बुधवार, 16 फ़रवरी 2022

गोवंश के संरक्षण एवं सवंर्धन को राज्य सरकार कृत संकल्प-जैन

 राजस्थान गो सेवा आयोग अध्यक्ष मेवाराम का भव्य स्वागत-अभिनन्दन

बाड़मेर, 16 फरवरी। राजस्थान गोसेवा आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष मेवाराम जैन ने कहा कि राज्य सरकार सदैव गौवंश के संरक्षण एवं सवंर्धन के लिए हर समय तत्पर है। उन्होेने कहा कि गोसेवा आयोग गोपालन विभाग के माध्यम से गौशालाओं को समृधिशाली बनाने में किसी प्रकार की कमी नहीं रहने देगा।
  राज्य गोसेवा आयोग का अध्यक्ष नियुक्त होने के बाद प्रथम बार बाड़मेर आगमन पर जैन का भव्य स्वागत ओर अभिनन्दन किया गया। जैन का जोधपुर से बाड़मेर आगमन पर जगह जगह स्वागत एवं अभिनंदन किया गया। जिला सीमा से लेकर डोली, अराबा, कल्याणपुर, सरवड़ी, चारलाई, पचपदरा, जसोल, नाकोड़ा, बालोतरा, आसोतरा, खेड़, बायतु में बड़ी संख्या में लोग जैन के स्वागत को तत्पर रहे।
    इस दौरान जैन ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनकी गौ सेवा के मध्य नजर उन पर यह विश्वास जताया है, जिस पर वह खरा उतरने का पूरा प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप राज्य में गोवंश के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए आयोग सतत प्रयत्नशील रहेगा एवं अकाल के दौरान गोवंश को बचाने में कहीं भी धन की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी।
  इस मौके पर जैन ने कहा कि वर्तमान में अकाल के हालात में सरकार पशुधन के सरंक्षण को तत्पर हैं। उन्होंने जनप्रतिनिधियों एवं गोशाला संचलको से आहवान किया कि वे पंचायत समिति स्तर पर नन्दी गौशाला संचालन करने के लिए आगे आए। ताकि नन्दी गौशालाओं की स्वीकृति की जा सके। उन्होंने कहा कि पशुधन संरक्षण के लिए राज्य सरकार ने गौशालाओं में छोटे पशुधन के लिए 16 से बढ़ाकर 20 रुपये व बड़े पशुधन के लिए 32 से बढ़ाकर 40 रूपये प्रतिदिन के हिसाब से अनुदान स्वीकृत किया है। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में गौशालाओं में छह माह से बढ़ाकर 9 माह तक अनुदान करने की प्रक्रिया राज्य स्तर पर प्रक्रियाधीन है।
गोसेवा आयोग अध्यक्ष ने कहा कि गौशाला संचालकों की मांग को देखते हुए सरकार ने अनुदान प्रक्रिया में सरलीकरण किया गया है, जिससे भी गौशाला संचालको को राहत मिली है।
  उन्होंने गौशाला संचालकों को विश्वास दिलाया कि उनके भूमि आवंटन के मामले में राज्य सरकार प्रशासन से सहयोग करवाकर उनका निस्तारण किया जाएगा। वहीं निरीक्षण के माध्यम से भी किसी प्रकार की तकलीफ नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा की नन्दी गौशालाओं के संचालन के लिए गौशाला शुरू करते ही नौ माह का अनुदान चालू कर दिया जाएगा। उन्हाने गोपालन विभाग की गोपालन विकास योजना का प्रचार प्रसार करने एवं इसका लाभ उठाने का आव्हान किया। उन्होंने बताया कि इस योजना में गौशाला संचालक को टीन सेड निर्माण के लिए 10 लाख रूपये के अनुदान देने का प्रावधान है। इसके लिए गोपालन विभाग में गौशाला का रजिस्टर्ड होना अनिवार्य है।
गोसेवा आयोग के अध्यक्ष ने गौशाला संचालकों को हर समय सहयोग देने का भरोसा दिलाया। उन्होंने गौशाला संचालकों को गौमाता की सेवा पूर्ण ईमानदारी के साथ करने का आहवान किया एवं कहा कि वे बधाई के पात्र है कि वे गौधन संरक्षण के लिए कार्य कर रहे है। जैन ने कहा कि राज्य सरकार पशुपालकों के सहयोग के लिए सदैव कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अकाल की स्थिति में पूर्व में भी बहुतायत मात्रा में पशु शिविर एवं चारा डिपो खोलकर पशुधन का संरक्षण किया। वहीं गौशालाओं के माध्यम से भी पशुधन का संरक्षण किया गया। उन्होंने कहा कि इस बार भी अनावृष्टि की स्थिति को देखते हुए सरकार हर स्तर पर पशुधन संरक्षण के लिए पूरा सहयोग करेगी एवं इसमें किसी प्रकार की धन की कमी नहीं आने देगी। उन्होंने कहा कि पूर्व के कार्यकाल में मुख्यमंत्री ने गोपालन विभाग का अलग से गठन कर गौशाला संचालकों को तोहफा दिया है। उन्होंने गौशाला संचालकों को विश्वास दिलाया कि उनकी हर स्तर पर गौ सेवा के लिए मदद की जाएगी।
  इस दौरान जिला प्रमुख महेंद्र चौधरी, नगर परिषद सभापति दीपक माली ने भी जैन का स्वागत करते हुए उनकी गौसेवा की गतिविधियों पर प्रकाश डाला। जैन सभी जगह मन्दिरो में पूजा अर्चना की एवं गौशाला में गायों को अपने हाथों से गुड़ खिलाया।
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