श्रमिक नियोजन
में राजस्थान देश में पहले पायदान पर काम
बाड़मेर, 28
फरवरी। श्रमिक नियोजन के कार्य में राजस्थान देश में पहले पायदान पर आ गया है।
राज्य सरकार ने महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत 5 जनवरी को प्रारम्भ हुए काम मांगों
विशेष अभियान की उपलब्धियों को ध्यान में रखते हुए अभियान की अवधि 31
मार्च, 2019 तक बढ़ाने का निर्णय लिया है।
ग्रामीण विकास
एवं पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश्वरसिंह ने बताया कि काम मांगो
विशेष अभियान का उद्देश्य रोजगार के लिए इच्छुक परिवारों को काम की मांग के लिए
आवेदन पत्र उपलब्ध कराना एवं भरे हुए आवेदन प्राप्त कर दिनांकित रसीद प्रदान करना, श्रमिकों
के जॉब कार्ड का पंजीकरण, संशोधन,
अपडेशन करना, मनरेगा
योजना के प्रावधानों के अनुसार मजदूरी भुगतान में विलम्ब अथवा काम नहीं मिलने पर
बेरोजगारी भत्ता के प्रावधान की जानकारी देना,
योजनान्तर्गत चल रहे एवं इस वित्तीय
वर्ष में पूर्ण, चल रहे कार्यों पर नागरिक सूचना बोर्ड
निर्धारित मानकों के अनुरूप लगाया जाना तथा प्रत्येक ग्राम पंचायत पर 7
रजिस्टरों का संधारण एवं अपडेशन करना है। उनके मुताबिक मौजूदा सरकार के कार्यग्रहण
करने के दिन 17 दिसम्बर,
2018 को महात्मा गांधी नरेगा में स्वीकृत
कार्यों पर केवल 8.25 लाख श्रमिक नियोजित थे। जबकि वर्तमान में 26
लाख श्रमिक नियोजित हैं अर्थात अभियान अवधि के दौरान कुल 15.33
लाख श्रमिक अधिक नियोजित किए गए हैं। यह संख्या पूरे भारतवर्ष के सभी राज्यों में
सबसे अधिक है। श्रमिक नियोजन में तमिलनाडु 17.97 लाख श्रमिक के साथ द्वितीय स्थान पर तथा
पश्चिम बंगाल 4.10 लाख श्रमिक नियोजन के साथ तीसरे स्थान पर है।
इस अवधि के दौरान 100 दिवस का रोजगार पूर्ण करने वाले परिवारों की
संख्या में 1.35 लाख की वृद्धि हुई है। इसके अलावा समयबद्ध
भुगतान 79 प्रतिशत से बढ़कर 85
प्रतिशत हो गया है तथा सृजित मानव दिवस 1564 लाख से बढ़कर 2352 लाख हो गए हैं। इस अवधि के दौरान 1.49
लाख नए जॉब कार्ड बनाये गये हैं एवं 14.3 लाख अतिरिक्त परिवारों द्वारा कार्य की मांग
की गई है। विभाग की ओर से प्रत्येक ग्राम पंचायत में न्यूनतम एक चारागाह विकास, जलाशय
विकास, श्मशान,
कब्रिस्तान विकास तथा खेल मैदान विकास
का कार्य लिये जाने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।
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