कर रहने, सोशल डिस्टेंस बनाये रखने, घरों में ही रहने और साबुन से निरन्तर हाथ धोने आदि की पालना कर कोरोना से बचाव पर जोर दिया।
श्री डोटासरा ने कहा कि निजी विद्यालय तीन महीने की फीस देने का दबाव अभिभावकों पर नहीं डाले। फीस नहीं देने की स्थिति में भी यह सुनिश्चित करे कि बच्चों की पढ़ाई में किसी प्रकार का व्यवधान नहीं हो। इसकी पालना नहीं करने वाले शिक्षण संस्थानों पर सरकार कार्यवाही करेगी। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि कोचिंग संस्थाओं से भी वह आग्रह कर रहे हैं कि ऑनलाइन में पढ़ाई की व्यवस्था सुनिश्चित करे।
शिक्षा मंत्री श्री डोटासरा से फेसबुक लाइव के अंतर्गत बुधवार को 16 हजार से अधिक लोग सीधे जुड़े। इस दौरान 53 हजार से अधिक कमेंट आये। शिक्षा राज्य मंत्री ने कमेंट के जवाब लाइव भी दिए तथा कहा कि वह सोशल मीडिया, ईमेल, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिये भी लोगों से जुड़ कर शिक्षा विभाग से संबंधित प्रश्नों का समाधान करते रहेंगे। उन्होंने कहा यह राज्य सरकार लोगों के साथ है, बच्चे राज्य और देश का भविष्य हैं, उनकी स्माइल हम सभी मिलकर बरकरार रखें। उन्होंने लोगों को घर पर रहने, सुरक्षित रहने का आह्वान किया।  
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मुख्यमंत्री की किसानों को बड़ी राहत, मिलेंगे मुफ्त बीज


बाड़मेर, 15 अप्रैल। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के लाखों किसानों को कोरोना संकट के दौर में बड़ी राहत देते हुए खरीफ सीजन 2020 के लिए मक्का और बाजरा के प्रमाणित बीज निःशुल्क उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। श्री गहलोत ने इसके लिए राजस्थान राज्य बीज निगम लिमिटेड द्वारा राष्ट्रीय बीज निगम से प्रमाणित बीजों की खरीद के प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया है।
वित्त विभाग के प्रस्ताव के अनुसार, खरीफ सीजन के दौरान प्रदेश के अनुसूचित जनजाति क्षेत्र में 5 लाख किसानों को मक्का के प्रमाणित बीज के 5 किलोग्राम के मिनीकिट और सभी बाजरा उत्पादक जिलों के 10 लाख किसानों को 1.5 किलोग्राम के बाजरा के प्रमाणित बीज के मिनीकिट निःशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने राज्य बीज निगम को राष्ट्रीय बीज निगम से खरीफ सीजन 2020 के लिए सोयाबीन के 26 हजार क्विंटल प्रमाणित बीज और 14 हजार क्विंटल सोयाबीन के आधार बीज की खरीद के लिए भी स्वीकृति दे दी है।
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आपदा की घड़ी में निजी अस्पतालों को अपनी जिम्मेदारी निभाने का आह्वान


बाड़मेर, 15 अप्रेल। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि कोरोना जैसी महामारी के बीच प्रदेश के निजी अस्पतालों को अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभानी होगी। उन्होंने कहा कि मरीजों का इलाज नहीं करने वाले कुछ निजी अस्पतालों को आज नोटिस दिया गया है। डॉ. शर्मा ने कहा कि प्रदेश के कई हिस्सों से यह बात सामने आई थी कि कुछ निजी अस्पताल मरीजों के इलाज में असमर्थता दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा कि निजी हो या सरकारी, सभी अस्पतालों में आने वाले मरीजों के उपचार को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। मरीजों का उचित उपचार उनकी जिम्मेदारी है, सरकार यह सुनिश्चित भी करेगी।
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि कोरोना के कुचक्र को तोड़ने में सैंपलिंग की अहम भूमिका है। जितने ज्यादा सैंपल लिए जाएंगे उतने की वास्तविक केस सामने आएंगे और हम समय रहते ऐसे लोगों का उपचार कर कोरोना को कम्यूनिटी स्प्रेड होने से रोक पाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब तक लगभग 35000 सैंपल लिए जा चुके हैं। अधिकारियों से बात कर क्वारेंटाइन और आइसोलेशन की सुविधा और बढ़ाने पर विभाग काम कर रहा है।
उन्होंने कहा कि जयपुर सहित राज्य की सभी मेडिकल कॉलेजों में 3000 जांचें प्रतिदिन की जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जयपुर सहित कुछ जिलों को छोड़कर कहीं भी पॉजीटिव केसेज के बढ़ने की सूचना नहीं है। उन्होंने कहा कि अब तक 147 लोग पॉजीटिव से नेगेटिव हुए हैं, जिनमें से 74 को डिस्चार्ज भी कर दिया गया है। स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है।
डॉ. रघु नेे कहा कि सरकार आमजन के लिए घर-घर जाकर सूखी भोजन सामग्री और खाने के पैकेट पहुंचा रही है। क्षेत्र में कोरोना के प्रकोप को कम करने के लिए हॉट स्पॉट चिन्हित कर क्लस्टर बेस्ड और कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग बेस्ड दोनों तरह के सैंपल लिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि रामंगज में 418 सैंपल में से 345 सैंपल पॉजीटिव आए हैं।
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डोर-टू-डोर वितरित हो रही राशन सामग्री

