शनिवार, 29 जून 2019

देश के विकास मंे सांख्यिकी का महत्वपूर्ण योगदान

सांख्यिकी दिवस पर संवहनीय विकास लक्ष्य 2030 विषयक कार्यशाला आयोजित

                बाड़मेर, 29 जून। सांख्यिकीयविद प्रो.पी.सी.महालनोबिस के जन्म दिवस पर शनिवार को जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्रेट कांफ्रेन्स हॉल मंे तेरहवां सांख्यिकी दिवस मनाया गया। इस दौरान अतिरिक्त जिला कलक्टर राकेश कुमार शर्मा, पुलिस उप अधीक्षक एसएटी सेल मानाराम गर्ग, सेवा निवृत उप निदेशक सांख्यिकी हीरालाल मालू, सेवा निवृत प्रोफेसर डा. बंशीधर तातेड, सहायक निदेशक सांख्यिकी जसवन्त कुमार गौड सहित सांख्यिकी विभाग के अधिकारी एवं कार्मिक उपस्थित रहे।
                इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कलक्टर शर्मा ने सांख्यिकी दिवस पर बधाई देते हुए कहा कि महान गणितज्ञ डॉ. महालनोविस ने देश को आंकड़ा संग्रहण की जानकारी दी। पंचवर्षीय योजनाओं के निर्माण में इनका अहम योगदान रहा है। उन्होने कहा कि जन्म से मृत्यु तक मनुष्य का वास्ता सांख्यिकी रीतियों से पडता है। जन्म पंजीयन से शुरूआत होकर मृत्यु पंजीयन तक समस्त कार्य सांख्यिकी रीतियों के अनुसार ही होते है। उन्होने कहा कि देश के नीति निर्माण, विकास की योजनाओं मंे सांख्यिकी की महत्वपूर्ण भूमिका है, इसके आधार पर विकास योजनाएं तैयार होती है। उन्हांेने वर्तमान में बाड़मेर जिले में फसल कटाई प्रयोग के आंकडों का जिक्र करते हुए बताया कि फसल कटाई प्रयोग में बाड़मेर जिले में सांख्यिकी रीतियों के प्रयोग से प्राप्त आंकडों के आधार पर ही जिले में किसानों को 600करोड रूपये फसल बीमें के रूप में जारी किये जा रहे है। उन्होंने कहा कि जब भी सर्वे का कार्य हो तो वह सही एवं प्रामाणिकता के साथ करें, जिससे प्राप्त आंकड़ों का उपयोग सही ढंग से हो सके।
                कार्यशाला के दौरान सेवा निवृत प्रोफेसर डा. बंशीधर तातेड ने सतत विकास के लक्ष्य पर विस्तार के साथ जानकारी कराई। उन्हांेने कहा कि सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक अथवा अन्य किसी भी क्षेत्र में आंकडों के आधार पर ही देश या विश्व की समस्त क्रियाकलापों का निर्धारण किया जाता है। ये आंकडे ही उनकी सफलता, असफलता को मापने के पैमाने होते है, आंकडें जितने सटीक होंगे परिणाम भी उनने ही सटीक होंगे। उन्हांेने प्रो. पी.सी. महालनोबिस के सिद्धान्त पर चलकर देश के विकास को नई दिशा देने की बात कही। उन्हांेने पंचायत समिति स्तर पर भी सांख्यिकी से संबंधित कार्यक्रम आयोजित करने की जरूरत जताई। इस दौरान सेवा निवृत उप निदेशक सांख्यिकी हीरालाल मालू ने महान गणितज्ञ प्रो. पी.सी. महालनोबिस की जीवनी पर विस्तृत जानकारी कराई। उन्होने सांख्यिकी की उपयोगिता एवं इससे होने वाले फायदे की विस्तार पूर्वक जानकारी कराई। उन्होने कहा कि सांख्यिकी की महता को आमजन तक पहुंचाना ही एक महत्वपूर्ण कार्य है क्योंकि व्यक्ति अपने समस्त क्रियाकलापों में सांख्यिकी विधियों का प्रयोग करता है। उन्होने प्रो. महालनोबिस के योगदान का व्यापक प्रचार प्रसार करने तथा सभी को जनसंख्या नियन्त्रण पर जागरूक करने की आवश्यकता जताई। 
                कार्यशाला के दौरान आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के सहायक निदेशक जसवंत कुमार गौड़, महिला एवं बाल विकास विभाग की उप निदेशक श्रीमती सती चौधरी, पुलिस उप अधीक्षक मानाराम गर्ग, लालाराम चौधरी, नेमाराम, दीपाराम, ब्लॉक सांख्यिकी अधिकारी बी.एल. सोनी एवं रमेश कुमार जैन ने भी अपने विचार व्यक्त किए। 
                 इससे पहले अतिथियों ने दीप प्रज्वलित करके एवं पी.सी.महालनोबिस की तस्वीर पर माल्यार्पण कर कार्यशाला का शुभारंभ किया। समारोह के दौरान उत्कृष्ट सेवा के लिए ब्लॉक सांख्यिकी कार्यालय बायतु के सांख्यिकी निरीक्षक धूड़ाराम को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।    





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