बुधवार, 2 फ़रवरी 2022

2006 बाढ़ पीड़ित 1022 परिवारों को निःशुल्क पट्टों की सौगात

बाड़मेर, 02 फरवरी। वर्ष 2006 के कवास बाढ़ पीड़ित विस्थापितों के लिए ग्राम पंचायत बाड़मेर मगरा में बनाई गई कॉलोनी के रहवासियों को बुधवार को सर का पार स्कूल में 1 हजार के करीबन बाढ़ पीड़ितों को आवासीय पट्टे वितरित किये।

बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन ने बताया कि मुझे आज खुशी है कि हमारे तमाम प्रयासों की निरंतरता के चलते माननीय मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने अपने पिछले कार्यकाल में उक्त कॉलोनी के रहवासियों को अपने भूखण्ड की लागत की 25 प्रतिशत राशि की शर्त को विलोपित कर बाढ़ पीड़ितों को बहुत बड़ी राहत दी थी। चूंकि बीच में पाँच वर्ष के कार्यकाल में उक्त बाढ़ पीड़ितों ने पट्टो के लिए धरने प्रदर्शन भी किये लेकिन इनको पट्टे नही दिये गये।
प्रदेश में पुनः मुख्यमंत्री श्री गहलोत की सरकार आते ही इस दिशा में हमने प्रयास शुरू किये और मुझे खुशी है कि माननीय मुख्यमंत्री की भावना के अनुसार जिला प्रशासन, पंचायतीराज, राजस्व सहित तमाम अधिकारियों ने रात दिन एक कर 1050 के करीब बाढ़ पीड़ितों के लिए पट्टे बना दिये है 20 जनवरी को माननीय मुख्यमंत्री ने वर्चुअल रूप से इसकी शुरुआत कर दी है आज कैम्प लगाकर सभी को पट्टे दिये जा रहे है।
इस मौके पर में उन तमाम दिवगंत आत्माओं को नमन करता हूँ जिन्होंने 2006 की बाढ़ विभीषिका में अपनी जान गंवा दी।
इस मौके नी रीको के निदेशक सुनील परिहार, नगरपरिषद सभापति दीपक माली, पंचायत समिति बाड़मेर के प्रधान प्रतिनिधि खरथाराम गोदारा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहनदान, विकास अधिकारी सुखराम बिश्नोई, बाड़मेर मगरा सरपँच जोगेंद्र सारण, कवास सरपंच जेठाराम माली, काउखेड़ा सरपंच गोमाराम, भुरटिया सरपंच उत्तमचंद खोथ, बांदरा सरपंच नगसिंह समेत तमाम गणमान्य लोग उपस्थित रहे ।
उन्होने बताया कि वर्ष 2006 में बाड़मेर जिले में आई भीषण बाढ़ में पीड़ित 1022 आवेदकों को वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान निःशुल्क पट्टों की सौगात प्रदान की गई है। उन्होने बताया कि वर्ष 2006 में बाड़मेर जिले में भीषण बाढ़ आई थी जिसमें कवास, आदर्श ढूंढ़ा, सर का पार, उत्तरलाई एवं चौखला के सैकड़ों घर बाढ़ में बह गए एवं जान माल, पशु पक्षियों की मृत्यु सहित सम्पूर्ण क्षेत्र को भंयकर विभीषिका का सामना करना पड़ा।
राज्य सरकार के निर्देशानुसार जिला प्रशासन द्वारा उक्त गांवों के 1022 प्रभावित परिवारों को तत्कालीन बाड़मेर आगोर ग्राम पंचायत (वर्तमान बाड़मेर मगरा) की सरकारी भूमि पर वर्ष 2007 में आवास बनाकर आवंटित किए गए थे किन्तु किन्ही कारणों से उनके पट्टे बनाकर वितरित नहीं हो पाए थे।
वर्तमान में राज्य की संवेदनशील राजस्थान सरकार द्वारा प्रशासन गांवों के संग अभियान 2021 प्रारम्भ किए जाने पर जिला प्रशासन व पंचायती राज विभाग के समन्वित प्रयासों से ग्राम पंचायत बाड़मेर मगरा द्वारा इन प्रभावित परिवारों को दिए जाने वाले पट्टों के संबंध में आ रही विभिन्न व्यवहारिक व तकनीकी समस्याओं का समाधान करते हुए बाढ़ पीड़ित 1022 आवेदकों को पट्टे जारी कर ऐतिहासिक कार्य सम्पन्न करवाया गया है।
वर्ष 2007 में निर्मित आवासों की राजकीय भूमि को वर्ष 2014 में आबादी भूमि हेतु आरक्षित किया गया किन्तु ग्राम पंचायत को आबादी भूमि के रूप में आवंटित नहीं किए जाने के कारण अब तक लंबित चल रहे उक्त कार्य को माननीय विधायक मेवाराम जैन, जिला प्रशासन तथा पंचायती राज विभाग के संयुक्त प्रयासों से खसरा सं0 2595/730 रकबा 64.17 बीघा को दिनांक 28-10-2021 को आबादी भूमि के रूप में आवंटित करने पर ग्राम पंचायत द्वारा पट्टे जारी किया जाना संभव हो पाया।
आवास के पट्टे संबंधित अपने अधिकार से वंचित बाढ़ पीड़ित 1022 परिवार वर्तमान में अपने पट्टे प्राप्त कर राज्य सरकार की संवेदनशीलता के साथ साथ माननीय मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत एवं माननीय विधायक मेवाराम जैन का धन्यवाद कर रही है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि माननीय विधायक बाड़मेर श्री मेवाराम जैन द्वारा जिला प्रशासन के साथ सतत समन्वय से यह महत्वपूर्ण कार्य सम्पादित हुआ है।
इन 1022 परिवारों को अपने भूखण्ड (लागत लगभग 2 लाख) व आवास (लागत लगभग 3 लाख) के पेटे प्रति परिवार 5 लाख (कुल 1022ग्5ण्00 त्र 5110 लाख) की निःशुल्क सौगात माननीय मुख्यमंत्री महोदय की गरिमामय उपस्थिति (वर्चुअल माध्यम से) में प्रदान की जा रही है।
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