बाड़मेर, 15 अप्रैल। जिले में लॉक डाउन की अवधि के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को तत्परता पूर्वक राशन सामग्री मुहैया कराने तथा समाजिक दूरी के निर्देशों की पूर्ण पालना के लिए प्रत्येक उचित मुल्य दुकान से राशन सामग्री की होम डिलीवरी की जा रही है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजनान्तर्गत लाभार्थियों को निःशुल्क गेंहू भी होम डिलीवरी से उपलब्ध कराने की व्यवस्था कि गई है।
जिला कलक्टर विश्राम मीणा ने बताया कि लॉक डाउन की अवधि के दौरान जिले की सभी 489 ग्राम पंचायतों में लोगों के लिए उचित मुल्य दुकान से राशन सामग्री की होम डिलीवरी की व्यवस्था संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा की गई है।  उन्होने बताया कि जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत के लिए एक वाहन की व्यवस्था की गई है जिससे वितरण का कार्य त्वरित गति से सम्पादित किया जा सके। इस दौरान ट्रेक्टर ट्रोली अथवा पिकअप वाहन के साथ राशन डीलर, उसका सहायक, वाहन चालक एवं ग्राम पंचायत द्वारा नियुक्त दो कार्मिक साथ रहते है। उन्होने बताया कि राशन सामग्री के वितरण के दौरान सोशन डिस्टेंसिंग के निर्देश दिए गए है। साथ ही समस्त कार्मिकों को मास्क एवं सैनेटाईजर का आवश्यक रूप से उपयोग करने हेतु पाबंद भी किया गया है।
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बिना अनुमति मुख्यालय छोड़ने वाले बीडीओं के निलम्बन की अनुशंसा


बाड़मेर, 15 अप्रैल। जिला कलक्टर विश्राम मीणा ने लॉक डाउन के दौरान बिना अनुमति मुख्यालय छोड़ कोरोना संवेदनशील क्षेत्र जैसलमेर एवं पोकरण की यात्रा कर लौटने वाले गडरारोड पंचायत समिति के विकास अधिकारी गणपत लाल सुथार को निलम्बित करने की अभिशंसा की है।
जिला कलक्टर विश्राम मीणा ने बताया कि गडरारोड़ पंचायत समिति के विकास अधिकारी गणपत लाल सुथार ने 3 अप्रैल को बिना सक्षम स्तर अनुमति के मुख्यालय छोडकर जैसलमेर एवं पोकरण स्थित अपने गांव की यात्रा की तथा 7 अप्रैल की सुबह पुनः गडरारोड लौट आए। उन्होने बताया कि जैसलमैर जिले में पोकरण संक्रमण के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्र है। विकास अधिकारी संक्रमित क्षेत्र यात्रा पश्चात लौटे परन्तु अपनी स्क्रीनिंग नहीं करवाई और न ही क्वारेंटाईन में रहे।
जिला कलक्टर ने बताया कि उक्त लापरवाही के लिए संबंधित विकास अधिकारी को 12 अप्रैल को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, जिसका जवाब उन्होने अब तक नहीं दिया है। उन्होने बताया कि विकास अधिकारी जैसे महत्वपूर्ण औहदे पर रहते हुए इस प्रकार कोरोना महामारी के समय लापरवाही बरतना स्वीकार्य नहीं है। जिला कलक्टर मीणा द्वारा निदेशक एवं विशिष्ट शासन सचिव, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग राजस्थान जयपुर को उक्त विकास अधिकारी के विरूद्व सख्त कार्यवाही करते हुए तत्काल निलम्बित करने अथवा एपीओ करने की अनुशंषा प्रेषित की गई है।
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जोधपुर डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक ने लॉकडाउन के तहत विद्युत उपभोक्ताओं को राहत पहुंचाने के निर्देश दिए, मुख्यमंत्री के निर्णय की पालना में दिए निर्देश

