बाड़मेर, 14 जनवरी। बाड़मेर जिले मंे पतंगबाजी मंे चाइनीज एवं प्लास्टिक निर्मित मांझे के इस्तेमाल
पर जिला मजिस्ट्रेट हिमांशु गुप्ता ने आदेश जारी कर रोक लगाई है। इसके अलावा प्रातः
6 से 8 बजे एवं सांय 5 से 7 बजे तक किसी भी मांझे
से पतंगबाजी पर पूर्णतया प्रतिबंध रहेगा। इसकी पालना नहीं करने पर दोषी व्यक्ति के
खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
जिला मजिस्ट्रेट हिमांशु गुप्ता ने दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 में प्रदत्त शक्तियों
का प्रयोग करते हुए जिले में मकर संक्रांति पर्व पर पतंगबाजी में उपयोग लिए जाने वाले
करंट प्रवाहित करने वाले मांझे, प्लास्टिक अथवा इस प्रकार के चाइना निर्मित सिन्थेटिक मेटेरियल से बने एवं अन्य
टाक्सिक मेटेरियल जैसे आयरन पाउडर, ग्लास पाउडर से बने पक्के धागे को पूर्णतया प्रतिबंधित किया है। आदेश के अनुसार
इस प्रकार के धागे एवं मांझे का पतंगबाजी के लिए कोई भी व्यक्ति उपयोग नहीं करेगा और
न ही किसी व्यक्ति को उपयोग अथवा विक्रय की अनुमति दी जाएगी। इसी तरह जिले में सुबह
6 से 8 बजे तक तथा शाम 5 से 7 बजे तक किसी भी मांझे
से पतंगबाजी पर पूर्णतया प्रतिबंध रहेगा। इस आदेश का उल्लंघन करने पर दोषी व्यक्ति
के विरुद्ध विधि प्रावधानों के अंतर्गत समुचित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। यह आदेश
20 जनवरी तक प्रभावशील
रहेगा। आदेश के अनुसार बाड़मेर जिले मंे मकर संक्रांति के अवसर पर शहरांे एवं बड़े कस्बों
मंे पतंग उठाए जाएगे। वर्तमान समय मंे पतंगबाजी के लिए इस प्रकार का मांझा प्रचलन मंे
आया है जिससे पतंगबाजी करने पर बिजली के तारांे के संपर्क मंे आने से विद्युत प्रवाहित
होकर करंट आता है। साथ ही आकाश मंे स्वच्छद विचरण करने वाले पक्षियो की गर्दन कट जाती
है। इससे मनुष्यांे को भी चोट पहुंच सकती है। इस प्रकार के मांझे से पतंगबाजी करने
से जानमाल की हानि होने की पूर्ण आशंका रहती है। जान माल की रक्षा एवं सुरक्षा कारणांे
को मददेनजर रखते हुए इस प्रकार के मांझे को उपयोग एवं विक्रय करने पर प्रतिबंध लगाने
के लिए यह आदेश जारी किया गया है।
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