बाड़मेर, 12 जनवरी। पशुपालन विभाग की ओर से प्रत्येक वर्ष की तरह इस बार भी 14 से 31 जनवरी तक पशु कल्याण
पखवाड़ा मनाया जाएगा। इस दौरान विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से पशु पक्षियों के कल्याण
के लिए लोगों को प्रेरित करने के साथ पशु चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया जाएगा।
पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक के मुताबिक पशु कल्याण पखवाड़े के अवसर पर विभाग
की ओर से प्रत्येक पशु चिकित्सा संस्था पर एक एक बांझ निवारण एवं पशु शल्य चिकित्सा
शिविर आयोजित करने के निर्देश दिये गए हैं,
जिससे ज्यादा से ज्यादा पशुओं को लाभान्वित किया जा सकंे। शिविरों
के माध्यम से पशुपालकों तथा गोशालाओं के पशुओं को कृमिनाशक औषधि पिलाने, संबंधित क्षेत्र की
गौशालाओं एवं पशुपालकों के पशु बाड़े में जाकर ठण्ड से पीड़ित पशुओं को राहत देने संबंधित
आवश्यक उपाय करवाने तथा ग्राम में संचालित पशु खैलीयों की सफाई उपरान्त सफेदी कराकर
पुनः पानी भरवाना सुनिश्चित करने का काम किया जाएगा। शिविरों के माध्यम से पशु क्रूरता
के संबंध में सामान्य जन को आवश्यक जानकारी भी दी जाएगी। उनके मुताबिक पशु कल्याण पखवाड़े
के सफल आयोजन के लिए जिला स्तर अधिकारियों को प्रत्येक तहसील अथवा पंचायत समिति स्तर
पर पशु कल्याण गोष्ठी आयोजित करने के निर्देश दिये गए हैं। इसके अतिरिक्त जिले की समस्त
पशु चिकित्सा संस्थाओं को अपने क्षेत्र की ग्राम पंचायतों, नगर पालिकाओं, एवं गौशालाओं में चेतना
शिविर तथा गोष्ठियां एवं पशु कल्याण जन जागृति रैली आयोजित करवाने के लिए भी निर्देशित
किया गया है। इस अवसर पर जन जागरण के माध्यम से पशु गाड़ियों में क्षमता से अधिक भार
ढ़ोने से रोकने का प्रयास भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पशु कल्याण पखवाडे के दौरान
सूचना मिलने पर मौके पर जाकर रोगी एवं घायल पशुओं को निःशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध
करवाई जाएगी। पशु पखवाड़े के दौरान 26 जनवरी गणतंत्र दिवस तथा 30 जनवरी को सर्वोदय दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इसमें विभिन्न पशु कल्याण आधारित
कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। इन दोनों दिवसों पर पशु-पक्षियों का वध करना व मांस
आदि की बिक्री पर अनिवार्य रूप से प्रतिबंध रहेगा। उन्होंने बताया कि पतंगबाजी के दौरान
घायल पक्षियों के संरक्षण के लिए मकर संक्रान्ति के दिन प्रातः 7 बजे से सायं तक विभिन्न
स्थानों पर शिविर आयोजित कर उनकी तत्काल चिकित्सा सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए
गए हैं। इसके अतिरिक्त पक्षियों को चोटिल होने से बचाने के लिए पतंगों में इस्तेमाल
होने वाले घातक चाईनिज मांझे पर प्रतिबंध एवं प्रातः 10 बजे से पहले तथा सांय
4 बजे के बाद पतंगबाजी
पर प्रतिबंध सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए है।
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