सोमवार, 22 जुलाई 2019

सूई का दर्द महसूस नहीं हुआ तो मुस्कराए नौनिहाल,प्रमाण-पत्र भी दिए

गूंजा नारा ‘‘हमने चेचक मारी है, अब खसरा-रूबेला की बारी है’’
शुरू हुआ खसरा-रूबेला टीकाकरण अभियान
 
बाड़मेर, 22 जुलाई। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के तत्वाधान में प्रदेश में मीजल्स-रुबैला बीमारियों से बच्चों को बचाने के लिए चलाए जाने वाले एमआर टीकाकरण महाभियान की शुरुआत जिला मुख्यालय पर एमबीसी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता की अध्यक्षता में की गई।
     जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता ने कहा कि टीकाकरण महाभियान शिक्षकांे एवं अभिभावकों की जागरूकता से ही सफल होगा। उन्हांेने आमजन से अपील की कि डेढ़ माह तक चलने वाले इस अभियान को सफल बनाने के लिए अपने 9 माह से 15 साल तक के बच्चांे का टीकाकरण जरुर करवाए। इस दौरान जिला प्रमुख श्रीमती प्रियंका मेघवाल ने पौधारोपण करने के साथ योग्य बच्चो में एमआर टीका लगवाने का आह्वान किया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ कमलेश चौधरी ने बताया इस अभियान मंे चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के साथ साथ शिक्षा विभाग ,महिला एवं बाल विकास विभाग , केयर्न एनर्जी इंडिया व लायन्स क्लब जैसी संस्थाओं का सहयोग मिल रहा है। उन्हांेने बताया कि मीजल्स रुबैला टीकाकरण कार्यक्रम में 9 माह से 15 वर्ष तक के लगभग 8 से 9 लाख बच्चों को बाड़मेर जिले में तथा राजस्थान में 2 करोड़ 78 लाख बच्चो में टीकाकरण सभी विद्यालयों ,सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों  एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों पर किया जाना है। भारत के लगभग 27 राज्यों में मीजल्स-रुबैला अभियान से लगभग 37 करोड़ बच्चों को यह टीका लगाया जा चूका है। किसी भी तरह की कोई भी अप्रिय घटना नहीं हुई है,इसलिए यह टीका एक-दम सुरक्षित है। आरसीएचओ डॉ. प्रीत मोहिंदर सिंह ने बच्चों से रूबरू होते हुए कहा कि यह टीकाकरण सबके लिए जरूरी है, क्योंकि हमें देश से इस बीमारी को समूल नष्ट करना है। इससे पहले हम सफल टीकाकरण अभियानों के जरिए ही पोलियो व चेचक जैसी गंभीर बीमारियों को खत्म कर चुके हैं। जरूरी है कि बच्चों का स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्रों सहित अन्य निर्धारित स्थलों पर टीकाकरण हो जाए, क्योंकि कोई भी टीम घर-घर नहीं पहुंचेगी। कैयर्न एनर्जी इंडिया के सीएसआर हेड सी.पी. राजावत ने कहा की इस अभियान से जुडकर वे बड़ा ही गौरवान्वित महसूस कर रहे है और कहा कि इस एमआर टीके से 9 माह से 15 वर्ष तक के कोई भी बच्चा नहीं छूटे, इसके लिए माइक्रोप्लान से काम करना होगा। पर्यायवरण संरक्षण का सन्देश देते हुए सीएमएचओ चौधरी ने अतिथियों को पौधे भेंट किए। जिला आईईसी समन्वयक नरेन्द्र कुमार खत्री ने बताया कि इस अवसर पर चार्ट पेंटिंग प्रतियोगिता में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओ , आशाओ ,नर्सिंग विधार्थियों एवं स्कूली विधार्थियों को पुरुस्कृत किया गया। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग की उप निदेशक श्रीमती सत्ती चौधरी, डब्ल्यूएचओ एसएमओ डॉ अपूर्वा सांगवान ,प्रधानाचार्य मघाराम चौधरी एवं यूनिसेफ प्रतिनिधि आलोक वर्मा उपस्थित रहे।

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