अतिरिक्त
जिला कलक्टर ने टिड्डी नियंत्रण गतिविधियां की जानकारी दी
बाड़मेर, 18 जुलाई। बाड़मेर जिले में टिड्डी
नियंत्रण के लिए जिला प्रशासन के साथ विभागीय कार्मिक हाई अलर्ट पर है। अब तक
बाड़मेर जिले के 27
गांवां के 1822
हैक्टेयर में टिड्डी नियंत्रण के लिए कीटनाशक का छिड़काव किया गया है। अतिरिक्त
जिला कलक्टर राकेश कुमार शर्मा ने गुरूवार को पत्रकारां से बातचीत के दौरान यह
जानकारी दी।
अतिरिक्त जिला कलक्टर राकेश कुमार
शर्मा ने बताया कि जिले में टिड्डी प्रभावित क्षेत्र मुख्यत गडरारोड़,रामसर, गुड़ामालानी एवं शिव पंचायत समिति
क्षेत्र में निरोधात्मक गतिविधियां जारी है। उपखंड अधिकारी, तहसीलदार, पटवारी एवं अन्य कार्मिकां के साथ कृषि
विभाग तथा टिड्डी चेतावनी संगठन के कार्मिक हाई अलर्ट पर है। इनको आपसी समन्वय से
कार्य करने के निर्देश दिए गए है। उन्हांने बताया कि भारत-पाक के मध्य भी नियमित
रूप से बैठकां का आयोजन करने के साथ टिड्डी नियंत्रण संबंधित जानकारी साझा की जा
रही है। शर्मा के मुताबिक बाड़मेर जिले में टिड्डी पूर्ण रूप से नियंत्रण में है
एवं फसलां तथा वनस्पति को किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ है। उन्हांने बताया
कि टिड्डी नियंत्रण के लिए वाहन एवं अन्य संसाधन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।
प्रदेश के अन्य जिलां से कृषि विभाग के अधिकारियां को टिड्डी नियंत्रण के लिए
लगाया गया है। उन्हांने बताया कि टिड्डी दल संबंधित जानकारी नियंत्रण कक्ष पर दी
जा सकती है। कृषि विभाग के उप निदेशक किशोरीलाल वर्मा ने टिड्डी से प्रभावित
क्षेत्रां का विवरण देते हुए बताया कि कृषि विभाग के कार्मिकां की ओर से नियमित
रूप से सर्वे किया जा रहा है। टिड्डी मंडल कार्यालय बाड़मेर के वनस्पति संरक्षण
अधिकारी के.वी.चौधरी ने टिड्डी नियंत्रण के लिए विभागीय गतिविधियां, टिड्डी के प्रजनन, पाकिस्तान से आगमन की स्थिति, नियंत्रण के तरीकां तथा सर्वेक्षण के
बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्हांने बताया कि टिड्डी के अंडे देने के बाद
करीब एक माह तक उसका फाका उड़ने की स्थिति में नहीं होता। ऐसे में जमीन से पूरा
फाका निकलने के बाद निरोधात्मक कार्रवाई की जाती है। इस दौरान सहायक निदेशक
पदमसिंह भाटी ने टिडडी के प्रको एवं अवस्थाआें के बारे में कंप्यूटर में पावर
प्वाइंट प्रजेटेशन के जरिए जानकारी दी। इस दौरान जार में टिड्डियां को प्रदर्शित
किया गया।
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