बाडमेर, 28 जुलाई। गुमशुदा नाबालिक बच्चों की तलाश, बालश्रम की रोकथाम तथा बाल श्रमिकों को मुक्त करवाकर समाज में उनकी पुनर्स्थापना के लिए राज्य सरकार के निर्देशानुसार विशेष अभियान ‘‘आपरेशन आशा द्वितीय’’ 1 अगस्त से 31 अगस्त तक संचालित किया जाएगा।
जिला पुलिस अधीक्षक आनन्द शर्मा ने बताया कि गुमशुदा नाबालिक बच्चों की तलाश एवं पुनर्स्थापन तथा बालश्रम रोकथाम के लिए पूर्व में भी विशेष अभियान चलाये गये थे। उन अभियानों की सफलता को दृष्टिगत रखते हुए 1 अगस्त से 31 अगस्त तक नाबालिग बच्चों द्वारा बालश्रम के उन्मूलन एवं गुमशुदा नाबालिग बच्चों की तलाश के लिए सम्पूर्ण राज्य में विशेष अभियान ‘‘ऑपरेशन आशा द्वितीय’’ संचालित किये जाने का निर्णय लिया गया है।
जिला पुलिस अधीक्षक शर्मा ने बताया कि इस अभियान हेतु नोडल अधिकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यह सुनिश्चित करेंगे की अभियान से जुडे स्टेक हॉल्उर विभागों एवं एन.जी.ओ. के समन्वय के लिए अभियान के पुर्व बैठक ली जावें तथा उक्त विशेष अभियान का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जावे। उन्होनें अभियान के दौरान जिले में बालश्रम में लिप्त बच्चों की स्क्रीनिंग के लिए थानावार टीमों का गठन करने, प्रशिक्षण तथा रेस्क्यू टीमों के साथ महिला एवं बाल विकास विभाग, महिला अधिकारिता विभाग, सामाजिक कल्याण, बाल कल्याण समिति के सदस्यों एवं एनजीओं के प्रतिनिधियों से समन्वय स्थापित करते हुए आवश्यक कार्यवाही करने के साथ साप्ताहिक रिपोर्ट प्रेषित करने के निर्देश दिए है।
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जिला पुलिस अधीक्षक आनन्द शर्मा ने बताया कि गुमशुदा नाबालिक बच्चों की तलाश एवं पुनर्स्थापन तथा बालश्रम रोकथाम के लिए पूर्व में भी विशेष अभियान चलाये गये थे। उन अभियानों की सफलता को दृष्टिगत रखते हुए 1 अगस्त से 31 अगस्त तक नाबालिग बच्चों द्वारा बालश्रम के उन्मूलन एवं गुमशुदा नाबालिग बच्चों की तलाश के लिए सम्पूर्ण राज्य में विशेष अभियान ‘‘ऑपरेशन आशा द्वितीय’’ संचालित किये जाने का निर्णय लिया गया है।
जिला पुलिस अधीक्षक शर्मा ने बताया कि इस अभियान हेतु नोडल अधिकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यह सुनिश्चित करेंगे की अभियान से जुडे स्टेक हॉल्उर विभागों एवं एन.जी.ओ. के समन्वय के लिए अभियान के पुर्व बैठक ली जावें तथा उक्त विशेष अभियान का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जावे। उन्होनें अभियान के दौरान जिले में बालश्रम में लिप्त बच्चों की स्क्रीनिंग के लिए थानावार टीमों का गठन करने, प्रशिक्षण तथा रेस्क्यू टीमों के साथ महिला एवं बाल विकास विभाग, महिला अधिकारिता विभाग, सामाजिक कल्याण, बाल कल्याण समिति के सदस्यों एवं एनजीओं के प्रतिनिधियों से समन्वय स्थापित करते हुए आवश्यक कार्यवाही करने के साथ साप्ताहिक रिपोर्ट प्रेषित करने के निर्देश दिए है।
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