सोमवार, 3 जनवरी 2022

असंगठित क्षेत्र के कामगारों के पंजीयन हेतु ई-श्रम पोर्टल विकसित

जिले में 8 लाख 52 हजार 4 सौ 29 असंगठित क्षेत्र के श्रमिक होंगे पंजीकृत

विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजना का मिल सकेगा लाभ
     बाड़मेर, 03 जनवरी। भारत सरकार द्वारा असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के आंकड़े संग्रहित करने के लिए ई-श्रम पोर्टल विकसित किया गया है, जिस पर श्रमिकों को पंजीयन करवाना होगा। ई-श्रम पोर्टल पर पंजीयन के साथ ही एक ई-श्रम कार्ड जारी होगा, जो आधार कार्ड से लिंक्ड होगा।
सहायक श्रम आयुक्त रामचन्द्र गढवीर ने बताया कि बाडमेऱ जिले में 8 लाख 52 हजार 4 सौ 29 ई-श्रम कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया है। भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा असंगठित कामगारों का एक राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने के लिए ई-श्रम पोर्टल विकसित किया गया है जिसमें आधार नम्बर के साथ-साथ नाम, व्यवसाय, पता, शैक्षिक योग्यता, कौशल स्वरूप और परिवार इत्यादि का विवरण होगा ताकि उनकी रोजगार क्षमता का समुचित उपयोग हो सकें और उन तक विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लाभ आसानी से पहुंचाए जा सकें।
सहायक श्रम आयुक्त ने बताया कि बाड़मेर जिले में 82811 असंगठित श्रमिकों का पंजीयन किया जा चुका है जिसमें 02 जनवरी, 2022 एक दिवस में ही रिकॉर्ड 3697 ई-श्रम कार्ड जारी हुए है। ई-श्रम कार्ड का पंजीयन निःशुल्क है, किसी भी नागरिक सेवा केन्द्र(सीएससी) तथा ई-मित्र पर इसका निःशुल्क रजिस्ट्रेशन करवाया जा सकता है। पंजीकृत व्यक्ति को एक वर्ष का प्रधानमंत्री जीवन सुरक्षा बीमा भी निःशुल्क दिया जा रहा है। इसके अन्तर्गत उसे एक वर्ष के लिए दो लाख का दुर्घटना बीमा एवं स्थायी अपंगता होने की दशा में एक लाख की सहायता मिलेगी।
यह दस्तावेज होंगे जरूरी
       मोबाईल नंबर, आधार कार्ड, बैक खाता संख्या l
कौन बना सकते हैं ई-श्रम कार्ड
       असंगठित श्रमिक यथा-लघु और सीमान्त किसान, कृषि मजदूर, बंटाई पर काश्त करने वाला किसान, मछुआरे, पशुपालन करने वाले लोग, बीड़ी बनाने वाले श्रमिक, लेवलिंग और पैकेजिंग के कार्य करने वाले श्रमिक, भवन निर्माण श्रमिक, बुनकर, लकड़हारे एवं खाती का कार्य करने वाले लोग, नमक की फैक्ट्रियों में कार्यरत श्रमिक, ईंट भट्टों और पत्थर कटाई का कार्य करने वाले श्रमिक, आरा और कटाई से संबंधित मिलों पर कार्य करने वाले श्रमिक, घरेलू नौकरानी या कामवाली बाई, नाई, घरेलू कामगार, सब्जी और फल विक्रेता, समाचार पत्र विक्रेता(हॉकर्स), निजी सुरक्षाकर्मी, चमड़े के कारोबार से संबंधित श्रमिक, ई-मित्र केन्द्र के संचालक, थड़ी विक्रेता नरेगा श्रमिक, आशा वर्कर, भूमिहीन कृषक, स्ट्रीट वेण्डर, रिक्शा चालक, ऑटो चालक, घरेलू नौकर, घरेलू श्रमिक, कुली, धोबी, मोची, रिक्शा चालक, ऑटो चालक मिड-डे मील श्रमिक, ऑनलाईन कोरियर सेवा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, कुक-कम हेल्पर इत्यादि से जुड़े श्रमिक सम्मिलित है, जो आयकर नहीं देते हैं तथा ई.एस.आई./पी.एफ./एन.पी.एस. योजना के सदस्य नहीं हैं। उक्त श्रमिकों द्वारा पंजीयन अपने स्तर से अथवा सामान्य सेवा केन्द्र (सी.एस.सी.) और ई-मित्र के माध्यम से किया जा सकता है।
ई-श्रम कार्ड का उद्देश्य
    सभी असंगठित कामगारों का एक केन्द्रीकृत डेटाबेस बनाना, जिसमें संनिर्माण कामगार, प्रवासी कामगार प्लेटफॉर्म कामगार फेरी वाले, घरेलू कामगार कृषि कामगार आदि शामिल है, जिन्हें आधार से जोड़ा जाना है। असंगठित श्रमिकों के लिए चल रही विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का एकीकृत फायदा दिलवाना। पंजीकृत असंगठित श्रमिकों का डाटा राज्य सरकारों से भी साझा किया जाएगा, ताकि राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का फायदा भी कामगारों को मिलें। अभी सबसे बड़ी समस्या यही थी कि असंगठित क्षेत्र के कामगारों का डाटा नहीं होने से इन्हें समुचित लाभ पहुंचाया जाना संभव नहीं हो पा रहा था। प्रवासी कामगारों की स्थिति और पता वर्तमान स्थान और कहां कार्यरत है, इसकी संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाना ताकि लॉकडाउन जैसी स्थिति में भी उन्हें जहां कार्यरत है, वही लाभ पहुंचाया जा सकें। भविष्य में कोविड-19 जैसे किसी भी अन्य राष्ट्रीय संकट से निपटने के लिए केन्द्र और राज्य सरकारों को एक व्यापक डेटाबेस उपलब्ध करना।
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