मंगलवार, 18 मई 2021

कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की पूर्व तैयारियां

बच्चों की सुरक्षा के लिए सुरक्षात्मक उपाय सुनिश्चित करने पर जोर

बाड़मेर, 18 मई। कोविड-19 महामारी की संभावित तीसरी लहर दस्तक दे सकती है, जिसमें विशेषज्ञों द्वारा आशंका जताई गई है कि बच्चों में भी संक्रमण की गंभीर स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इस संबंध में जिला कलक्टर लोक बंधु ने विभिन्न विभागीय अधिकारियों को राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा जारी गाईडलाईन की अक्षरशः पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है।
जिला कलक्टर लोक बंधु ने बताया कि वर्तमान में कोरोना रोकथाम हेतु टीकाकरण की व्यवस्था बच्चों के लिए नहीं की गई है, इस स्थिति में तीसरी लहर से बच्चों में संक्रमण ना हो इसके लिए अभी से उपाय करने होंगे। उन्होंनें बताया कि बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा सुरक्षात्मक उपाय लागू करने के निर्देश दिए है।
उन्होनें बताया कि जिले मे ंशिशु अस्पताल, सामान्य अस्पताल में शिशु वार्ड में वेंटीलेटर, ऑक्सीजन, चिकित्सक, नर्सिग कर्मी जैसी आधारभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए है। उन्होनें बताया कि बच्चों से संबंधित सभी संस्थाओं में यथा बाल कल्याण समिति, किशोर एवं बालिका गृहों, छात्रावासों आदि में पल्स ऑक्सीमीटर क्रय किया जाए, ताकि संक्रमण की स्थिति में बच्चों के गंभीर स्थिति में पहंुचने से पूर्व ही समय पर उचित इलाज मिल सके। उन्होनें यहां पर्याप्त मात्रा में मास्क एवं सेनेटाईजर की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। उक्त संस्थाओं में समय-समय पर बच्चों के लिए कमरा्रे, शौचालयों, रसोईघरों को सेनेटाईज करने की व्यवस्था की जाए। उन्होनें बताया कि बच्चों को खाना खाने से पहले हाथ धोने एवं सेनेटाईज करने के बारे में बताया जाए। प्रत्येक बच्चे को एक पॉकेट सेनिटाईजर उपलब्ध करवाया जाए ताकि वह अपने साथ रख सके एवं जरूरत पड़ने पर उपयोग कर सके। उन्होनें उक्त संस्थाओं में आने जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति की कोरोना से संबंधित गंभीरता से जांच कर प्रवेश देने के निर्देश दिए है। साथ की यहां कार्यरत अधिकारी एवं कार्मिको को भी बिना मास्क प्रवेश ना दिया जाए।
उन्होनें बताया कि जिले में उपखण्ड, ब्लॉक एवं ग्राम समिति स्तर पर बच्चों के लिए डेडिकेटेड कोविड सेंटर बनाये जायें, ताकि कोई बच्चा संक्रमित होता है तो उसे वहां भर्ती कर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई जा सके एवं सामान्य कोविड सेंटर में अत्यधिक संक्रमण के खतरे से बचाया जा सके। साथ ही उक्त डेडिकेटेड कोविड सेंटर में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध करवाई जाए। बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को अधिक मजबूत करने के लिए संतुलित भोजन, पौष्टिक खाद्य पदार्थ जैसे हरी सब्जियां, फल इत्यादि उपलब्ध कराए जावे।
उन्होने बताया कि बच्चों को उसकी उम्र के हिसाब से वो सभी वैक्सीन्स लगवाएं जो उसे वायरस और बैक्टीरिया के कारण फैलने वाली बीमारियों से बचाएं। उन्होनें बताया कि बच्चों का सही समय एवं सही तरीके से वैक्सीनेशन कराया जाए तो उन्हें बहुत सारी मौसम जनित बीमारियों से बचाया जा सकता है साथ ही बच्चों के वैक्सीनेशन का विधिवत रिकॉर्ड संधारित किया जाना चाहिए। बच्चों को मास्क की उपयोगिता, मास्क क्यों पहनना जरूरी है और यह कोरोना से हमें किस तरह बचाता है, जैसी सभी बातों को समझाने हेतु व्यवस्था की जावे।
उन्होनें बताया कि उपखण्ड, ब्लॉक, ग्राम समिति स्तर पर बाल कल्याण समिति, किशोर एवं बालिका गृहों, छात्रावासों, आंगनवाडी केन्द्रों में समय-समय पर बच्चों के चिकित्सकीय परीक्षण करवाये जाये ताकि संक्रमण फैलने से पूर्व ही उसे रोका जा सके।
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