बुधवार, 17 मार्च 2021

कोरोना गाइड लाइन के अनुरूप होगा तिलवाड़ा पशु मेला

जिला कलक्टर की अध्यक्षता में मेले की प्रबंध समिति की बैठक

बाड़मेर, 17 मार्च। जिले का प्रसिद्ध मल्लीनाथ पशु मेला तिलवाड़ा 7 अप्रैल से आरंभ होगा। मेले के दौरान कोरोना गाइडलाइन की अनिवार्य रूप से पालना की जाएगी। जिला कलक्टर विश्राम मीणा ने बुधवार को मेले की प्रबंध कार्यकारिणी की बैठक में व्यवस्थाओं की विस्तृत समीक्षा की।
  इस अवसर पर जिला कलक्टर ने बताया कि वर्तमान में कोरोना की परिस्थितियों के मद्देनजर भारत सरकार की गाइडलाइन का पूर्ण रूप से पालना करवाई जाएगी। मेले के दौरान मास्क पहनना तथा सोशल डिस्टेंसिंग की पालना सुनिश्चित करवाई जाएगी। उन्होंने बताया कि पंजाब, हरियाणा, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश समेत छह राज्यों से आने वाले सभी पशुपालकों को 72 घंटे पूर्व की आरटीपीसीआर रिपोर्ट अनिवार्य रूप से साथ में लानी होगी। उन्होंने कहा कि मेले के सभी प्रवेश स्थलों पर चैक पोस्ट स्थापित कर अन्य राज्यों से आने वाले पशुपालकों की जांच की जाए एवं आवश्यकता होने पर मौके पर ही सैम्पल लिए जाएं।
    जिला कलक्टर ने बताया कि मेले का आगाज 7 अप्रैल से विधिवत रूप से झंडारोहण के साथ होगा। उन्होंने बताया कि शुरुआत में मेला 10 दिन के लिए चलाया जाए, बाद में यदि पशुपालकों की मांग एवं पशुओं की आवक के मद्देनजर आवश्यकता होने पर इसे 5 दिन के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है।
  इस मौके पर जिला कलक्टर ने तिलवाड़ा पशु मेले में समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने मेला अवधि के दौरान सफाई, पानी, बिजली, चारा एवं यातायात व्यवस्थाओ के साथ पशुपालकों को बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। बैठक के दौरान जिला कलक्टर विश्राम मीणा ने तिलवाड़ा पशु मेले में पशुओं की संभावित आवक एवं क्रय विक्रय, पेयजल एवं परिवहन समेत पशु चिकित्सा इंतजामों की विस्तार के साथ जानकारी ली।
उन्होंने कहा कि मेला अवधि के दौरान कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त पुलिस जाब्ता लगाया जाए। उन्होने मेले के दौरान पशुओं के लिए चारे, पानी एवं यात्रियों के लिए भी समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। जिला कलक्टर ने बालोतरा उपखंड अधिकारी को मेला मैदान की साफ सफाई, झांडियों की कटाई, पशु खेलियों की मरम्मत, मैदान लेवलिंग, पशु चिकित्सा, पेयजल सहित सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिए। उन्होने दुकानों के ले-आउट में सोशल डिस्टेंश के निर्देश देते हुए क्लस्टर के रूप में दुकाने लगाने के निर्देश दिए। जिला कलक्टर ने डिस्कॉम के अधिशाषी अभियन्ता को मेला मैदान पर बिजली के ढीले तार दुरस्त करवाने एवं विद्युत पोल के सपोर्ट लगाने के निर्देश दिए।
उन्होने मेले के लिए अतिरिक्त बसें लगाने, मोबाईल एटीएम तैनात करने को कहा। पशुपालकों की सुविधा के मद्देनजर जिला कलेक्टर ने मेला अवधि के दौरान तिलवाड़ा में इंदिरा रसोई खोलने के भी निर्देश दिए। वही बड़ी संख्या में पशुओं की आवक के मध्य नजर तिलवाड़ा में अस्थाई रूप से मेला अवधि के दौरान पशु शिविर या चारों डिपो के संचालन की हिदायत दी।
उन्होने मेलार्थियों के प्रेरणा स्वरूप कृषि, पशुपालन, साक्षरता, परिवार कल्याण विभाग तथा चिकित्सा विभाग से संबंधित सास्कृतिक कार्यक्रम के निर्देश दिए। जिला कलक्टर मीणा ने कहा कि वाहनों में निर्धारित क्षमता में ही पशुओं का परिवहन सुनिश्चित किया जाए तथा निर्धारित प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद ही पशुओं की रवानगी की जाए। इससे पूर्व पशुपालन विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. चक्रधारी गौतम ने मेले के लिए दुकानो की नीलामी, चौकियों की स्थापना, झंडारोहण, पशु प्रतियोगिता, खेलकूद एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम, सफेद चिटठी, पुरस्कार आदि की जानकारी दी।
बैठक में मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहनदान रतनू, उपखंड अधिकारी बालोतरा नरेश सोनी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नितेश आर्य, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.बी.एल. बिश्नोई, लेखाधिकारी जियाराम चौधरी समेत संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
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