बुधवार, 27 जनवरी 2021

कार्मिकों को ई-एनपीएस की बजाय एसजीवी नम्बर से प्राण नम्बर जारी करने के निर्देश

बाड़मेर, 27 जनवरी। राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग बाड़मेर द्वारा सभी आहरण एवं वितरण अधिकारियों से अपील की है कि वे ई-एनपीएस प्राण नम्बर जारी करने की बजाया अपनी एसजीवी नम्बर से प्राण नम्बर जारी करें ताकि कार्मिकों की एनपीएस कटौती राशि जमा करने में बाधा न हो।

राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग बाड़मेर के उप निदेशक डॉ. संजीव कुमार दास ने बताया कि ई-एनपीएस से प्राण नम्बर जारी करवाने के बाद शिफ्टिंग फार्म जमा नहीं करवाने से कर्मचारियों की एनपीएस कटौती राशि जमा नहीं हो रही है तथा समय पर अपलोड नहीं होने की जिम्मेदारी कर्मचारी एवं आहरण वितरण अधिकारी की होगी। उन्होने कहा कि 1 जून 2020 से एनएसडीएल ने अपने डीडीओं को प्राण आवेदन करने का अधिकार दिया है तथा इसकी हार्ड कॉपी राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग कार्यालय में जमा करवाने के बाद प्राण नम्बर जारी किए जाएंगे। उन्होने बताया कि ई-एनपीएस से प्राण नम्बर हेतु आवेदन करने के बाद कुछ कार्मिकों के प्राण नम्बर फ्रोजन हो जाते है या ई-साठन नहीं होने के कारण प्राण नम्बर निष्क्रिय हो जाते है। उन्होने सभी आहरण एवं वितरण अधिकारियों को ई-एनपीएस की बजाय अपने एसजीवी नम्बर से प्राण नम्बर जारी करने की अपील की है। उन्होने आहरण एवं वितरण अधिकारियों को अपने कार्मिकों के आर्थिक हितों को ध्यान में रखते हुए तय मापदण्ड अनुसार कार्यवाही करने की अपील की है।
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