सोमवार, 26 अगस्त 2019

राजीव गांधी जल संचय योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए समितियों का गठन

बाड़मेर, 26 अगस्त। राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर राजीव गांधी जल संचय योजना के अंतर्गत विभिन्न विभागों में प्रभावी समन्वयन, कन्वर्जेंस, योजना के क्रियान्वयन में आ रही कठिनाईयों के निराकरण एवं प्रभावी मोनिटरिंग के लिए मुख्य सचिव डी.बी.गुप्ता की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय समिति का गठन किया है। इसके साथ ही योजना के क्रियान्वयन के लिए प्रदेशभर में जिला स्तरीय, ब्लॉक स्तरीय एवं ग्राम पंचायत स्तरीय समितियों का गठन किया गया है। गुप्ता ने सभी सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि योजना के लिए समयबद्ध कार्य सम्पादन करे तथा इस सम्बन्ध में जारी दिशा निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित करे।
आदेशानुसार राज्य स्तरीय समिति के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के शासन सचिव  सदस्य सचिव होंगे, जबकि सार्वजनिक निर्माण विभाग, कृषि एवं पशुपालन विभाग, वित्त विभाग, उद्योग विभाग, जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी व भू जल विभाग, जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग, आयोजना विभाग, वन एवं पर्यावरण विभाग, नगरीय विकास विभाग, सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग,जल संसाधन विभाग एवं सिंचित क्षेत्र विकास विभाग, स्वायत्त शासन विभाग पंचायतीराज विभाग, ग्रामीण विकास विभाग एवं सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के शासन सचिव तथा आयुक्त, जलग्रहण विकास एवं भू संरक्षण विभाग, आयुक्त, महात्मा गांधी नरेगा, आयुक्त, स्वच्छ भारत मिशन, राज्य मिशन निदेशक, राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद सहित, प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थाओं, अनुसंधान केन्द्रों से दो विशेष आमंत्रित प्रतिनिधि समिति के सदस्य होंगे।
इसी तरह जिला स्तरीय समिति के सम्बन्धित जिला कलक्टर अध्यक्ष होंगे। जिला स्तरीय समिति में जलग्रहण विकास एवं भू संरक्षण विभाग, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, कृषि विभाग, सार्वजनिक निर्माण विभाग, उद्यान विभाग, स्वायत्त शासन विभाग, शहरी विकास एवं आवासन विभाग, वन विभाग, जनस्वास्थ्य अभियान्त्रिकी विभाग, भू जल विभाग, जल संसाधन विभाग, राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद, स्वच्छ भारत मिशन, उद्योग विभाग, अतिरिक्त जिला समन्वयक, महात्मा गांधी नरेगा योजना, दो पंजीकृत गैर सरकारी संस्थाएं (जिला कलक्टर की ओर से मनोनीत), अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी तथा प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थानों, विश्वविद्यालयों, अनुसंधान संस्थानों के दो प्रतिनिधि इस समिति के सदस्य होंगे। मुख्य कार्यकारी अधिकारी सम्बन्धित जिला परिषद समिति में सदस्य सचिव होंगे।
ब्लॉक स्तर पर गठित समिति के उपखण्ड अधिकारी अध्यक्ष होंगे। जबकि जलग्रहण विकास एवं भू संरक्षण, कृषि विभाग, सार्वजनिक निर्माण विभाग, उद्यान विभाग, वन विभाग, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, जल संसाधन विभाग, राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद, स्वच्छ भारत मिशन, दो पंजीकृत गैर सरकारी संस्थाएं (जिला कलक्टर की ओर से मनोनीत), महात्मा गांधी नरेगा सम्बन्धित विभागों के ब्लाक स्तर पर पदस्थापित वरिष्ठतम अधिकारी समिति के सदस्य होंगे। विकास अधिकारी, पंचायत समिति में सदस्य सचिव होंगे।
इनके अतिरिक्त ग्राम पंचायत स्तरीय समिति के अध्यक्ष, सम्बन्धित ग्राम पंचायत के सरपंच होंगे। जलग्रहण विकास एवं भू संरक्षण (कनिष्ठ अभियन्ता), कृषि विभाग (कृषि पर्यवेक्षक), राजस्व विभाग (पटवारी), उद्यान विभाग  (कृषि पर्यवेक्षेक), वन विभाग (फॉरेस्टर), जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (कनिष्ठ अभियन्ता), जल संसाधन विभाग (कनिष्ठ अभियन्ता), राजस्थान ग्रामीण आजीविका परिषद, स्वच्छ भारत मिशन, पंचायतीराज विभाग (कनिष्ठ अभियन्ता), हैण्डपम्प मिस्त्री अथवा इन विभागों के ग्राम पंचायत स्तर पर पदस्थापित वरिष्ठतम अधिकारी समिति के सदस्य होंगे।  समिति में ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत सदस्य सचिव होंगे।
‘‘राजीव गांधी जल संचय योजना’’ के मुख्य उद्देश्यों में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता पैदा करना, विभिन्न संसाधनों का कन्वर्जेन्स कर परम्परागत पेयजल, जल स्त्रोतों को पुनर्जीवित करना, नवीन जल स्त्रोतों का निर्माण करना एवं जल संरक्षण व वर्षा जल संग्रहण संरचनाओं की गतिविधियों का प्रभावी क्रियान्वयन, गांवों में पेयजल की कमी को दूर करने के लिए पीने का पानी गांवों के नजदीक उपलब्ध करवाने के प्रयास करना, भू-जल स्तर में वृद्धि करना एवं गिरते भू-जल स्तर में कमी करना, वर्षा जल संग्रहण एवं संरक्षण कर सिंचित एवं कृषि योग्य क्षेत्रफल को बढ़ाना एवं सघन वृक्षारोपण कर राज्य में हरित क्षेत्र को बढ़ाना है। इस योजना का कार्य क्षेत्र सम्पूर्ण राजस्थान प्रदेश रहेगा तथा प्रत्येक चरण की कार्य अवधि दो वर्ष रहेगी। राजीव गांधी जल संचय योजना के लिए ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग प्रशासनिक विभाग एवं जलग्रहण विकास एवं भू सरंक्षण विभाग नोडल विभाग रहेगा। सम्बन्धित जिले के जिला कलक्टर, योजना के क्रियान्वयन के लिए नोडल अधिकारी रहेंगे।

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