दक्षिण पश्चिम मानसून 2020
बाडमेर, 8 जून। दक्षिण पश्चिम मानसून 2020 की पूर्व तैयारियों के संबंध में कन्टीजेन्सी प्लान 10 जून तक भिजवाने के निर्देश दिए गए है।
जिला कलक्टर आपदा प्रबन्धन सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विश्राम मीणा ने बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून 2020 शीध्र ही सक्रिय होने जा रहा है। उन्होने बताया कि जिले में जल भराव, बाढ़ की आंशका को देखते हुए जन-धन के सुरक्षात्मक उपाय हेतु उचित प्रबन्धन किया जाना आवश्यक है। उन्होने संबंधित विभागों को आपदा प्रबन्धन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा जयपुर के दिशा निर्देशानुसार आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करते हुए विभाग से संबंधित कन्टीजेन्सी प्लान 10 जून तक भिजवाने के निर्देश दिए है। साथ ही उन्होने मौसम विभाग को मानसून की गतिविधियों की नियमित दैनिक जानकारी उपलब्ध कराने, सिंचाई विभाग को 15 जून से बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित करने तथा बाढ एवं जलभराव की संभावना में जिले के संवेदनशील एवं संकटग्रस्त क्षेत्रों का सामना करने के लिए कार्ययोजना बनाने, उपलब्ध वायरलैस सेटों को कार्यशील रखने, नावों, रक्षा पेटियों, रस्सांें, टार्चो की व्यवस्था करने तथा जिले में उपलब्ध संसाधनों को चिन्हित कर दुरस्त रखने, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को पेयजल की समुचित व्यवस्था के साथ निचले क्षेत्रों से पानी निकालने हेतु पम्प सेटों की व्यवस्था सुनिश्चित करने, विद्युत विभाग को बाढ़ की स्थिति होने पर विद्युत व्यवस्था को सुचारू रखने आवश्यक उपकरण पोल, कण्डक्टर आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करने, जमीन पर पड़े ट्रान्सफारमर को डी.पी. पर रखवाने एवं ढीले तारों को दुरस्त करने तथा पशुपालन विभाग को बाढ़ अथवा अतिवृष्टि के समय पशुओं में फैसले वाली बीमारियों के इलाज के लिए पर्याप्त दवाईयों की व्यवस्था सुनिश्चित करने, नावों एवं गोताखोरों की सूची बनाने तथा प्रभावित क्षेत्रों में चारे, पशु आहार की व्ण्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है।
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बाडमेर, 8 जून। दक्षिण पश्चिम मानसून 2020 की पूर्व तैयारियों के संबंध में कन्टीजेन्सी प्लान 10 जून तक भिजवाने के निर्देश दिए गए है।
जिला कलक्टर आपदा प्रबन्धन सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विश्राम मीणा ने बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून 2020 शीध्र ही सक्रिय होने जा रहा है। उन्होने बताया कि जिले में जल भराव, बाढ़ की आंशका को देखते हुए जन-धन के सुरक्षात्मक उपाय हेतु उचित प्रबन्धन किया जाना आवश्यक है। उन्होने संबंधित विभागों को आपदा प्रबन्धन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा जयपुर के दिशा निर्देशानुसार आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करते हुए विभाग से संबंधित कन्टीजेन्सी प्लान 10 जून तक भिजवाने के निर्देश दिए है। साथ ही उन्होने मौसम विभाग को मानसून की गतिविधियों की नियमित दैनिक जानकारी उपलब्ध कराने, सिंचाई विभाग को 15 जून से बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित करने तथा बाढ एवं जलभराव की संभावना में जिले के संवेदनशील एवं संकटग्रस्त क्षेत्रों का सामना करने के लिए कार्ययोजना बनाने, उपलब्ध वायरलैस सेटों को कार्यशील रखने, नावों, रक्षा पेटियों, रस्सांें, टार्चो की व्यवस्था करने तथा जिले में उपलब्ध संसाधनों को चिन्हित कर दुरस्त रखने, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को पेयजल की समुचित व्यवस्था के साथ निचले क्षेत्रों से पानी निकालने हेतु पम्प सेटों की व्यवस्था सुनिश्चित करने, विद्युत विभाग को बाढ़ की स्थिति होने पर विद्युत व्यवस्था को सुचारू रखने आवश्यक उपकरण पोल, कण्डक्टर आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करने, जमीन पर पड़े ट्रान्सफारमर को डी.पी. पर रखवाने एवं ढीले तारों को दुरस्त करने तथा पशुपालन विभाग को बाढ़ अथवा अतिवृष्टि के समय पशुओं में फैसले वाली बीमारियों के इलाज के लिए पर्याप्त दवाईयों की व्यवस्था सुनिश्चित करने, नावों एवं गोताखोरों की सूची बनाने तथा प्रभावित क्षेत्रों में चारे, पशु आहार की व्ण्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है।
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