बाड़मेर, 28 दिसंबर। जलग्रहण परियोजना बाड़मेर जैसे मरूस्थली जिले के लिए वरदान साबित हो रही
है। इसके जरिए होने वाले कार्याें के जरिए किसानांे को भविष्य मंे स्थाई आजीविका मिलेगी।
नाबार्ड एवं केयर्न की ओर से वित्त पोषित जलग्रहण परियोजना भाड़खा, बोथिया के तत्वावधान
मंे वित्तीय समावेश संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान रिजर्व बैंक आफ इंडिया के
महाप्रबंधक पी.के.प्रधान ने बात कही।
इस अवसर पर महाप्रबंधक प्रधान ने कहा कि जलग्रहण परियोजना से इस क्षेत्र मंे कृषि
एवं पशुपालन के क्षेत्र मंे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। उन्हांेने बायफ की ओर से
कराए गए कार्याें की सराहना की। इस दौरान नाबार्ड के जिला प्रबंधक दिनेश कुमार प्रजापति
ने नाबार्ड की ओर से संचालित विभिन्न कार्यक्रमांे के बारे मंे विस्तार से जानकारी
दी। इस दौरान एल.बी.ओ. अशोक गिगल ने बैंकिंग कार्य प्रणाली एवं योजनाओं की विस्तृत
जानकारी प्रदान की। राजस्थान ग्रामीण मरूधरा बैंक के शाखा प्रबन्धक विनित खंडेलवाल ने वितिय लेनदेन एवं सावधानियों
के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। केयर्न इंडिया के भानु प्रताप सिंह ने जल ग्रहण
परियोजना की प्रगति एवं भविष्य में होने वाले लाभ के बारे में उपस्थित महिलाओं एवं
पुरूषों को समझाया। इस दौरान बायफ द्वारा महिला कार्यबोझ कम गतिविधी के अन्तर्गत महिलाओं
को सौलर लाईट एवं सौलर चुल्हे वितरित किए गए। इस दौरान राजस्थान ग्रामीण मरूधरा बैंक
एन.के.खत्री, बायफ के डा.राघवेन्द्र दूबे, एच.डी.शर्मा, आर.के.पठान, दिलीपसिंह, गोपाल व्यास, मेहराब खान समेत विभिन्न अधिकारी उपस्थित रहे। इससे पहले रिजर्व बैंक आफ इंडिया
के महाप्रबंधक पी.के.प्रधान एवं अन्य अतिथियांे ने बायफ की ओर संचालित जल ग्रहण परियोजना
क्षेत्र में किए गए कार्य खडीन निर्माण, वानिकी कार्यक्रम, वाडी का निरीक्षण किया। इस दौरान संस्था की ओर से संचालित विविध गतिविधियों का
सूक्ष्म निरीक्षण किया गया। बायफ की ओर
से आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाडखा एवं बोथिया जल ग्रहण समिति के पदाधिकारी एवं
स्वयं सहायता समूह की महिलाएं एवं सैकड़ांे ग्रामीण उपस्थित रहे।
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