शुक्रवार, 27 नवंबर 2020

संभागीय आयुक्त ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद बाड़मेर को ग्राम पंचायत रतरेड़ी कल्ला में सरपंच व ग्रामसेवक के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही कराने के निर्देश दिए

बाड़मेर, 27 नवंबर। संभागीय आयुक्त डॉ समित शर्मा ने शुक्रवार को बाड़मेर जिले की गडरारोड़ पंचायत समिति की ग्राम पंचायत रतरेड़ी कल्ला तत्कालीन के सरपंच व ग्रामसेवक द्वारा मनरेगा व अन्य कार्यो में हुई अनियमितता की जांच में दोषी पाये जाने के बावजूद उनके विरूद्ध कार्यवाही नहीं होने पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद बाड़मेर को पत्र लिखकर उनके विरूद्ध कार्यवाही करने व नामजद के विरूद्ध फौजदारी मुकदमा दर्ज करवाये जाने के लिए निर्देश दिए है।

संभागीय आयुक्त ने बताया कि ग्राम पंचायत रतरेड़ी खुर्द के परिवादी जबरसिंह पुत्र लूणसिंह ने 15 अक्टूबर 2020 को इस संबंध में परिवाद प्रस्तुत किया था। उन्होंने बताया कि परिवादी ने ग्राम पंचायत रतरेडी कल्ला में मनरेगा व अन्य कार्यो में हई  अनियमितता की जांच व सरपंच व ग्रामसेवक के दोषी पाये जाने के बावजूद भी उनके विरूद्ध कोई कार्यकारी नहीं होने पर, कार्यवाही करने का अनुरोध किया है, इनमें संलग्न तथ्यों के अवलोकन पर पायागया कि ग्राम पंचायत रतरेडी कल्ला के निर्माण कार्यो में हुई अनियमितता की जांच कमेटी के जांच प्रतिवेदन के आधार पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बाड़मेर द्वारा जिला कलक्टर बाड़मेर को प्रतिवेदित अपने अभिमत के परिप्रेक्ष्य में जीकेएन 2010 के अनुसार उल्लेखित जिम्मेदारी के स्तर तक निर्माण कार्याे के क्रियान्वयन एवं निर्माण सामग्री क्रय में वित्तीय अनियमितता के लिए तत्कालिन सरपंच व ग्रामसेवक व पदेन सचिव के निर्माण कार्यो की निगरानी नहीं करने, करोन, सुपविजक नहीं करने, कराने के लिए तत्कालिन विकास अधिकारी, कार्यक्रम अधिकारी, निर्माण कार्यो बाबत तकनीकी पर्यवेक्षण नहीं करने के लिए कनिष्ठ अभियंता, कनिष्ठ तकनीकी सहायक, सहायक अभियंता उत्तरदायी होने के उपरांत भी सक्षम प्राधिकारी मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा उत्तरदायी लोकसेवकों से वित्तीय अनियमितता की राशि 5,99000 की वसूली गत आठ माह से नहीं की गई है व न ही लोकसेवकों के विरूद्ध विभागीय, फौजदारी कार्यवाही की गई है।
संभागीय आयुक्त ने निर्देश  देते हुए पत्र में लिखा की आपका कृत्य जिला कलक्टर बाड़मेर के आदेशों की अवहेलना की श्रेणी में आता है। जो सही नही है। संभागीय आयुक्त ने निर्देश दिया कि इस प्रकरण में वित्तीय अनियमितता की राशि 5,9900 से संबंधित मूल अभिलेख अपनी संरक्षा में लिये जाकर तत्कालीन सरपंच के विरूद्ध राजस्थान पंचायती राज अधिनियम 1984 की धारा 38 के तहत आरोप पत्र एवं आरोप विवरण तथा तत्कालीन ग्रामसेवक एवं पदेन सचिव, तत्कालिन विकास अधिकारी, कार्यक्रम अधिकारी, कनिष्ठ अभियंता, सहायक अभियंता के विरूद्ध राजस्थान सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1958 के नियम 16 के अंतर्गत विभागीय कार्यवाही प्रस्तावितकर आरोप पत्र एवं आरोप विवरण पत्र की प्रति भिजवाते हुए, साथ ही नरेगा संविदाकर्मी, कनिष्ठ तकनीकी सहायक के विरूद्ध महानरेगा एक्ट 2005 की धारा 25 मय वित्त विभाग के परिपत्र के अंतर्गत कार्यवाही, फर्जी बाउचर बनाकर फर्म यूनिक कंस्ट्रक्शन कम्पनी को भुगतान कर राजकीय राशि का गबन करने के परिप्रेक्ष्य में नामजद के विरूद्ध फौजदारी मुकदमा दर्ज करवाने की कार्यवाही सुनिश्चित कर, की गई कार्यवाही से 15 दिन में अवगत कराने के निर्देश दिए है।
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