शुक्रवार, 24 नवंबर 2017

बाल विवाह की रोकथाम एवं राष्ट्रीय लोक अदालत के प्रचार-प्रसार के लिए मोबाइल वाहन रवाना

                बाड़मेर, 24 नवंबर।  राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष  के निर्देशानुसार बाल विवाह की रोकथाम एवं राष्ट्रीय लोक अदालत के प्रचार-प्रसार के लिए जिला एवं सेशन न्यायाधीश तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष मदन गोपाल व्यास , मोटरवाहन दुर्घटना दावा अधिकरण के न्यायाधीश चक्रवती महेचापारिवारिक न्यायालय बालोतरा के न्यायाधीश बुद्धिप्रकाश छंगाणी, अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश सं.1 एच.एन. सारस्वत , अपर जिला एवं सेषन न्यायाधीश सं.2 बाडमेर सुरेन्द्र खरे, विशिष्ठ न्यायाधीष अनुसूचित जाति,जनजाति बाडमेर अजीज खान, अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट डॉ सिम्पल शर्मा, न्यायिक मजिस्ट्रेट बाडमेर महेन्द्र कुमार टॉक, न्यायिक मजिस्ट्रेट पचपदरा शिवदान चौधरी, न्यायिक मजिस्ट्रेट सिवाना राजेश्वर विश्नोई न्यायिक मजिस्ट्रेट बालोतरा, अंबिका सोलंकी एवं अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट बाड़मेर श्रीमती अनुराधा दाधीच ने विधिक जागरूकता अभियान के तहत मोबाइल वाहन को हरी झंडी दिखाकर न्यायालय परिसर से रवाना किया।
                इस अवसर पर जिला एवं सेशन न्यायाधीश तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष मदन गोपाल व्यास ने कहा कि बाल विवाह करवाने वाले माता-पिता के साथ ही पंडित, हलवाई, टैंट मालिक सहित समारोह में किसी भी तरह से शिरकत करने वाले सभी लोगों को दोषी माना जाता है। ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही एवं सजा के प्रावधानांे के बारे में मोबाइल वाहन के जरिये विस्तृत जानकारी दी जाएगी। उन्हांेने कहा कि कानून में 21 वर्ष के लड़के व 18 वर्ष की लड़की की शादी का प्रावधान है। इससे कम उम्र में शादी करना कानूनी जुर्म है। उन्होंने बाल विवाह के दण्डात्मक प्रावधानों की जानकारी देते हुए कहा कि शादी के कार्ड पर वर-वधू की जन्मतिथि प्रकाषित नहीं करना नाबालिग की शादी में भागीदार बनना माना गया है, जिस पर दो वर्ष की सजा और एक लाख रूपये का आर्थिक दण्ड वसूला जा सकता है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह समाज के लिए कर्क रोग जैसा है, जो समाज को धीरे-धीरे अन्दर ही अन्दर खोखला और कमजोर कर रहा है। उन्हांेने बताया कि बाल विवाह निषेध के प्रति सामाजिक संवेदनशीलता उत्पन्न करने व ग्रामीणों को इसके दुष्परिणामों के प्रति जागरूक करने के लिए 24 नवंबर से 1 दिसंबर तक बाड़मेर एवं चौहटन उपखण्ड़ क्षेत्र में मोबाइल वाहन के जरिए बाल विवाह की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

                अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीष संख्या 1 एवं ताल्लुका विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष एच.एन.सारस्वत ने बताया कि सचल विधिक सेवा केन्द्र एवं मोबाइल वाहन के माध्यम से बाड़मेर एवं चौहटन उपखण्ड के विभिन्न गांवो व ढ़ाणियों का दौरा किया जाएगा। इस दौरान विधिक चेतना अभियान के तहत विधिक साक्षरता षिविरों का आयोजन किया जाकर आमजन को विभिन्न विधिक सेवा कार्यक्रमों की जानकारी प्रदान की जाएगी। उन्हांेने बताया कि मोबाइल वैन 25 नवंबर को शिव, गुंगा, मुंगेरिया, पोषमा, हरसानी, गडरारोड, गागरिया 27 को अजबे का पार, भीलों का पार, सियाई, रामसर, भाचभर, खडीन, हाथमा, जसाई, बाडमेर 28 को लुनाड़ा, बाटाडु, भीमडा, चौखला, राटेल नाडी, सुजाणी, केसुम्बला भाटीयान 29 को सनावर, मांगता, दुधू, लुखू, सीलगन, धोरीमन्ना, 30 को भुणिया, धनाऊ, आलमसर, निम्बला, कापराऊ, चौहटन, चौहटन विरात्रा एवं 1 दिसंबर को ढोक, मानसर, रडवा, कुर्जा, भादरेस, बाडमेर क्षेत्र में पहुॅचकर विधिक साक्षरता षिविरों का आयोजन किया जाएगा। साथ ही आमजन को निःषुल्क कानून की जानकारी एवं पेम्पलैटस बॉटे जाएंगे। उन्हांेने कहा कि बाल विवाह के बारे मंे यदि किसी को जानकारी मिले तो वो इसकी सूचना सम्बन्धित थानाधिकारी, सरपंच, गा्रम सेवक एवं बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी (उपखण्ड मजिस्ट्रेट एवं तहसीलदार) को इसकी सूचना दे सकते है तथा उनकी पहचान गोपनीय रखी जाएगी तथा विवाह में उपस्थित होने से पूर्व वर वधु की उम्र का पता करना चाहिए तथा नाबालिग होने की स्थिति में विवाह में शामिल नहीं होना चाहिए। मोबाइल वाहन के जरिये आयोजित होने वाले षिविरों में महिलाओं के विधिक अधिकार, घरेलू हिंसा मे महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, लोक अदालत, बाल विवाह निषेध, कन्या भ्रुण हत्या, बाल कल्याणकारी योजनाओं एवं वरिष्ठ नागरिकों के कल्याणकारी योजनाओं के बारे में विस्तार से सरल एवं सहज भाषा में आमजन को जानकारियां प्रदान कर लाभान्वित किया जायेगा तथा चलचित्र के माध्यम से ग्राम पंचायत हाल में कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। इस अवसर पर बाडमेर स्थित न्यायिक पीठासीन न्यायिक अधिकारीगण के अलावा विष्णु चौधरी सचिव बार एसोसियेषन बाड़मेर, गणपत गुप्ता अपर लोक अभियोजक बाडमेर, पवनगिरी, पुरूषोत्तम सोलंकी, किरण मंगल, अमित बोहरा पैनल अधिवक्ता, पन्नाराम सुथार, स्वरूपसिंह भदरू ईष्वरसिंह राठौड, प्रतापसिंह, भजनलाल, मोहनलाल पूनड, चन्द्रभान महेचा, रिमाण्ड अधिवक्तागण एवं अन्य अधिवक्तागण एवं न्यायिक कर्मचारीगण मौजूद थे।


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