बाड़मेर, 21 जनवरी। राजकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय में 21 से 27 जनवरी तक एआईसीटीई-आईएसटीई द्वारा प्रायोजित एक सप्ताह के ऑनलाइन इंडक्शन/रिफ्रेशर प्रोग्राम ‘‘डिजिटल सेफ्टी एंड वेलबिंगः टूल्स एंड टेक्निक्स‘‘ कार्यक्रम का शुभारंभ शुक्रवार को एआईसीटीई नई दिल्ली के वाइस चेयरमैन एम पी पूनिया, इंडियन साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटर (आई फॉर सी) के उप सचिव वरिष्ठ आईएएस अधिकारी दीपक विरमानी एवं निदेशक तकनीकी शिक्षा पी सी मकवाना द्वारा किया गया ।
उद्घाटन सत्र मे तकनीकी शिक्षा विभाग के निदेशक ने कहा कि पॉलिटेक्निक महाविद्यालय बाड़मेर ने जन मानस को जागरूक करने के लिए आज के समय के ज्वलंत विषय को चुना क्योकि बढ़ते डिजिटल उपयोग के साथ डिजिटल सेफ्टी सबके लिए बहूत जरूरी हो गया है।
इस अवसर पर एआईसीटीई नई दिल्ली वाइस चेयरमैन पूनिया के कहा कि तकनीकी संस्थान शिक्षको को प्रोत्साहित कर इस तरह के कार्यक्रम आयोजित कर समाज को जागरूक कर रहे है उन्होने तकनीकी शिक्षा के विकास मे एआईसीटीई द्वारा किए जा रहे प्रयासो की जानकारी भी सांझा की। आईफॉरसी के उप सचिव दीपक विरमानी के बताया कि साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र मे भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा विभिन्न राज्यो की पुलिस,एनपीसीआई, बैंक आदि के साथ साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन के उद्देश्य से अगस्त 2018 मे इंडियन साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटर (आईफॉरसी) की स्थापना की थी। साथ ही आईफॉरसी द्वारा किए जा रहे 7 वेर्टिकल्स एवं विभिन्न साइबरक्राइम पोर्टल की जानकारी देते हुए बताया कि आमजन द्वारा साइबर फ्रौड की अवस्था मे साइबर क्राइम डॉट जीओवी कॉम पोर्टल पर शिकायत दर्ज की जा सकती है। उन्होने इस बात पर विशेष बल दिया कि साइबर फ्रौड का शिकार होते ही तुरंत हेल्पलाइन नंबर 155260 पर शिकायत करें। सरकार के 6 अक्तूबर 2021 से हर महीने के प्रथम सप्ताह के बुधवार को साइबर जागरूकता दिवस मनाने का भी निर्णय लिया है जिससे जनमानस डिजिटल सेफ्टी के प्रति जागरूक किया जा सके। उन्होने तकनीकी संस्थानो मे साइबर स्वच्छता मेनुयल्स की पुस्तकों को पाठ्यक्रम मे सम्मिलित करने का भी सुझाव दिया।
इस मौके पर तकनीकी शिक्षा विभाग के पूर्व निदेशक इंजी. दरिया सिंह यादव भी जुड़े। उन्होने कहा कि पिछले 25-30 वर्षो मे ई दृप्रदूषण बे हिसाब बढ्ने से साइबर क्राइम के मामलो मे काफी बढ़ोतरी हुई है इस धरती को साइबर क्राइम के संकटों से मुक्त कर डिजिटल सुरक्षित बनाना है उन्होने हर्ष जताते हुए कहा कि पॉलिटेक्निक महाविद्यालय बाड़मेर द्वारा आयोजित कार्यक्रम राजस्थान मे तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र मे एक सराहनीय कदम है।
संस्थान के प्राचार्य श्री अंशु सहगल ने कहा एआईसीटीई- आईएसटीई द्वारा प्रायोजित इस राष्ट्र स्तरीय कार्यक्रम मे राजस्थान राज्य के साथ साथ देश के विभिन्न राज्यो के शिक्षण संस्थानो के चार सौ से ज्यादा शिक्षक एवं रिसर्च स्कॉलर आवेदन किया था जिसमे करीब सौ प्रतिभागियो का चयन किया गया।
उद्घाटन के बाद प्रारम्भ के तकनीकी सत्र मे विषय विशेषज्ञ अनूप गिरधर, प्रसिद्ध साइबर क्राइम अन्वेषक एवं सलाहकार ने बताया कि आज के समय मे वेबसाइट हमारी हर ऑनलाइन हरकत की निगरानी कर रही है, ऐसे मे आमजन द्वारा सोश्ल मीडिया पर व्यक्तिगत जानकारी सांझा करते समय सावधानी बरतने की अवश्यकता है जिसके संबंध मे विशेषज्ञ द्वारा विस्तृत विचार विमर्श किया। इसी प्रकार तकनीकी सत्र मे विषय विशेषज्ञ डा. सुमित कालरा, प्रोफेसर आईआईटी जोधपुर ने सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग मे सुरक्षा तकनिकों के उपयोग एवं सावधानियों के बारे मे विस्तृत जानकारी दी।
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