बाडमेर, 15 अप्रैल। जोधपुर डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक अविनाश सिंघवी ने लॉकडाउन की विषम परिस्थितियों में विद्युत उपभोक्ताओं को राहत पहुुंचाने के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा लिए गए निर्णयों की पालना के डिस्कॉम अधिकारियों को निर्देश जारी किए है।
प्रबंध निदेशक ने लॉक डाउन के तहत आपातकालीन सेवाओं को सुचारू बनाए रखने के लिए विद्युत वितरण निगम जोधपुर 24 घंटे सेवारत है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा उपभोक्ताओं के लिए जो निर्णय लिए गए उनकी शत प्रतिशत पालना के निर्देश दिए गए है। प्रबंध निदेशक ने कहा कि कोरोना के संक्रमण के खतरे को देखते हुए कर्मचारियों को मीटर रीडिंग के लिए भेजना संभव नहीं है, माह अप्रैल 2020 में सभी उपभोक्ताओं को औसत के आधार पर प्रोविजनल बिल जारी किए जा रहें है, जिनके उपयोग, बिल राशि का समायोजन मीटर रीडिंग उपलब्ध होने पर कर दिया जाएगा।
उन्होने बताया कि कृषि उपभोक्ताओं के मार्च 2020 में जारी बिल अप्रैल व मई 2020 में जारी होने वाले बिल की राशि का भुगतान 31 मई 2020 तक स्थगित किया गया है। 31 मई तक भुगतान न करने पर कोई विलम्ब शुल्क नहीं लगेगा, न कनेक्शन काटा जाएगा।
प्रबंध निदेशक ने बताया कि घरेलू श्रेणी के 150 युनिट माह तक उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं के उपयोग माह मार्च-अप्रैल के बिल जो क्रमशरू अप्रैल व मई माह में जारी होंगे उनकी राशि का भुगतान 31 मई 2020 तक स्थगित रहेगा। न तो अवधि के बिलों की राशि 31 मई 2020 तक भुगतान न करने पर कोई विलम्ब शुल्क नहीं लगेगा न ही कनेक्शन कटेगा। उन्होंने बताया कि 150 युनिट माह में अधिक उपभोग वाले उपभोक्त के बिल की राशि में यह छुट नहीं होगी।
प्रबंध निदेशक ने बताया कि लॉकडाउन से मुक्त औद्योगिक व व्यावसायिक (अघरेलू) प्रतिष्ठानों को छोड़कर शेष सभी औद्योगिक व्यावसायिक (अघरेलू) प्रतिष्ठानों के बिल में स्थाई शुल्क की राशि का भुगतान लॉकडाउन अवधि के अनुपात में 31 मई 2020 तक स्थागित रहेगा, यह स्थगित (डेफर्ड) की राशि बिल में अंकित तो होगी, परंतु देय राशि में शामिल नहीं होगी।
प्रबंध निदेशक ने बताया कि कृषि व अघरेलू उपभोक्ता द्वारा माह अप्रैल व मई के बिलों की जितनी राशि का भुगतान माह अप्रैल व मई में जमा करवाया जाएगा उतनी राशि पर 5 प्रतिशत छुट आगामी माह के बिल में समायोजित हो जाएगी। उन्होनें बताया कि एमनेस्टी योजना में कृषि व घरेलू उपभोक्ता जिनमें कनेक्शन 31 मार्च 2019 से पूर्व कटे हुए है, उनके लिए एमनेस्टी योजना 30 जून 2020 तक बढ़ा दी गई है। ऐसे उपभोक्ता बिना ब्याज व बिना विलंब शुल्क मूल राशि ऑनलाइन नेट बैंकिग, पेटीएम, अजेजन-पे, जेडीवीवीएनएल कंजूमर एप, बिल डेस्क आदि द्वारा जमा करा सकते है या भुगतान योग्य राशि सहायक अभियंता कार्यालय में दे सकते है।
उपभोक्ताओं को यह सुविधा -
प्रबंध निदेशक ने बताया कि विद्युत कर्मचारियों द्वारा मीटर पठन व वितरण के लिए लॉकडाउन के चलते उपभोक्ता के यहां जाना संभव नहीं हो सकेगा, इससे बिल औसत के आधार पर बना कर ऑनलाइन, एसएमएस से भेजे जाएंगे, जबकि प्रिंटेड प्रति संबंधित एईएन कार्यालय में उपलब्ध रहेगा या निकटतम सब स्टेशन पर रखवा दी जाएगी। इन्होंने बताया कि उपभोक्ता को विकल्प होगा कि वह अपने मीटर की फोटो मय के नंबर खींच कर अपने जोन के संबंधित वरिष्ठ लेखाधिकारी को ई-मेल आईडी या मोबाइल नंबर पर भेजना चाहे तो बिल मीटर रीडिंग के आधार पर बन या ठीक कर भेज दिया जाएगा। उन्होंने बताय कि बाड़मेर जोन ई-मेल sraobmz@gmail.com मे व मोबाइल नं. 9414031579 पर भेज सकते है। उन्होंनें बताया कि उपभोक्ता जेडीवीवीएनएल कंजूमर एप डाउनलोड कर बिल देख सकते है। डुप्लीकेट कॉपी निकाल सकते है, बिल का भुगतान कर सकते है। 
उन्होंने बताया कि उपभोक्ता जिनके फोन नंबर, ईमेल आईडी विद्युत निगम में रजिस्टर्ड है उन्हें एसएमएस, ईमेल भी भेजा जाएगा। जिसमें बिल की राशि से संबंधित जानकारी उपलब्ध होगी। उपभोक्ता सेवा केंद्र टोल फ्री नं. 18001806045 या 1920 या 0291-2741912 पर कॉल करके भी अपने बिल की राशि जान सकता है व किसी प्रकार की विद्युत संबंधी  कर सकता है। उपभोक्ता अपने मोबाइल नंबर एवं ईमेल आईडी https://bit.ly/3a48mie पर अपडेट कर सकते है व उक्त लिंक पर ईमेल पर आईडी व मोबाइल नंबर होने पर बिल से संबंधित जानकारी ई-मेल व मोबाइल पर भेज दी जाएगी।
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प्रवासी श्रमिकों के लिए प्रशासन बना सहारा


