बाडमेर, 16 जुलाई। सीमान्त क्षेत्र विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत सीमावर्ती जैसिंधर गांव में स्वीकृत सभी अपूर्ण कार्य शीघ्र पूरे कराए जाएंगे। इस संबंध में जिला कलक्टर विश्राम मीणा की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक गुरुवार को आयोजित की गई।
इस मौके पर जिला कलेक्टर मीणा ने कहा कि सीमांत क्षेत्र विकास कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य केंद्र सरकार द्वारा सीमावर्ती क्षेत्रों में आधारभूत संरचनाओं का विकास करना है ताकि अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पर स्थित लोगों के जीवन में सुधार आ सके एवं आवश्यकता पड़ने पर इन संसाधनों का सुरक्षा की दृष्टि से भी उपयोग किया जा सके। इसी के तहत बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर एवं गंगानगर जिलों में अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पर स्थित गांवों में केंद्र द्वारा प्रायोजित इस कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न कार्य करवाई जा रहे हैं।
जिला कलेक्टर ने बी.ए.डी.पी. में शामिल कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति जारी होते ही तुरंत वित्तीय स्वीकृति जारी करने एवं प्रथम किश्त का भुगतान करने के निर्देश दिए। उन्होंने इसमें कौताही बरतने पर जिम्मेदारी नियत कर अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल में लाने को कहा। उन्होंने विशेष रुप से कमजोर प्रगति वाले विभागों को फोकस करते हुए आगामी 3 माह में बकाया कार्य को हर हाल में पूर्ण करने के निर्देश दिए।
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत स्वीकृत कार्यो की प्रत्येक पखवाड़े में समीक्षा की जाएगी तथा निर्धारित लक्ष्य पूर्ण नहीं करने वाले विभागों के अधिकारियों की जिम्मेदारी निर्धारित कर आवश्यक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। उन्होंने सभी विभागों को उनके द्वारा निर्धारित टाइम लाइन के अनुरूप कार्य हर हाल में पूर्ण करने के निर्देश दिए।
इससे पूर्व जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहन दान रतनू ने कार्यक्रम के वर्ष वार बकाया कार्यों की जानकारी कराई। बैठक में उप वन संरक्षक संजय प्रकाश भादू, मुख्य लेखाधिकारी जसराज चौहान, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कमलेश चौधरी समेत संबंधित विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।
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