बुधवार, 5 जुलाई 2017

शैक्षणिक संस्थानों में बाल वाहिनी योजना के लिए दिशा निर्देश जारी

बाल वाहिनियांे मंे जीपीएस समेत विभिन्न सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश
              बाड़मेर, 05 जुलाई। विद्यार्थियांे को सुरक्षित, सुविधाजनक एवं सुलभ वाहन व्यवस्था उपलब्ध कराने एवं बाल वाहिनी योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए परिवहन विभाग ने दिशा निर्देश जारी किए हैं।
         परिवहन विभाग की ओर से जारी किए गए निर्देशांे के मुताबिक बाल वाहिनी के वाहन चालक को कैब, बस, ऑटो श्रेणी के वाहन चलाने का 5 साल का अनुभव हो तथा उसके पास कम से कम 5 वर्ष पुराना वैध ड्राइविंग लाइसेंस हो। ऑटो की बजाय बस, वैन एवं कैब जैसे सुरक्षित वाहनों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए है। बाल वाहिनी योजना के अन्तर्गत संचालित वाहनों की बैठक क्षमता सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों से निर्धारित क्षमता की डेढ़ गुना से अधिक नहीं होनी चाहिए। निर्देशांे के अनुसार ऑटो में बच्चों की सुरक्षा के लिए बायीं ओर चढ़ने एवं उतरने वाले गेट पर लोहे की जाली लगा कर बंद करना होगा। दुर्घटना और आपात स्थिति में छात्रों के लिए शिक्षा संस्था की वैन, कैब, बस, ऑटो में अनिवार्य रूप से प्राथमिकता सहायता बॉक्स तथा अग्निशामक यंत्र लगाया जाए। वाहन में पानी की बोतल एवं स्कूल बैग रखने के लिए रैक लगी होगी। वैन, बस, कैब में चालक अनिवार्य रूप से नियमानुसार सीट बेल्ट लगा कर ही वाहन चलाएगा। ऑटो में ड्राइवर सीट पर बच्चों का परिवहन नहीं किया जाएगा। वैन, बस, कैब में चालक के पास वाली सीट पर 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों का परिवहन नहीं किया जाएगा। बाल वाहिनी वाहन चालक एवं कंडक्टर नियमानुसार खाकी वर्दी पहनेंगे। बाल वाहिनी में अनिवार्य रूप से जी.पी.एस लगाया जाए,जिसके लॉगिंग नंबर एवं कोड स्कूल प्रशासन को उपलब्ध करवाये जाएंगे, ताकि स्कूल प्रशासन उसकी मॉनिटरिंग कर सके। यदि वाहन चालक का लाल-बत्ती का उल्लघंन करने, तेज एवं खतरनाक तरीके से वाहन चलाने, शराब पीकर वाहन चलाने, वाहन चलाते समय मोबाईल फोन पर बात करने जैसे अपराध के लिए एक से अधिक चालान हुआ तो स्कूल प्रशासन को उसे हटाया होगा। बस में छात्रों को उतारने व चढ़ने में सहायता के लिए एक परिचालक होगा। चालक व परिचालक को निर्धारित वर्दी पहन कर वाहन चलाना होगा। दो वर्ष में कम से कम एक बार बाल वाहिनी की सड़क एवं जीवन दायिनी प्रक्रिया का प्रशिक्षण एवं एक बार मेडिकल चेकअप नेत्र एवं स्वास्थ्य जांच करवाना आवश्यक होगा। बाल वाहिनी वाहनों में डोर लॉक की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। बाल वाहिनी वाहनों में स्पीड गवर्नर अनिवार्य रूप से लगाने एवं उसकी क्रियाशीलता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए है।
विद्यालय एवं महाविद्यालय के कर्त्तव्य : शैक्षणिक संस्थान प्रमुख द्वारा सड़क सुरक्षा क्लब के माध्यम से बाल वाहिनी योजना सख्ती से लागू कराई जाएगी। संस्थान प्रमुख सड़क सुरक्षा क्लब में एक वरिष्ठ अध्यापक एवं व्याख्याता स्तर का यातायात संयोजक नियुक्त करेंगे। प्रत्येक शैक्षणिक संस्थान एक विस्तृत ट्रेफिक प्लान तैयार करके बाल वाहिनी के वाहनों की ओर से छात्रा छात्राओं को विद्यालय एवं महाविद्यालय द्वारा विद्यालय परिसर में विद्यार्थियों को चढ़ाने उतारने के निर्धारित स्थान पर विद्यालय के बाहर सड़क की ओर देखते हुए सीसीटीवी कैमरा लगाया जाना अनिवार्य होगा।
विशेष फोटोयुक्त परिचय पत्र : शैक्षणिक संस्थान बाल वाहिनी वाहन चालक को विशेष फोटो युक्त परिचय पत्र जारी करेंगे। सुनहरे पीले रंग के कार्ड पर नीले रंग से लिखा जाएगा जो वाहन चालक के अनुबंधित बाल वाहिनी वाहन चलाने तक ही वैध होगा। प्रत्येक जिले में बाल वाहिनी योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए पुलिस अधीक्षक एवं पुलिस कमीशनरेट में उपायुक्त की अध्यक्षता में एक स्थाई संयोजक समिति गठित होगी, जो शैक्षणिक संस्थानों में छात्रा छात्राओं को लाने-जाने के लिए बाल वाहिनी योजना के नियमों का सख्ती से पालन कराएगी। बैठक की रिपोर्ट जिला कलक्टर की अध्यक्षता में गठित यातायात प्रबंधन समिति के समक्ष नियमित रूप से प्रस्तुत करनी होगी।

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