बाडमेर, 15 अप्रेल। जिले में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए लॉकडाउन के मद्देनजर बेघर एवं बेसहारा लोगों तथा प्रवासी मजदूरों के लिए जिला प्रशासन द्वारा खोले गये 22 आश्रय स्थल वरदान साबित हो रहे है।
जिला कलक्टर विश्राम मीणा ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान बेघर, बेसहारा एवं प्रवासी मजदूरों के जिला प्रशासन द्वारा जिला एवं तहसील मुख्यालयों पर आश्रय स्थल खोले गए है, जहां प्रशासन द्वारा खाना, पानी एवं सभी मूलभूत सुविधाएं मुहैया करायी जा रही है। कोई भी बेसहारा अथवा प्रवासी मजदूर इन आश्रय स्थलों में रूक सकता है। जिले में वर्तमान में 6 आश्रय स्थलों में कुल 157 बेसहारा लोग एवं प्रवासी मजदूर शरण लिये हुए है। उन्होने बताया कि वर्तमान में बाडमेर में महावीर टाउन हॉल एवं ग्राम पंचायत खारिया तला में संचालित आश्रय स्थलों में कुल 34, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय खानजी का तला एवं राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बायतु पनजी में कुल 65, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बालोतरा में 27 एवं राजकीय माध्यमिक विद्यालय नवोडा बेरा महादेव नगर समदडी स्टेशन में 31 बेसहारा एवं प्रवासी मजदूरों ठहरे हुए है। उन्होने बताया कि जिले में 22 आश्रय स्थलों में कुल 2025 प्रवासियों के लिए ठहरने की व्यवस्था की गई है। उन्होने बताया कि आश्रय स्थलों में लॉकडाउन के दौरान प्रवासियों को आने वाली समस्याओं के निराकरण एवं प्रवासियों के समुचित भोजन की व्यवस्था की जा रही है।
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बिना सक्षम अनुमति मुख्यालय छोडा, अब आयुर्वेद विभाग के उप निदेशक को नोटिस


