आगामी 1 अक्टूबर से प्रदेश
के सभी सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के जिला कार्यालयों, छात्रावासों, आवासीय विद्यालयों
एवं होम में बायोमैट्रिक उपस्थिति होगी।
बाड़मेर, 12 सितंबर। विभिन्न वर्गों की बकाया उत्तर मैट्रिक छात्रवृतियों का एक सप्ताह में
भुगतान सुनिश्चित करें। ऐसा नहीं करने वाले अधिकारियांे के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के निदेशक कृष्ण कुणाल ने वीडियो कांफ्रेसिंग के
जरिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की योजनाआंे की समीक्षा करते हुए यह बात कही।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के निदेशक कृष्ण कुणाल ने लंबे समय से छात्रवृतियों
का भुगतान नही होने को गम्भीरता से लेते हुए निर्देश दिए कि आवेदन पत्रों की कमियों
को तत्काल दूर कर भुगतान किया जाए। कुणाल ने कहा कि छात्रवृति ऑनलाइन पोर्टल में कोई
नया प्रावधान या सुधार करना हो तो जिला अधिकारी अपने सुझाव भिजवाएं। उन्होंने सरकारी
कर्मचारियों के बच्चों की ओर से ली गई छात्रवृतियों की रिकवरी करने के भी निर्देश दिए।
उन्हांेने बताया कि विभाग की ओर से 15 सितंबर से एक जिले में पाइलेट प्रोजेक्ट के रूप में पेंशन स्वीकृत करने के कार्य
अपने हाथ में ले रहा है इसकी तैयारियां की जा रही है, अगर यह प्रयोग ठीक
रहा तो एक माह बाद सभी जिलों में ऑनलाइन प्राप्त होने वाले पेंशन आवेदन पत्रों का सत्यापन
एवं स्वीकृतियां विभाग की ओर से जारी की जाएगी। उन्होंने जिला अधिकारियों एवं सामाजिक
सुरक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए कि संबंधित जिला कलेक्टर एवं विभाग के विकास अधिकारियों
से संपर्क कर पेंशन के लंबित आवेदन पत्रों की पेंशन स्वीकृतियां जारी कराएं। उन्हांेने
बताया कि आगामी 1 अक्टूबर से प्रदेश के सभी जिला कार्यालय,
छात्रावासों, आवासीय विद्यालयों एवं होम में बायोमैट्रिक उपस्थिति की सुनिश्चित की जाएगी। उन्हांेने
बताया कि बच्चों के बायोमैट्रिक उपस्थिति के अनुसार ही छात्रावासों एवं आवासीय विद्यालयों
में खर्चा सामग्री तथा अन्य सुविधाएं दी जाएगी। उन्होंने छात्रावासों में हुए प्रवेश
की स्थिति की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि जिन छात्रावास में क्षमतानुसार आवेदन
प्राप्त नहीं हुए है, उन सीटों को अन्य जिलों में स्थानान्तरित किया जाए। उन्होंने जिला अधिकारियों से
कहा कि आगामी दिनों में छात्रावासों एवं आवासीय विद्यालयों में भारतीय खाद्य निगम गेंहू
एवं नेफेड दालें सस्ती दरों पर उपलब्ध कराएगा। उन्हांेने पालनहार योजना, मुख्यमंत्री निःशुल्क
कोचिंग योजना की समीक्षा करते हुए अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दी जाने वाली सहायता
को समय पर देने के निर्देश दिए।
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