बाड़मेर, 26 अक्टूबर। बाड़मेर में आंगनबाड़ी केन्द्रों के 632 भवनों के विरुद्ध 701 भवन स्वीकृत किए गए हैं। महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती अनिता भदेल
ने गुरुवार को विधानसभा मंे यह जानकारी दी। श्रीमती भदेल सदन में प्रश्नकाल के दौरान
विधायकों की ओर से पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रही थीं।
महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती अनिता भदेल ने बताया कि इनमें से 575 प्रगतिरत हैं और 4 भवनों का निर्माण
पूर्ण हो चुका है। उन्हांेने बताया कि विधान सभा क्षेत्र सिवाना में 70 आंगनबाड़ी केन्द्रों
को स्वीकृति दी गई है। उन्होंने बताया कि सिवाना में 41 भवन स्वीकृत हैं, जिनमें से 36 प्रगतिरत हैं। इसी
तरह सिणधरी में 25 स्वीकृत हैं, जिनमें से 15 प्रगतिरत हैं और नोखड़ा मंे 4 में से 2 भवन प्रगतिरत हैं। उनके मुताबिक बाड़मेर में 1055 स्कूलों के भवनों में आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित हैं। उन्होंने
कहा कि इस बात के सौ प्रतिशत प्रयास किए गए हैं कि यदि आसपास किसी विद्यालय का भवन
खाली है, तो उसमें आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित किया जाए। इससे पहले विधायक हमीरसिंह भायल के
मूल प्रश्न का जवाब देते हुए महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री ने कहा कि विधान सभा
क्षेत्र सिवाना के अन्तर्गत 3 परियोजनाएं सिवाना, सिणधरी एवं नोखड़ा संचालित है। परियोजना सिवाना में 106, परियोजना सिणधरी में
28 एवं परियोजना नोखड़ा
में 10 आंगनबाड़ी केन्द्र अन्य भवनों में संचालित है। उन्होंने इसका विवरण सदन के पटल
पर रखा। श्रीमती भदेल ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों
के भवनों का निर्माण कार्य पंचायतीराज निकाय,
स्थानीय निकाय अथवा राजस्व विभाग से भूमि आवंटन हो जाने पर विभाग
की ओर से वित्तीय संसाधन की उपलब्धता के आधार पर विभागीय योजना के तहत करवाया जाता
है। उन्होंने कहा कि विधानसभा क्षेत्र सिवाना के आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पूरक पोषाहार
की आपूर्ति स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से प्राप्त कर प्रत्येक गुरुवार को लाभार्थियों
को वितरित किया जाता है। उन्होंने आंगनबाड़ी केन्द्रों पर गठित स्वयं सहायता समूह का
विवरण सदन के पटल पर रखा। महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री ने बताया कि वर्तमान में
बाड़मेर जिले में बाल विकास परियोजना अधिकारी के 13 पद रिक्त हैं। उन्होंने बताया कि बाल विकास परियोजना अधिकारी
के पद पर अन्य विभागों से ऐसे व्यक्तियों को प्रतिनियुक्ति पर लिया जा सकेगा,जो तत्समान वेतनमान
में कार्य कर रहे हो, किन्तु बाल विकास परियोजना अधिकारी के पद पर पदोन्नति से भरे जाने वाले पदों की
सीमा तक अन्य विभाग से प्रतिनियुक्ति लिए जाने के लिए राजस्थान उच्च न्यायालय की ओर
से नहीं लगाए जाने के निर्देश जारी किए गए है।
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