बाड़मेर,15 अप्रैल। सक्षम अधिकारी की अनुमति प्राप्त किये बिना मुख्यालय छोड़ने पर आयुर्वेद विभाग के उप निदेशक सुरेश कुमार शर्मा को कारण बताओं नोटिस जारी कर तीन दिवस के भीतर जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए है।
जिला कलक्टर विश्राम मीणा ने बताया कि वर्तमान में कोरोना वायरस से लोगों की जीवन रक्षा के लिए प्रदेश में लॉकडाउन की स्थिति बनी हुई है। उप निदेशक 14 अप्रेल को अपने मुख्यालय पर नहीं पाए गए, इस संबंध में तहसीलदार शिव से प्राप्त रिपोर्ट अनुसार उप निदेशक गांव उण्डू में अपने निवास पर मरीजों को देख रहे थे जबकि राज्य सरकार द्वारा कोरोना वायरस की रोकथाम हेतु लगाये गये लॉकडाउन के दौरान किसी भी अधिकारी एवं कर्मचारी को मुख्यालय छोडने की अनुमति नहीं है। कोरोना वायरस से बचाव के मद्देनजर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग जयपुर के आदेशानुसार समस्त आयुर्वेद, होम्योपैथी एवं यूनानी चिकित्सा अधिकारी एवं नर्स-कम्पाउण्डर की सेवाएं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को सौपी गई है। उक्त आदेश की अनुपालना में उप निदेशक द्वारा आदिनांक तक अपनी उपस्थिति मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पास दर्ज नहीं करवाई गई है।
जिला कलक्टर मीणा ने बताया कि उप निदेशक शर्मा का यह कृत्य राज्य सरकार के आदेशों के विपरीत सक्षम अधिकारी की अनुमति प्राप्त किये बिना मुख्यालय छोडने एवं स्वयं के घर पर रह कर राजकीय डयुटी के बिना सक्षम अनुमति गायब होना तथा अपने घर पर मरीजों को देखना घोर लापरवाही एवं कर्तव्य विमुखता को प्रदर्शित करता हैं। इसके लिए जिला कलक्टर मीणा ने उप निदेशक शर्मा को नोटिस जारी कर तीन दिवस के भीतर जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है कि क्यों नहीं इसके लिए उनके विरूद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल में लाई जावें। निर्धारित अवधि में जवाब प्राप्त नहीं होने की स्थिति में यह मानते हुए कि आपको कुछ नहीं कहना है, नियमानुसार अग्रिम कार्यवाही प्रारम्भ कर दी जाएगी।
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कोविड 19 के मध्यनजर प्रशासन सख्त, मुख्यालय छोडने पर होगी कड़ी कार्यवाही


बाडमेर, 15 अप्रेल। वर्तमान में कोरोना वायरस की रोकथाम के मद्देनजर राज्य सरकार द्वारा समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों के अवकाश एवं मुख्यालय छोडने पर प्रतिबन्ध लगाया गया है।
जिला कलक्टर विश्राम मीणा ने बताया कि ऐसा ध्यान में आया है कि कतिपय जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा सक्षम स्तर से अनुमति प्राप्त किये बिना मुख्यालय छोड़ा जा रहा है, जो वर्तमान स्थिति को देखते हुए कतई उचित नहीं है। उन्होने समस्त जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिए है कि वे भविष्य में जिला कलक्टर की अनुमति प्राप्त किये बिना अथवा अत्यावश्यक होने पर अतिरिक्त जिला कलक्टर की बिना अनुमति अपना मुख्यालय नहीं छोड़ेगे। साथ ही अधीनस्थ अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी पाबन्द किया गया है कि वे संबंधित नियंत्रण अधिकारी से पूर्वानुमति प्राप्त करने के पश्चात् ही अपना मुख्यालय छोडेंगे।
जिला कलक्टर मीणा ने सख्त हिदायत दी है कि आदेश की अवहेलना किये जाने पर संबंधित अधिकारी के विरूद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही के साथ ही कानूनी कार्यवाही भी अमल में लाई जाएगी।
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लोकसभा आम चुनाव को लेकर 24 से 26 अप्रैल तक सूखा दिवस घोषित

बाड़मेर, 26 मार्च। आबकारी विभाग के संयुक्त शासन सचिव के निर्देशानुसार लोकसभा आम चुनाव 2024 के परिपेक्ष्य में सम्पूर्ण बाड़मेर व बालोतरा जिले म...