बुधवार, 21 दिसंबर 2022

नंदीशाला के लिए सरकार ने नियमों में दी शिथिलता

अब सिक्योरिटी राशि भरने के स्थान पर करनी होगी केवल घोषणा

चयनित संस्था के 3 वर्ष के अनुभव की शर्त विलोपित, अब केवल पंजीकृत संस्था भी पात्र

20 बीघा भूमि के स्थान पर अब 10 बीघा भूमि वाली संस्थाएं भी होगी पात्र

  बाडमेर, 21 दिसम्बर। राज्य में गौशालाओं, नंदीशालाओं एवं शहरी क्षेत्र में आवारा पशुओं की समस्या के निराकरण हेतु गठित मंत्रीमण्डलीय समिति की बैठक में लिये गये निर्णयों पर वित्त विभाग के द्वारा दी गयी सहमति के अनुसरण में पंचायत समिति नंदीशाला जन सहभागिता योजनान्तर्गत पंचायत समिति स्तरीय नंदीशालाओं की स्थापना एवं संचालन हेतु निदेशालय गोपालन द्वारा पूर्व में जारी नियमों में व्यापक शिथिलता प्रदान करते हुए संशोधन किये गए है। 

       पशुपालन विभाग, बाडमेर के संयुक्त निदेशक डॉ. विनय मोहन खत्री ने बताया कि राजस्थान लोक उपापन में पारदर्शिता नियम, 2013 के नियम 42 एवं 75 में शिथिलन के क्रम में 2 प्रतिशत बिड सिक्यूरिटी एवं 2.5 प्रतिशत कार्य सम्पादन प्रतिभूति के स्थान पर बिड सिक्यूरिटी घोषणा पत्र एवं कार्य सम्पादन प्रतिभूति घोषणा पत्र निर्धारित संलग्न प्रपत्रों (ए एवं बी) में लिया जा सकेगा। वित विभाग द्वारा इस संबंध में अधिसूचना जारी की जावेगी। संस्था व ट्रस्ट को अंतिम 10 प्रतिशत राज्यांश राशि की तृतीय किस्त (मार्जिन मनी) का भुगतान कार्य पूर्ण प्रमाण पत्र जारी होने की दिनांक से नंदीशाला के सफल संचालन के एक वर्ष के पश्चात करने की शर्त को संशोधित करते हुए अंतिम किश्त के रूप में 10 प्रतिशत राशि की अनुशंषा नंदीशाला के कार्य पूर्ण होने का प्रमाण पत्र जारी होने के उपरान्त जिला गोपालन समिति की अनुशंषा पर जारी की जा सकेगी। संस्था व ट्रस्ट चयन हेतु निविदा की ऑनलाइन प्रक्रिया से छूट इस शर्त पर प्रदान की जाती है कि उपापन संस्था द्वारा राजस्थान लोक उपापन में पारदर्शिता नियम, 2013 के नियम 4 एवं 71 के अनुसार उपापन से संबंधित समस्त दस्तावेज ैच्च् च्व्त्ज्।स् पर अपलोड किये जायेंगे तथा स्थानीय व राज्य स्तरीय समाचार पत्रों में बोली आमंत्रण के संक्षिप्त नोटिस का भी प्रकाशन किया जावेगा। नन्दीशाला संचालन एवं निर्माण कार्य करने वाली संस्थाओं की पात्रता में संस्था व ट्रस्ट के स्वयं के स्वामित्व की 20 बीघा भूमि की आवश्यकता के स्थान पर स्वयं के स्वामित्व व लीज तथा आवंटन की 10 बीघा अर्थात 16000 वर्गमीटर संशोधित की जाती है। 

 उन्होंने बताया कि नन्दीशाला संचालन एवं निर्माण कार्य करने वाली संस्थाओं की पात्रता में संस्था व ट्रस्ट के 3 वर्ष के पंजीकरण व 3 वर्ष के गौशाला संचालन के अनुभव की पात्रता की शर्त को विलोपित करते हुए चयनित संस्था व ट्रस्ट मात्र पंजीकृत होने का संशोधन किया जाता है। यदि संस्था व ट्रस्ट के पास उपलब्ध जमीन का आकार पूर्व के परिपत्र में दिखाये गये मानचित्र से विचलन में हो तो मुख्य निर्माण कार्यों अर्थात शैड, चारा घर, टंकी, पशु चिकित्सा का स्थान इत्यादि में कोई कमी लाये बिना तकमीने की मात्राओं के अनुरूप शर्तों की पालना यदि किसी अन्य आकार की भूमि पर भी किये जाने की भी अनुमति प्रदान की जाती है।

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