बाड़मेर, 23 अक्टूबर। विधानसभा आम चुनाव 2018 के दौरान आदर्श आचार संहिता की पालना में राजकीय वाहनों का चुनाव प्रचार जैसे
कार्यों में उपयोग नही किया जा सकेगा।
जिला निर्वाचन अधिकारी शिवप्रसाद मदन नकाते ने बताया कि निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार
सरकारी वाहनों को राजनीतिक दलों, अभ्यार्थियों या राजनीतिक व्यक्तियों के जरिए चुनाव प्रचार अभियान में या चुनाव
संबंधी दौरों के लिये पूर्णतया प्रतिबंधित किया गया है। उनके मुताबिक राजकीय वाहनों
के अंतर्गत राज्य सरकार, केन्द्र, राज्य, केन्द्र सरकार के उपक्रम, संयुक्त उपक्रम, स्थानीय निकाय, नगरपालिका संस्थाओं, मार्केटिंग, बोर्ड, सरकारी संस्थाओं और ऐसी अन्य सभी संस्थाओं जिसमें पब्लिक फंड का पूर्णतया या अंशतः
निवेश हो, ऐसे सभी संस्थाओं के वाहन शामिल माने गये है। इन वाहनों में ट्रक, बस, टेम्पों, कार, ओटो रिक्शा, हेलीकॉपटर, एयर क्राफ्ट, नाव आदि सभी प्रकार
के वाहन शामिल है।
जिला निर्वाचन अधिकारी नकाते ने बताया कि चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से चुनाव प्रक्रिया
की समाप्ति तक इन वाहनों की आवाजाही पर निगरानी रखी जाएगी। यदि कोई वाहन किसी अभ्यर्थी
या राजनीतिक दल, कार्यकर्ता, राजनीतिक व्यक्ति की ओर से चुनाव प्रचार के लिए या चुनाव संबंधी दौरो के लिए उपयोग
में लेते हुए पाया गया तो उस वाहन को जिला निर्वाचन अधिकारी की ओर से चुनाव संबंधित
कार्यो के लिए अधिग्रहित कर लिया जाएगा। निगम बोर्डों, आयोग, समितियों के मनोनीत
अध्यक्षों को कार्यालय के वाहन से अपने मुख्यालय पर स्थित आवास से कार्यालय तक ही आने
जाने की अनुमति है। यदि ऐसे वाहन का उपयोग किसी राजनीतिक दल के कार्यालय में आने जाने
के लिए या राजनीतिक बैठकों में आने जाने के लिए किया जाता है या अन्य व्यक्ति जो राजनीतिक
कार्यकर्ताओं को भ्रमण करवाता है, तो वाहन का दुरूपयोग माना जाएगा।
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